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Famous Inspiring Quotes of General Bipin Rawat: जनरल बिपिन रावत भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं। समय-समय पर पाकिस्तान और चीन को लताड़ते हुए कई सख्त बयान दिए। आज इन्हीं बयानों के बारे में हम आपको बताएंगे। (Here are some famous quotes by Gen Bipin Rawat that will inspire courage and strength for generations to come.)
Here are some famous quotes by Gen Bipin Rawat that will inspire courage and strength for generations to come.
On the occasion of Kargil Vijay Diwas in 2019, Bipin Rawat spoke on several things. Out of which, the one which is remembered by many is the following quote:
“There is a difference between talk and action. One should only believe in talks when they see action happening on the ground.”
“To emerge as a global power, it is imperative that India must invest in building long-term indigenous capabilities or applications of decisive military power. The unequivocal assurance of our commitment to procuring indigenous equipment and weapon systems will remain with the industry and all those who support them.”
(In August 2020, while addressing the Defence Industry Outreach Webinar, Gen Bipin Rawat had remarked that India has the capability and capacity, thus it should seek to become self-efficient and become an exporter of defence equipment.)
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Last month while delivering the Sardar Patel Memorial Lecture at All India Radio, General Rawat said armed forces must remain alert throughout the year due to the ‘territorial ambitions’ of China and Pakistan.
“Territorial ambitions of China and Pakistan require India’s armed forces to remain alert and deployed along disputed borders and also along the coastal regions round the year.”
“We were always tasked for defending our borders. And when you have unsettled borders on your north and your west, you don’t know which side the battle will commence and where it will end. So you should be prepared on both fronts.”
“We have taken adequate precautions to ensure that any such misadventure by Pakistan is thwarted and they are not able to succeed in their mission. But, in fact, they may suffer heavy losses should they attempt any misadventure.”
Bipin Rawat India’s First CDS देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत
On December 7 this year, Gen Bipin Rawat had cautioned the nation amid the ongoing COVID-19 pandemic. He said the following at the PANEX-21 curtain raiser event.
“Another issue I would like to highlight is, is this is also becoming a new kind of warfare… If biological warfare is beginning to take shape, we need to put our act together and strengthen ourselves to ensure our nations are not affected by these viruses and diseases.”
“The need of the hour for the armed forces is to embrace change, adopt cutting edge technology and theaterise for greater operational efficiency.”
Gen Rawat told India Today in an interview after taking over as Chief of Defence Staff that friends are easily made, but enemies keep us alert.
“Friends to sabhi ban jaate hain lekin dushman humko satark rahane ki chetawani bhejate hain (Friends are easily made, but enemies keep us alert).”
‘भारत की सुरक्षा में चीन सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. पिछले साल चीन से लगते सीमावर्ती इलाकों में लाखों जवानों और हथियारों की तैनाती की गई है. उनका जल्द बेस की तरफ लौटना मुश्किल है. भारत और चीन के बीच 13 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन आपसी भरोसे की कमी की वजह से सीमा विवाद सुलझ नहीं पा रहा है.’
अप्रैल 2021 में जनरल रावत ने रायसीना डायलॉग में भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर कहा था कि चीन अपनी हर बात मनवाना चाहता है लेकिन भारत उसके सामने मजबूती के साथ खड़ा है.
‘चीन चाहता है ‘माय वे ऑर नो वे’. वो अपनी हर बात मनवाना चाहता है. भारत उसके सामने मजबूती के साथ खड़ा है. भारत ने साबित किया है कि किसी भी तरह का दबाव डालकर उसे पीछे नहीं धकेला जा सकता है.’
‘जब हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं, तो इसमें पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र भी शामिल हैं. पीओके इसलिए अवैध कब्जे वाला क्षेत्र है क्योंकि इस पर हमारे पड़ोसियों ने अवैध तरीके से कब्जा किया है. अवैध कब्जा वाले इलाके को पाकिस्तान नहीं, आतंकवादी नियंत्रित करते हैं.’ (जनरल बिपिन रावत ने सेना प्रमुख रहते हुए पीओके पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था )
‘पीओके आतंकियों के द्वारा नियंत्रित है. पाकिस्तान आगे भी जम्मू-कश्मीर में ‘छद्म युद्ध’ जारी रखेगा. वो पंजाब समेत देश के बाकी हिस्सों में भी समस्या पैदा करेगा जिसकी वो लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन हमारी सेना उसे सफल नहीं होने देगी.’
‘पाकिस्तान को हमारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ करने का प्रयास करने दें, और हमारे सशस्त्र बल बिल्कुल अलग तरह से उसकी प्रतिक्रिया देंगे. हमारे साथ राजनीतिक इच्छाशक्ति है.’
सितंबर 2017 में डोकलाम स्टैंड ऑफ के एक हफ्ते बाद जनरल रावत ने सेना प्रमुख रहते हुए पाकिस्तान-चीन को लेकर भारत को आगाह किया था. उन्होंने कहा था, ‘भारत को चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है.’
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