28Th Day Of Russia Ukraine War : जानिए, रूस के पास कौन से हथियार हैं जो यूक्रेन को कर रहे बर्बाद?
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: 28Th Day Of Russia Ukraine War: यूक्रेन रूस युद्ध का आज 28वां दिन है। इस युद्ध के बीच अमेरिका, रूस और यूक्रेन में आपसी जुबानी वार भी जारी है। (russia military power vs nato) वहीं अमेरिका ने दावा किया है कि रूस ने जिस भी कारण से यूक्रेन पर हमला किया […]
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: 28Th Day Of Russia Ukraine War: यूक्रेन रूस युद्ध का आज 28वां दिन है। इस युद्ध के बीच अमेरिका, रूस और यूक्रेन में आपसी जुबानी वार भी जारी है। (russia military power vs nato) वहीं अमेरिका ने दावा किया है कि रूस ने जिस भी कारण से यूक्रेन पर हमला किया है वो उन्हें हासिल करने में नाकाम रहा है, लेकिन नाकामी के बावजूद यह युद्ध आसानी से समाप्त नहीं होगा।
बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर सबसे घातक मिसाइल दागी है। (russia military power) इसके अलावा रूस यूक्रेन पर क्रूज मिसाइल, इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल, थमोर्बैरिक जैसे कई हथियार बरसा रहा है। बताया जाता है कि ये इतने घातक हथियार हैं जो इंसान को भाप बना देते हैं। (russia military power vs ukraine) तो चलिए जानते हैं रूस के पास वो कौन-कौन सी मिसाइल, हथियार हैं जो यूक्रेन को तबाह कर रहा है। क्या है इन हथियारों की खासियत। (russia military power report 2022)
28Th Day Of Russia Ukraine War
Russia Is Destroying Ukraine With These Weapons
रॉकेट से हमले
(Russian Armed Forces) रूस यूक्रेन के शहरी इलाकों में रॉकेट से हमला कर पूरी तरह से तबाह कर रहा है। इसमें यूक्रेन का कीव, खार्किव, ओडेसा, चेर्निहीव, इरपिन समेत कई शहर हैं जिन पर युद्ध की शुरूआत से ही रूस रॉकेट दाग रहा है। रूसी सेना ग्रैड, स्मर्च यानी टॉनेर्डो और उरगन समेत कई रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल कर रही है। बीएम-30 स्मर्च एमबीआर है। यह हेवी रॉकेट लॉन्चर है जो सॉफ्ट टारगेट, कमांड पोस्ट के लिए स्पेशल है। रूस टीओआर-एम2 एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल का भी इस्तेमाल कर रहा है। इसकी रेंज 16 किलोमीटर तक है। रूस यूक्रेन को बर्बाद करने के लिए टी-80 मैन बैटल टैंक का इस्तेमाल कर रहा है।
20 मार्च को रूस ने ब्लैक सी और कैस्पियन सी से यूक्रेन पर कैलिबर क्रूज मिसाइल दागी। इन मिसाइलों से रूसी सेना यूक्रेनी नागरिकों वाले क्षेत्र और डिफेंस एरिया, सरकारी इमारतों को नेस्तनाबूद कर रही है। इससे पहले कैलिबर मिसाइल का इस्तेमाल रूस ने 2015 में सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए किया था। रूस 3एम-14 कैलिबर क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है।
यह बिना किसी व्यक्ति के आॅपरेट होती है। एयरोडायनामिक लिफ्ट से उड़ान भरती है। इसका काम टारगेट पर विस्फोटक या पेलोड गिराना है। यह जेट इंजन की मदद से पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उड़ान भरती है।
खासियत: कैलिबर क्रूज मिसाइल कभी भी कहीं से भी अटैक कर सकती है जैसे (जल, जमीन, आकाश)। ये पिन पॉइंट एक्यूरेसी के साथ टारगेट करती है। रडार में पकड़ना मुश्किल है। अमेरिका टॉम हॉक क्रूज मिसाइल से भी अधिक घातक है। मारक क्षमता 1,500 से 2, 500 किलोमीटर है।
हाइपरसोनिक मिसाइल (28Th Day Of Russia Ukraine War)
पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइल की टेस्टिंग 2018 में हुई थी। रूसी राष्टÑपति व्लादिमिर पुतिन इस मिसाइल को ‘आइडियल वेपन’ कहते हैं। 1,500 से 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल से परमाणु बम तक गिराया जा सकता है। केएच-47एम2 किंझल मिसाइल साउंड से 10 गुना अधिक रफ्तार से दुश्मन तक पहुंचती है और दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। इसके सामने मॉडर्न एयर डिफेंस सिस्टम भी फेल है। कहते हैं कि अमेरिका के पास भी इसका कोई काट नहीं है।
इस मिसाइल में सेंसर लगा होता है। इससे यह जमीन से लेकर समुद्र तक सटीक हमला करता है। हवा से जमीन पर मार करने वाली ये मिसाइल लगभग 500 किलोग्राम का परमाणु पेलोड ले जा सकती है। इसे डैगर यानी खंजर भी कहा जाता है। पहली बार रूस ने 1941-45 में विक्ट्री डे मिलिट्री परेड में इसे पेश किया था। रूस ने इस मिसाइल की तैनाती अपने एमआईजी-31के लड़ाकू विमान में की है। यह आठ मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी है। जबकि लॉन्च वेट करीब 4,300 किलोग्राम है।
