Ajay Devgn Deepfakes Controversy
Ajay Devgn Deepfakes Controversy: बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन अश्लील, अपमानजनक और एआई-जनरेटेड डीपफेक कंटेंट का शिकार हुए हैं, जिसे लेकर उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई थी, अब इस मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है और AI कंटेंट को लेकर सखती दिखाई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को ही इन डीपफेक वीडियो और अश्लील एआई-जनरेटेड कंटेंट को तुरंत हटाने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट अजय देवग से भी कई तरह के सवाल किए हैं
दरअसल, अजय देवगन के वकील प्रवीन आनंद ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई कि एक यूट्यूबर अभिनेता अजय देवगन के नाम, तस्वीर और चेहरे का इस्तेमाल करके अश्लील, अपमानजनक और AI-जनरेटेड डीपफेक कंटेंट फैला रहा है और बिना अनुमती के Amazon सहीत कई ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर उनका नाम यूज करके फोटो फोटो वाले पोस्टर, टी-शर्ट और कैप बेच रहा है. इसके अलावा अजय देवगन के वकील प्रवीन आनंद ने कहा है कि आज के समय में डीपफेक का मुद्दा पूरी दुनिया में चिंता का विषय है.
अब अजय देवगन के डीपफेक के मुद्दे पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी डीपफेक वीडियो और अश्लील एआई-जनरेटेड कंटेंट को तुरंत हटाने का आदेश दिया है. लेकिन न्यायमूर्ति मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि कोर्ट केवल अश्लील और डीपफेक कंटेट पर ही कठोर रुख अपनाएगा, वो अभी साधारण तस्वीरों या फैन पेजों पर लगाए गए सामान्य पोस्टों को हटाने का आदेश नहीं देता है. वहीं बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जज अरोड़ा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि फैंस को इतनी आजादी देनी ही होगी, वरना सभी फैन पेज को हटाना होगा और अभिनेता अजय देवगन को सारे निशान मिटाने होंगेदिल्ली हाई कोर्ट का कहना था कि साधारण फोटो रिप्रोडक्शन पर एक्स-पार्टी आधार पर कार्रवाई संभव नहीं है, लेकिन डीपफेक, पोर्नोग्राफिक और आपत्तिजनक कंटेट हटाने का आदेश दिया जा सकता है. सुनवाई के दौरान अजय देवगन से भी पूछताछ की गई है.
न्यायालय ने अजय देवगन से पूछा- क्या अभिनेता ने यूट्यूब से सीधे संपर्क कर पहले शिकायत दर्ज कराई थी. यदि पहले से औपचारिक विरोध दर्ज कराया गया हो, तो मामला और भी मजबूत होता. न्यायालय के जज अरोड़ा ने कहा- “मैं अभी राहत दे रही हूं, पर आगे ऐसे मामलों में पहले शिकायत करना अनिवार्य है. अन्यथा, अगली सुनवाई तक दो महीने का इंतज़ार करना पड़ेगा.” जज ने ये भी कहा कि याचिका में कॉपीराइट उल्लंघन, ट्रेडमार्क अधिकार, डीपफेक,अश्लील कंटेट और ऑनलाइन सेलिंग सभी मुद्दों को एक साथ मिला देने से मामला जटिल हो गया है. अलग-अलग कारण एक साथ मिलाए जाएंगे तो यह अदालत और वकीलों दोनों के लिए मुश्किल पैदा करेगा. फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट ने तुरंत सभी सभी डीपफेक और अश्लील सामग्री को हताने का आदेश दिया है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को दो हफ्ते में नोटिस का जवाब देने का आदेश दिया है.
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