Adil WhatsApp Chat Evidence: दिल्ली (Delhi) में 10 नंवबर को लाल किले (Red Fort) के पास कार ब्लास्ट (Car Blast) में हर दिन एक नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है, इस कड़ी में कश्मीर (Kashmir) से लेकर फरीदाबाद (Faridabad) में हर नए तरीकों से जांच जारी है, अब इस मामले में जांच एजेंसियों को एक बहुत बड़ा सुराग हाथ लगा है. जिससे अब इस गुत्थी की जड़ें और ज्यादा खुलती नजर आ रही है. आइए विस्तार से जानें कि जांच एजेंसियों को इस बार कौन सा नया सुराग हाथ लगा है.
जांच एंजेसियों के हाथ कौन सा सबुत लगा?
जानकारी के मुताबिक, यह खबर सामने आ रही है कि जांच एजेंसियों को आदिल के फोन से WhatsApp के डिलीट चैट मिले है, जिसमें दिल्ली ब्लास्ट की फंडिंग की बात हुई है. वायरल चैट में साफ दिख रहा है कि आदिल बार-बार पैसे मांग रहा है. इसके अलावा, वह जिस व्यक्ति से बात कर रहा है, उससे एडवांस सैलरी और तुरंत ट्रांसफर की मांग कर रहा है.
यहां देखें चैट की तस्वीर
जांच एजेंसियों को शक है कि इस पैसे का इस्तेमाल ब्लास्ट की तैयारियों में किया गया था. आदिल ने दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए ₹2.6 मिलियन में से ₹8 लाख दिए थे। जांच में पता चला कि आदिल को टेरर नेटवर्क में “ट्रेजरर” के तौर पर जाना जाता था. जानकारी मिल रही है कि वायरल चैट 5, 6, 7 और 9 सितंबर की हैं. इनमें आदिल अपने कॉन्टैक्ट्स से एडवांस सैलरी मांगता दिख रहा है.
आदिल को किस नाम से जाना जाता था?
एजेंसियों को शक है कि पैसे की यह मांग ब्लास्ट की तैयारियों से जुड़ी हो सकती है. आदिल ने दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए ₹2.6 मिलियन में से ₹8 लाख दिए थे. पूछताछ में मुजम्मिल ने बताया कि आदिल को “ट्रेजरर” कहा जाता था, यानी वह फंड्स को मैनेज करता था. जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आदिल को पैसे किसने दिए और क्या यह पैसा सीधे टेररिस्ट नेटवर्क में गया.