Kerala Extreme Poverty Free State
इस सर्वे में 1,03,099 लोग चिन्हित हुए जिसमें 81% ग्रामीण इलाकों में रह रहे थे, 68% अकेले जीवन बिता रहे थे, 24% स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, 21% के पास भोजन की कमी थी और 15% के पास पक्के घर नहीं थे. इस डेटा के आधार पर राज्य ने 73 हजार माइक्रो प्लान तैयार किए यानी हर परिवार के लिए अलग रणनीति. सबसे पहले कोट्टायम जिले के 978 प्लान लागू किए गए और फिर पूरे राज्य में यह मॉडल फैलाया गया.
लोगों को अब तक यह प्रमुख सुविधा मिली है, जिसमें 4,394 परिवारों को आय का साधन मिला. 29,427 लोगों को नियमित दवाओं की सुविधा मिली. 4,829 को विशेष मेडिकल मदद दी गई. 424 को हेल्थकेयर उपकरण दिए गए. 5,354 घरों की मरम्मत कराई गई. 3,913 परिवारों को नए घर मिले. 1,338 को जमीन सौंपी गई. 743 परिवारों को किराए के घर से शिफ्ट किया गया.
इस मिशन की सबसे बड़ी विशेषता रही सरकारी योजनाओं और सामाजिक संगठनों की संयुक्त भागीदारी. पंचायत स्तर से लेकर जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं एकजुट होकर हर परिवार तक पहुंचीं. पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक ऑडिट को सख्ती से लागू किया गया.
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