इंडिया न्यूज, आंध्र प्रदेश। अकसर अस्पतालों पर लापरवाही और अव्यवस्था के आरोप लगते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला आंध्र प्रदेश के तिरुपति से सामने आया है जहां एक सरकारी अस्पताल ने एक शव ले जाने के लिए एंबुलेंस का किराया ज्यादा बताया जो वह दे नहीं पाया और उसे अपने बेटे के शव को स्कूटर पर ले जाना पड़ा।
आपको बता दें कि यह मामला आंध्र प्रदेश के तिरुपति की है। यहां स्थित वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया अस्पताल में एक मजदूर ने अपने दस साल के बेटे को भर्ती कराया था, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। उसकी मौत के बाद शव ले जाने के लिए पिता ने अस्पताल से एंबुलेंस के बारे में पूछा तो अस्पताल में मौजूद स्टाफ और एंबुलेंस ड्राइवर ने उनसे शव ले जाने के लिए काफी ज्यादा पैसों की मांग की।
Father took son’s body 90 km on scooter
इतना ही नहीं आरोप है कि स्टाफ ने बाहर से भी किसी एंबुलेंस को एंट्री देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मजबूर पिता ने बेटे की लाश को स्ट्रेचर से उठाकर अपने कंधों पर रखा और स्कूटर से ले जाना पड़ा। जैसे ही इस घटना का वीडियो और इसकी तस्वीरें बाहर आईं हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि उनका गांव अस्पताल से करीब 90 किलोमीटर दूरी पर है।
जानकारी अनुसार कलेक्टर ने संबंधित चिकित्सा अधिकारी सरस्वती देवी को निलंबित करने का आदेश दिया है और अस्पताल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं स्थानीय अधिकारी नरसा रेड्डी ने बताया कि बच्चे को गंभीर किडनी और लीवर खराब होने के कारण रविवार को अस्पताल लाया गया था और सोमवार की रात उसने अंतिम सांस ली है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
उधर विपक्ष ने घटना को लेकर सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा। एमएलसी नारा लोकेश ने कहा कि 90 किलोमीटर एक पिता को दोपहिया वाहन पर बेटे के शव को ले जाने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं तेलुगु देशम पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकतार्ओं ने अस्पताल के सामने धरना दिया।
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