खासियत: इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह हवा से जमीन पर लॉन्च होती है। यह दुश्मन को टारगेट करने के लिए रूट तक बदल लेती है। इसके लिए रडार को पकड़ पाना मुश्किल है। यह मिसाइल लॉन्च होते ही 4 मैक स्पीड पकड़ लेती है। इसके तुरंत बाद 10 मैक स्पीड हासिल कर सकती है।
क्लस्टर बम
इसकी बनावट कनस्तर की तरह होती है। इसमें सैकड़ों बम भरे होते हैं। इसे विमान से बड़ी आबादी के बीच छोड़ा जाता है। इसके विस्फोट से एक साथ हजारों की संख्या में लोग मौत की गोद में सो जाते हैं। क्लस्टर बम पर बैन लगाया जा चुका है, लेकिन रूस यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है।
खासियत: कहा जाता है हजारों लोगों को एक साथ मारने के लिए क्लस्टर बम दागा जाता है। इस बम में सभी बम एक साथ विस्फोट नहीं होते हैं। रनवे, रेलवे, पावर ट्रांसमिशन लाइनों को ध्वस्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। थोड़ी-थोड़ी अंतराल के बाद ये विस्फोट होते रहते हैं।
इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल
कहा जाता है कि 2006 में रूस ने इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च किया था। इसे शॉर्ट रेंज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह बड़ी इमारतों और सैन्य ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाले हथियार को ले जाती है। यह अपने स्थान पर छोड़े जाने के बाद तेजी से ऊपर जाती है, फिर ग्रेविटेशनल फोर्स की वजह से नीचे आते ही दुश्मन को तबाह कर देती है।
यह भी कहा जा रहा है कि कुछ इस्कंदर मिसाइलों को रूस ने बेलारूस की तरफ से यूक्रेन पर दागा है। रूस 9के720 इस्कंदर ब्लैस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 500 किलोमीटर है। यह 700 किलोग्राम विस्फोटक अपने साथ ले जा सकती है।
खासियत: 9के 720 इस्कंदर मिसाइल रूस की कम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है। यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। इस मिसाइल को नाटो ने एसएस-26 स्टोन कोड नाम दिया है। कहते हैं कि रूस के पास इस्कंदर के सात से अधिक वर्जन हैं। इसे आर्मी ट्रक पर रखकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। मारक क्षमता 400-500 किलोमीटर है।
बीएमपीटी टर्मिनेटर टैंक से भी रूस यूक्रेन में तबाही मचा रहा है। यह एक टैंक सपोर्ट फाइटिंग व्हीकल है जो गोले बरसाने के साथ दुश्मनों के हेलिकॉप्टर और कम स्पीड से उड़ने वाले विमानों को भी मार गिराने में सक्षम है। इस टैंक को रूस की कंपनी यूराल्वगोनजावोड ने बनाया है। बीएमपीटी-72 टैंक को पहली बार 2013 में रूसी आर्म्स एक्सपो में प्रदर्शित किया गया था।
रूस स्टेपल टी-90, टी-72 के साथ टी-14 आर्मटा स्टील्थ टैंक का भी इस्तेमाल कर रहा है। इन टैंकों की विशेषता ये है कि ये मानव रहित टैंक है। यह एक माउंटिंग प्लेटफॉर्म है जिसका इस्तेमाल फायरिंग के लिए रूस कर रहा है। आर्मटा दूसरों की तुलना में तेजी से दुश्मनों का खात्मा करता है। यह हल्का होता है और शहरी युद्ध में माहिर है।
खासियत: बीएमपीटी टर्मिनेटर टैंक हेलिकॉप्टर और कम स्पीड वाले विमानों को मार गिराने में सक्षम है। यह टैंक शहरी क्षेत्र में लड़ाई के दौरान अपने दूसरे साथी टैंक की मदद करता है। इसे दुश्मनों के हेलिकॉप्टर, ड्रोन या कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दूसरे हवाई जहाज निशाना नहीं बना पाते हैं।
थमोर्बैरिक हथियार
थमोर्बैरिक हथियार को एरोसोल बम, ईंधन वायु विस्फोटक या वैक्यूम बम के रूप में जाना जाता है। यह हवा से आक्सीजन को खत्म कर देता है। थमोर्बैरिक हथियार पारंपरिक बम की तुलना में काफी अधिक विनाशकरी है।
यह हथियार दो स्टेप में वर्क करता है। टारगेट को भेदने के दौरान पहले विस्फोट बम के ईंधन कंटेनर को खोल देता है, जिससे ईंधन और धातु के कणों से धुआं का गुबार बन जाता है और एक बड़े क्षेत्र में फैल जाता है। वहीं, दूसरा विस्फोट तब होता है जब एयरोसोल कण को आग की एक ज्वाला की तरह जलाता है और जोरदार धमाका करता है।
यह इमारतों, उपकरणों को मिट्टी में मिला देता है। आदमी को भाप बना देता है। रूस यूक्रेन के खिलाफ टी-72 टैंक का भी इस्तेमाल कर रहा है जो घातक थमोर्बैरिक रॉकेट को दुश्मन पर फेंकता है। इसके विस्फोट होते ही आॅक्सीजन की कमी हो जाती है। लोग सांस के बिना मर जाते हैं।
खासियत: थर्मोबैरिक हथियार 200 मीटर के एरिया में हवा से आॅक्सीजन को सोख लेता है। यह विस्फोट होते ही पूरे एरिया को धुआं-धुआं कर देता है। यह हथियार जिस भी एरिया में छोड़ा जाता है वहां वैक्यूम बन जाता है, जिससे आदमी भाप बन जाता है। इसे टैंक-माउंटेड लॉन्चर से रॉकेट के रूप में दागा जा सकता है।