Madvi Hidma Encounter
Madvi Hidma: कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा को आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड्स फोर्स और स्थानीय पुलिस ने सोमवार को मुठभेड़ में मार गिराया. आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ट्राई-जंक्शन के पास हुई इस कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ी नक्सल-विरोधी सफलता बताया गया है. आंध्र प्रदेश के DGP हरीश कुमार गुप्ता ने इसे ‘ऐतिहासिक जीत’ करार दिया.
आंध्र प्रदेश के DGP हरीश कुमार गुप्ता ने बताया कि आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर माओवादियों (Maoists) के एक बड़े समूह की गतिविधि की खूफिया जानकारी मिलने के बाद सोमवार को यह मुठभेड़ हुई. उन्होंने कहा कि अहम खूफिया जानकारी के आधार पर, एंटी-नक्सल ग्रेहाउंड्स और स्थानीय पुलिस ने सोमवार देर रात एक व्यापक तलाशी ऑपरेशन चलाया. यह मुठभेड़ तीनों राज्यों की सीमा के पास, अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेडुमिल्ली जंगल में हुई. भीषण मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने हिडमा समेत कुल 6 माओवादियों को मार गिराया.
DGP हरीश गुप्ता के मुताबिक, हिडमा न केवल बड़े ऑपरेशन में शामिल था, बल्कि युवाओं को नक्सलवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का भी काम करता था. मारे गए माओवादियों में हिडमा की दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का भी शामिल है.
मारा गया कमांडर, माडवी हिडमा उर्फ संतोष, 43 वर्ष का था और CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमिटी का सबसे कम उम्र का सदस्य था. उसका जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में हुआ था. हिडमा, माओवादियों की सबसे घातक हमला इकाई, PLGA बटालियन नंबर 1 का चीफ था. हिडमा पर ₹1 करोड़ का इनाम था और वह बस्तर का एकमात्र आदिवासी था जिसे सेंट्रल कमिटी में स्थान मिला था. उसने कम से कम 26 बड़े हमलों की योजना बनाई थी, जिनमें 2010 का दंतेवाड़ा नरसंहार (76 CRPF जवान शहीद), 2013 का झीरम घाटी हमला (27 शहीद) और 2021 का सुकमा-बीजापुर एंबुश (22 जवान शहीद) शामिल हैं.
हिडमा एक गोंड आदिवासी होने के नाते, वह इसी क्षेत्र में पैदा हुआ और पला-बढ़ा. वह यहां के जंगलों के हर मोड़, नदी, नाले, गुफा और पहाड़ी से वाकिफ था. वह 16 साल की उम्र में नक्सली बन गया और पिछले कई वर्षों से छत्तीसगढ़ से लेकर तेलंगाना सीमा तक माओवादी हमलों का नेतृत्व करता रहा.
उसकी बटालियन दक्षिण बस्तर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में सक्रिय थी. ये इलाके वर्षों से माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष का केंद्र रहे हैं. सुरक्षा बलों का मानना है कि हिडमा ने नक्सलियों के कुछ सबसे बड़े हमलों की साजिश रची और उनका नेतृत्व किया.
हिडमा को तकनीक की गहरी समझ थी. वह CPI (माओवादी) सेंट्रल कमिटी के किसी भी अन्य सदस्य से ज़्यादा प्रभावशाली था. हिडमा को पकड़ना हमेशा मुश्किल होता था क्योंकि वह 3 से 4 परतों वाले सुरक्षा घेरे में रहता था. जैसे ही सबसे बाहरी परत को सुरक्षा बलों की मौजूदगी का आभास होता, वे उन पर हमला कर देते और हिडमा सुरक्षित बच निकलता.
सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में फ़ोन नेटवर्क काम नहीं करते. केवल ह्यूमन इंटेलिजेंस ही काम करती है. अब तक, जब भी उसके बारे में कोई सूचना मिलती, सुरक्षा बलों के पहुंचने से पहले ही वह कहीं और भाग चुका होता. आज हिडमा के मारे जाने से बस्तर में माओवादियों का सबसे रणनीतिक कमांडर खत्म हो गया है.
Today panchang 26 December 2025: आज 25 दिसंबर 2025,शुक्रवार का दिन पौष माह के शुक्ल…
Aaj ka Love Rashifal 26 December 2025: प्यार और रोमांस के मामले में शुक्रवार (26…
Zepto Blinkit Strike News: 31 दिसंबर, नए साल की शाम के लिए एक और हड़ताल की…
Shujalpur Child Lost School Bag Story: शुजालपुर में कक्षा 3 की छात्रा का सवारी ऑटो में…
Indian Idol Viral Performance: इंडियन आइडल (Indian Idol) के मंच पर हाल ही में एक…
Malaika Arora Red Saree Stunning Look: 50 की उम्र में भी मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) अपने…