India News (इंडिया न्यूज), Ayodhya Ram mandir: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले अगले साल अमेरिका में भारतीयों के लिए एक खास कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। इसके तहत राम मंदिर के इतिहास से अवगत कराने के लिए पांच भागों की वेबिनार श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा।
इस वेबिनार का विषय ‘अयोध्या में श्री राम मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 500 साल का हिंदू संघर्ष’ है। यह कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद की अमेरिकी इकाई और अमेरिका की हिंदू यूनिवर्सिटी मिलकर आयोजित करने जा रही है।
Ayodhya Ram Mandir
कार्यक्रम के पहले दिन 9 दिसंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के क्षेत्रीय निदेशक केके मुहम्मद की प्रस्तुति होगी। मुहम्मद को अपने लंबे करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण स्मारकों की खोज और जीर्णोद्धार के लिए जाना जाता है। इसके लिए उन्हें 2019 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
कार्यक्रम के दूसरे दिन 10 दिसंबर को राम मंदिर निर्माण के ऐतिहासिक महत्व पर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी बात करेंगे। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े वकील विष्णु शंकर जैन 6 जनवरी को वेबिनार में मुख्य वक्ता होंगे। इस दौरान वह पूरे राम मंदिर आंदोलन के कानूनी पहलू पर बोलेंगे। वेबिनार के चौथे दिन 7 जनवरी को वैज्ञानिक और लेखक आनंद रंगनाथन 500 साल के हिंदू संघर्ष और अयोध्या राम मंदिर निर्माण पर अपने विचार रखेंगे।
वेबिनार के पांचवें और आखिरी दिन 13 जनवरी को राम मंदिर के पुनर्निर्माण में हिंदू अमेरिकी नागरिकों के योगदान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हालाँकि, अंतिम वेबिनार के लिए वक्ताओं की सूची अभी तैयार नहीं की गई है। अमेरिका की हिंदू यूनिवर्सिटी और अमेरिका की विश्व हिंदू परिषद की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि इन वेबिनार के जरिए हिंदू संघर्षों के लंबे इतिहास को याद किया जाएगा।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होगा। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास जी महाराज के मुताबिक अनुष्ठान 15 से 24 जनवरी के बीच होंगे। इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा भी होगी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या आएंगे और उसी दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 24 जनवरी से मंदिर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
राम मंदिर ढाई एकड़ में बना है। लेकिन यदि इसमें ‘परिक्रमा पथ’ भी जोड़ दिया जाए तो पूरा परिसर आठ एकड़ का हो जाता है। यह तीन मंजिला होगा और इसकी ऊंचाई 162 फीट होगी। अनुमान है कि पूरे मंदिर परिसर के निर्माण पर 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंदिर के गर्भगृह में एक चबूतरा बनाया जाएगा। इसी मंच पर रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। रामलला की यह मूर्ति 51 इंच ऊंची होगी।
राम मंदिर के अलावा मंदिर परिसर में छह और मंदिर बनाए जा रहे हैं। राम मंदिर में प्रवेश करने से पहले पूर्वी सिंह द्वार की तरफ से एक मुख्य द्वार होगा जहां से भक्त परिसर में प्रवेश करेंगे। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार ‘सिंह द्वार’ होगा। राम मंदिर में कुल 392 खंभे होंगे। गर्भगृह में 160 स्तंभ और ऊपरी मंजिल में 132 स्तंभ होंगे। मंदिर में 12 द्वार होंगे। इन्हें सागौन की लकड़ी से बनाया जा रहा है।
प्राण-प्रतिष्ठा के बाद जब मंदिर आम जनता के लिए खोला जाएगा तो प्रतिदिन डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसलिए हर श्रद्धालु को रामलला के दर्शन के लिए सिर्फ 15 से 20 सेकेंड का समय मिलेगा।
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