India News (इंडिया न्यूज़), Arvind Kejriwal Case: उत्पाद नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद संभवत: यह पहली बार है कि किसी मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया और इसके बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री एक सुर में कह रहे हैं कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे। जेल से ही सरकार चलाएंगे। सवाल उठता है कि क्या कोई जेल में रहकर मुख्यमंत्री बन सकता है और जेल से सरकार चला सकता है? संविधान इस पर चुप है इसलिए यह मुद्दा बहस का विषय है।
जानकारों के मुताबिक, संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है लेकिन जेल से सरकार चलाना अव्यावहारिक है। यह नैतिकता के भी विरुद्ध है। संविधान में ऐसी कोई जगह नहीं है कि जेल जाने के बाद किसी को इस्तीफा देना पड़े। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को किसी अपराध के लिए अदालत द्वारा दो साल या उससे अधिक की कैद होती है, तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा। कुछ मामलों में केवल दोषी पाए जाने पर भी अयोग्यता का प्रावधान है। लेकिन यहां मामले में अभी तक केजरीवाल को सजा नहीं हुई है बल्कि सिर्फ आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यानी कानून की नजर में वह अयोग्य नहीं है।
जाने-माने संविधानविद् सुभाष कश्यप कहते हैं कि संविधान निर्माताओं ने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी स्थिति आएगी जब कोई मुख्यमंत्री ऐसा करेगा। इसलिए इस संबंध में कोई प्रावधान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी का कहना है कि संविधान में कई चीजें गायब हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के लिए जेल से सरकार चलाना अव्यावहारिक होगा।
द्विवेदी कहते हैं कि सार्वजनिक नैतिकता भी कोई चीज है। पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी का कहना है कि उन्हें इस्तीफा देना होगा। यदि किसी और को नामांकित नहीं किया गया तो नेतृत्वहीन सरकार नहीं चल सकती। संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। राष्ट्रपति शासन के मामले पर सुभाष कश्यप का मानना है कि उपराज्यपाल केंद्र को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।
वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि क़ानूनी तौर पर तो कोई रोक नहीं है, लेकिन प्रशासनिक तौर पर ऐसा करना लगभग नामुमकिन है। झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी का कहना है कि मुख्यमंत्री के जेल जाने पर इस्तीफा देना जरूरी नहीं है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि अगर कोई जेल जाता है तो उसे अपना पद छोड़ देना चाहिए। इससे पहले भी केजरीवाल के मंत्री सत्येन्द्र जैन लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं। विशेषज्ञों की राय पर गौर करें तो यह एक ग्रे एरिया है और स्थिति तभी स्पष्ट हो सकती है जब कोर्ट इस संबंध में कोई फैसला सुनाएगा या कोई कानून बनेगा।