India News (इंडिया न्यूज़),Mahashivratri: भगवान शिव को सबसे दयालु भगवान के रूप में माना जाता है और उन्हें देवो के देव महादेव भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव की पूजा करने से आपको मनचाहा वरदान मिल जाता है। ऐसे में महाशिवरात्रि के मौके पर उनके भक्त उनके दर्शन करने के लिए मीलों का सफर तय करते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा-आराधना करता है महादेव उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, जिसे महाशिवरात्रि के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। तो अगर आप भी सोच रहे हैं कि इस महाशिवरात्रि किस तीर्थस्थान जाएं तो आज हम आपके लिए लाए हैं महादेव के कुछ बेहतरीन तीर्थस्थलों की लिस्ट। माना जाता है कि इन मंदिरो के दर्शन मात्र से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व माना गया है। यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम ज्योतिर्लिंग में से एक है। सोमनाथ मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी किया गया है। इसकी महिमा महाभारत, श्रीमद्भागवत, स्कन्द पुराण और ऋग्वेद में भी वर्णित है। सोमनाथ मंदिर असंख्य भक्तों की आस्था का केंद्र है।
अगर आप महाराष्ट्र के हैं या धार्मिक यात्रा के लिए महाराष्ट्र जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा भूतनाथ के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए त्र्यंबकेश्वर मंदिर ज़रुर जाएं। यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से दसवे स्थान पर है। धर्म शास्त्रों में कालसर्प और पितृ दोष का निवारण त्र्यंबकेश्वर में कराने का विधान है। लोगों में त्र्यंबकेश्वर स्थित बाबा भोलेनाथ में अटूट श्रद्धा है।
यह मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। शिवपुरी नामक द्वीप पर बसा ओंकारेश्वर मंदिर ॐ के आकार में बना है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने के लिए ओंकारेश्वर मंदिर आते हैं। महा शिवरात्रि पर मंदिर को बहुत खुबसुरती से सजाया जाता है। इस दिन ओंकारेश्वर मंदिर में उत्सव जैसा माहौल रहता है। इस महाशिवरात्रि महादेव के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए ओंकारेश्वर मंदिर जरूर जाएं।
काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा भोले का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखने लायक होती है। बहुत दूर दूर से लोग यहा गंगा घाट और भोले बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। भगवान शंकर के त्रिशूल पर टिकी काशी नगरी में बाबा विश्वनाथ मंदिर का नवीनीकरण कर दिया गया है जिसके कारण ये मंदिर पहले से भी दिव्य दिखाई देने लगा है। अगर आप भी इस शिवरात्रि महादेव के साक्षात दर्शन करना चाहते हैं तो यहां दर्शन के लिए जरुर जाएं।
मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर कुरुक्षेत्र से करीब 25 किलोमीटर दूर शाहबाद मारकण्डा नामक नदी के पावन तट पर बना है।माना जाता है कि यह स्थान पर महर्षि मार्कण्डेय की तपोभूमि हुआ करती थी। यही कारण है कि इस स्थान का नाम शाहबाद मारकंडा पड़ा है। इस शिवरात्रि आप महादेव के इस मंदिर में जाकर जरुर दर्शन करें।
यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा ज्योतिर्लिंग है। इसकी खासियत यह है कि यह एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिणमुखी है। पुराणों में भी ऐसा कहा गया है कि उज्जैन की स्थापना खुद ब्रह्माजी ने की थी। यही वजह है कि तंत्र साधना के लिहाज से इसे काफी अहम मंदिर माना जाता है, क्योंकि तंत्र साधना के लिए दक्षिणमुखी होना जरूरी है। इस मंदिर को लेकर एक मान्यता यह भी है कि यहां भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। कहा जाता है कि महाकाल के दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
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