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Brain Fog Symptoms : क्या है ब्रेन फॉग, जानें इसके लक्षण और सावधानियां

Sameer Saini • LAST UPDATED : October 23, 2021, 7:03 am IST

Brain Fog Symptoms : अगर आप छोटी-छोटी बातों को भूल रहे हैं या फिर आपके लिए अपनी ही कही बात को याद रखने में मुश्किल आ रही है, तो इसे ब्रेन फॉग कहते हैं। ये कोई मेडिकल टर्म नहीं है। बल्कि यह एक आम भाषा है, जिसके जरिए दिमाग से जुड़ी कई समस्याओं के ग्रुप के बारे में बताया जाता है, जैसे याददाश्त कमजोर होना, ध्यान न लगना, सूचना को समझने में दिक्कत होना, थकावट रहना और इधर-उधर के विचार आना आदि। (Brain Fog Symptoms)

ब्रेन फॉग के लक्षण दूसरी कई संभावित बीमारियों में भी दिखाई देते हैं। जैसे कैंसर और उसमें दी जाने वाली कीमोथेरेपी, डिप्रेशन, क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम और गर्भावस्था के दौरान भी ब्रेन फॉग की समस्या आ सकती है। कोरोना से ठीक हो चुके करीब 28 प्रतिशत लोगों ने ब्रेन फॉगिंग, मूड चेंज, थकान व एकाग्रता में कमी की शिकायत की है।

क्या होते हैं लक्षण (Brain Fog Symptoms)

एक्सपर्ट का कहना है कि ब्रेन फॉग के कारण व्यक्ति के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है। ऐसे लोगों में हमेशा थकान रहना, किसी काम में दिल न लगना, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, अपनी पसंद के काम भी रुचि का अभाव, लगातार सिर दर्द, नींद न आ पाना और छोटी-छोटी बातें भूल जाना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। डॉक्टर खून की जांच में इसका पता लग सकते हैं। जैसे शुगर या थायराइड का अनबैलेंस, किडनी आदि का फंक्शन सही न होना, या किसी संक्रमण का होना या शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी ब्रेन फॉग के रूप में दिखाई देती है। (Brain Fog Symptoms)

ब्रेन फॉग के कारण 

 नींद पूरी न होना। स्क्रीन के साथ ज्यादा समय बिताना। सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर डालने वाली समस्याएं, जैसे मल्टीपल स्केलेरोसिस।  जिन रोगों में शरीर के अंदरूनी हिस्सों में सूजन। आने की आशंका रहती है, या ब्लड शुगर का लेवल ऊपर-नीचे होने लगता है, उस वजह से भी ब्रेन फॉग की स्थिति हो सकती है। जैसे डायबिटीज, ह्यपेरथयरॉइड, डिप्रेशन, अल्जाइमर और एनीमिया। (Brain Fog Symptoms)

कैंसर और कीमोथेरेपी

कैंसर के इलाज में दी जाने वाली कीमोथेरेपी में कुछ विशेष दवाएं होती हैं, जो याददाश्त पर असर डाल सकती हैं। हालांकि, आमतौर पर यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है।

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम

अधिक थकान यानी क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम की स्थिति 6 महीने या उससे ज्यादा समय तक बनी रह सकती है। इसमें व्यक्ति को मानसिक थकान होती है, जिससे गफलत रहने लगती है।

दवाओं का असर

कुछ दवाओं के सेवन से भी ब्रेन फॉग हो सकता है, डिप्रेशन या इन्सोम्निया में दी जाने वाली दवाएं सोचने समझने पर असर डालती हैं।

खानपान और सावधानियां

अपनी डाइट में अमीनो एसिड, विटामिन ए, बी, सी और ओमेगा 3 फैटी एसिड नियमित रूप से शामिल करें।  दोपहर में कैफिन युक्त पेय न लें। शराब और स्मोकिंग से परहेज करें। रोज 15 मिनट धूप लें। नियमित एक्सरसाइज जरूर करें। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर से एक्स रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, एलर्जी टेस्ट आदि की सलाह भी ले सकते हैं। कई मामलों में दवाओं के साथ थेरेपी भी इस समस्या से निपटने में मददगार हो सकती है। (Brain Fog Symptoms)

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