Narak Chaturdashi 2022: दिवाली के महापर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ शुरु हो जाती है। बता दें कि पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन भैया दूज के साथ होता है। वहीं, धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को काफी खास भी माना जाता है। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस और छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं। हर साल दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार तिथियों के बदलाव की वजह से दिवाली के दिन ही नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है।
आपको बता दें कि इस साल नरक चतुर्दशी 24 अक्टूबर को मनाई जा रही है। माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण से नरकासुर नामक राक्षस का वध करके करीब 16 हजार महिलाओं को मुक्त किया गया था। इसी वजह से इसे दीप जलाकर खुशियों के तौर में मनाया जाता है। इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव के लिए दीपक जलाकर सुख समृद्धि की कामना की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन ज्यादातर लोग 5 दिए जलाते हैं। जिसमें से एक दीपक पूजा घर, दूसरा किचन, तीसरा पानी पीने वाले जगह, चौथा पीपल के पेड़ और पांचवा दिया मुख्य द्वार में जलाना शुभ होता है। लेकिन आप चाहे तो 5 की जगह 7, 13 या फिर 14 दीपक भी जला सकते हैं। यहां आपको बताते है कि किन-किन जगहों पर इन दीपकों को जलाना शुभ माना गया है।
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