Economic Crisis in World: दुनिया की चार बड़ी अर्थव्यवस्था संकट में, विश्व की एकमात्र उम्मीद बचा है भारत

India News (इंडिया न्यूज़), Economic Crisis in World, दिल्ली: यूरोप की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था माने जाने वाली जर्मनी की अर्थव्यवस्था बहुत मुश्किल का सामना कर रही है। सबसे पहले कोरोनावायरस महामारी और अब यूक्रेन में युद्ध का प्रभाव अर्थव्यवस्था को बहुत भारी पड़ रहा है। मुद्रास्फीति, बढ़ती ऊर्जा की कीमतें और आपूर्ति की बाधाएं अर्थव्यवस्था के लिए एक तूफान लेकर आई है।

  • जर्मनी मंदी के कगार पर
  • अमेरिका कंगाली के दरवाजे पर 
  • भारत में मंदी की आंशका शून्य

अर्थशास्त्रियों के अनुसार किसी भी अर्थव्यवस्था के चार चरण होते है। उत्थान, बूम, मंदी और अवसाद। जर्मनी अभी मंदी स जूझ रहा है। वही दुनिया का सुपरपावर कंगाली के कगार पर है। अमेरिका की कर्ज लेने की सीमा 31.4 ट्रिलियन डॉलर है, जिसे वो पार कर चुका है। इसलिए अब उसे ये कर्ज की सीमा यानी डेट सीलिंग को बढ़ाना होगा। 1960 से लेकर अब तक 78 बार ये सीमा बढ़ चुकी है। आखिरी बार 2021 में ये सीमा बढ़ाई गई थी।

मंदी की आशंका शून्य

जापान और चीन दोनों ही देश मिलकर अमेरिकी कर्ज का 2 ट्रिलियन डॉलर का हिस्‍सा रखते हैं। इसलिए अमेरिका के डूबने से जापान और चीन बेहद परेशान है। जहां दुनिया की चार बड़ी अर्थव्यवस्था टेंशन में है वही भारत से पूरी दुनिया को उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार चीन मे मंदी आने का खतरा 12.5 प्रतिशत है जबकि भारत में यह खतर शून्य है।

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