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India News(इंडिया न्यूज), CG Election: कभी समाज को लेकर राजनीति करने में माहिर प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री अब समाज की राजनीति के खेल में ही उलझे नजर आ रहे हैं, पिछले दिनों एक न्यूज घराने में भाजपा के संभावित प्रत्याशियों की सूची जारी हुई, जिसमे बैकुंठपुर विधानसभा से एक बार फिर पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े को प्रत्याशी बताया जा रहा था, इस सूची के बैकुंठपुर क्षेत्र में भी अंदरूनी विरोध की लहर तेज हो गई है।
भाजपा द्वारा गत 1 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक रखी गई थी जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रत्याशियों के नाम पर भी अंतिम मुहर लगने की जानकारी मिली है,जिसके बाद दूसरे दिन एक न्यूज चैनल ने भाजपा द्वारा जिन नामो पर सहमति दी गई है, उसकी तथाकथित सूची वायरल की गई और पुख्ता दावा किया गया की भाजपा द्वारा इन्ही नाम पर मुहर लगाया गया है। जिसके बाद सभी विधानसभा क्षेत्रों में तैयारी कर रहे अन्य दावेदारों ने प्रदेश से लेकर केंद्र तक नेताओ से संपर्क किया और नाराजगी भी सामने आने लगी है, अब खबर मिल रही है कि भाजपा द्वारा अपनी दूसरी सूची विवादो के कारण रोक दी गई है।
यदि वायरल सूची पर गौर किया जाए तो देखने में मिलता है कि इस बार सूरजपुर जिले की प्रतापपुर सीट से पूर्व गृह मंत्री और कवर समाज के बड़े चेहरे रामसेवक पैकरा का टिकट काट कर वहा से शकुंतला पोर्ते को टिकट दिया गया है। यह सीट पहली सूची में ही घोषित कर दी गई थी, दूसरी सूची में वे नाम देखने को मिले जो कि रमन मंत्रिमंडल के सदस्य थे या की पिछला चुनाव हार गए थे, और वास्तव में 2018 के चुनाव में उन्ही के खिलाफ जनता ने मतदान किया था।
उक्त सूची में बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े का टिकट फाइनल बताया गया जिसमे बैकुंठपुर क्षेत्र से भी आक्रोश की खबरे मिल रही है, पूर्व मंत्री ने हमेशा ही समाज की राजनीति की है और उनके द्वारा दूसरे समाज को महत्व नहीं दिया गया,जिससे की उनका नाम सामने आने के बाद अलग अलग समाजों में विरोध नजर आने लगा है। साहू समाज के भी भीतर ही भीतर फिर से विरोध की बात निकल रही है तो वहीं बैकुंठपुर क्षेत्र में लगभग 10 हजार वोटर वाले कवर समाज में आक्रोश व्याप्त है।
इस बारे में इस विधानसभा में निवास करने वाले कवर समाज के प्रमुख लोगो ने बताया कि पार्टी का यह निर्णय एकदम गलत है हमारे समाज से आने वाले पूर्व गृह मंत्री का टिकट काट दिया गया जिसमे यह बात सामने आई थी कि अधिकांश सीट पर नए चेहरे को मौका दिया जा रहा है,लेकिन वायरल सूची में बैकुंठपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े का नाम सामने आ रहा है जो की हमारे समाज के साथ भी धोखा है यदि भैयालाल राजवाड़े एवं अन्य पूर्व हारे हुए मंत्रियों को टिकट दिया जाता है तो फिर पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा को भी टिकट दिया जाए, भाजपा हमारे समाज का अपमान कर रही है।
ऐसा नहीं है कि पूर्व मंत्री भैयालाल से सिर्फ साहू, कवर समाज की नाराजगी है, क्षेत्र में कई ऐसे समाज है जो की अधिक संख्या में है और उनसे पूर्व मंत्री की दूरी सार्वजनिक है। बतलाया जाता है कि साहू समाज भी भीतर ही भीतर उनसे है, कवर समाज चुनाव में उनका साथ नहीं देता, राजवाड़े समाज में भी अब दो फाड़ हो चुका है, जयसवाल,बनिया, ब्राह्मण,यादव, बरगाह, पनिका आदि समाज भी इस क्षेत्र में है और काफी प्रभावशील है ये सभी समाज अब पूर्व मंत्री से उतने करीब नही है कि उन्हें जीत आसानी से मिल सके।
क्षेत्र में यह चर्चा का विषय है कि यदि भाजपा बैकुंठपुर से पूर्व मंत्री भैयालाल को टिकट देती है तो कांग्रेस एक बार फिर वेदांती तिवारी को टिकट दे सकती है। वर्तमान में बैकुंठपुर से विधायक अंबिका सिंहदेव काफी कमजोर मानी जा रही हैं वेदांती तिवारी से भैयालाल राजवाड़े का दो बार आमना सामना हुआ है जिसमे एक बार 5 हजार व एक बार 1 हजार से कम वोट के अंतर से वेदांती तिवारी की हार हुई थी, लेकिन इस बार स्थिति अलग है, प्रदेश के कांग्रेस की सरकार है और सरकार ने काम भी किया है।
यदि भैयालाल के खिलाफ वेदांती को टिकट दिया जाता है तो फिर भैयालाल को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा, विभिन्न समाज से बनी दूरी भैयालाल राजवाड़े की हार का कारण भी बन सकता है। माना जा रहा है कि यदि यहां से नया चेहरा भी उतारा जाता है तो उसके खिलाफ किसी भी प्रकार का माहोल नहीं रहेगा और कांग्रेस से अंबिका सिंहदेव या वेदांती तिवारी के भी चुनाव लडने की स्थिति में भाजपा के नए चेहरे को फायदा मिल सकता है।
पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने अपने कार्यकाल में कवर समाज को भी हाशिए पर रखा था,इस समाज से स्व फलेंद्र सिंह बड़े आदिवासी नेता थे और कोरिया जिला पंचायत के अध्यक्ष भी बने थे लेकिन उनके बाद उन्हें या उनके परिवार में से किसी को दुबारा आगे बढ़ने का मौका नहीं मिला। इसी प्रकार पूर्व आरटीओ स्व जेएल पैकरा की बहू स्व हेमलता पैकरा को भी एक बार जिला पंचायत सदस्य बनने का मौका दिया गया किंतु उन्हें यही तक रोक दिया गया,उन्हे राजनैतिक षड्यंत्र के तहत जिला पंचायत का अध्यक्ष बनने से रोक दिया गया था और फिर उसके बाद कवर समाज से कोई जनप्रतिनिधि बड़े पद पर नहीं पहुंच सका।
वायरल सूची में बैकुंठपुर सीट से भैयालाल राजवाड़े का नाम सामने आते ही उनके समर्थको ने आपा खो दिया है,सोशल मीडिया में अन्य दावेदारों को नीचा दिखाने एवं तरह तरह के कमेंट किए जा रहे हैं,शेर अभी जिंदा है जैसे शब्द लिखकर आपसी मनमुटाव पैदा किया जा रहा है। बहरहाल उठ रही खबरों को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेतृत्व को बैकुंठपुर सीट पर भी विचार करने की जरूरत है।
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