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भारतीय न्याय संहिता में हैं ये 5 तरह के रेप, जानें Mamata Banerjee की सरकार ने कैसे बढ़ाई सजा

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : September 4, 2024, 6:57 pm IST
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भारतीय न्याय संहिता में हैं ये 5 तरह के रेप, जानें Mamata Banerjee की सरकार ने कैसे बढ़ाई सजा

Rape Sections in India

India News (इंडिया न्यूज), Rape Sections in India: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले ने लोगों के अंदर गुस्सा भर दिया है। इस मामले के विरोध में कई दिनों तक सड़कों पर प्रदर्शन करते रहे। वहीं इस मामले की सीबीआई जांच के करण से भी ममता सरकार पर दबाव बढ़ा है। परंतु अब ममता सरकार ने विधानसभा में ‘अपराजिता बिल’ लाकर यह संदेश दिया है कि वह किसी भी तरह से बलात्कारियों को छोड़ने के मूड में नहीं है। असल में अपराजिता बिल, भारतीय न्याय संहिता में बलात्कार और बाल यौन उत्पीड़न के मामलों में मिलने वाली सजा को और सख्त बनाता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पांच तरह के रेप में मिलने वाली सजा

बीएनएस सेक्शन 64(1):- इसका उपयोग रेप के मामलों में किया जाता है। इसमें जुर्माने के साथ-साथ 10 साल की कठोर सजा का प्रावधान है। साथ हीं इस धारा के तहत अपराध की गंभीरता को देखते हुए उम्रकैद की सजा का प्रावधान भी है।

बीएन सेक्शन 64(2):- ये सेक्शन लगाई जाती है जब बलात्कार का आरोपी कोई पुलिसकर्मी या सरकारी कर्मचारी हो। इस धारा के तहत भी 10 साल की कठोर सजा जो उम्रकैद तक की सजा भी बढ़ाई जा सकती है और जुर्माने का प्रावधान है।

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बीएनएस सेक्शन 66:- इसका उपयोग तब किया जाता है, जब बलात्कार के समय पीड़िता की मौत हो जाए या उसकी स्थिति गंभीर हो। ऐसे केस में आरोपी को 20 साल की कठोर सजा जो उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है और जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे मामलों में अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को फांसी की सजा भी सुनाई जा सकती है।

बीएनएस सेक्शन 70(1):- इस धारा का उपयोग गैंग रेप के मामलों में किया जाता है। इसके तहत आरोपी को 20 साल की कठोर सजा, जिसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने का प्रावधान है।

बीएनएस सेक्शन 70(2):- इसका उपयोग ऐसे मामलों में किया जाता है, जिनमें अपराधी ने कई बार पीड़िता के साथ बलात्कार किया हो। और ऐसे मामले में आरोपी को उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान है।

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‘अपराजिता बिल’ बढ़ाती है सजा

ममता सरकार ने जिस ‘अपराजिता बिल’ को विधानसभा में पारित कराया है। वह ऊपर बताई गई सभी धाराओं में सजा को और कठोर बनाती है। जैसे कि बीएनएस 64(1) के तहत दर्ज मामलों में ‘अपराजिता बिल’ के अनुसार, आरोपी को कठोर कारावास के साथ-साथ उम्रकैद की सजा होगी या फांसी होगी। ऐसे हीं बीएनएस 64(2) के तहत दर्ज केस में आरोपी को कठोर कारावास के साथ उम्रकैद की सजा और जुर्माना होगा या फिर फांसी की सजा सुनाई जाएगी। इसी के साथ बीएनएस 66 के तहत दर्ज मामलों में ‘अपराजिता बिल’ के मुताबिक, आरोपी को सिर्फ फांसी की सजा होगी।बीएनएस 70(1) और बीएनएस 70(2) के तहत दर्ज मामलों में ‘अपराजिता बिल’ के अनुसार, आरोपी को कठोर कारावास के साथ उम्रकैद या फांसी की सजा सुनाई जाएगी। परंतु ‘अपराजिता बिल’ कानून का रूप तभी लेगी जब इस पर राष्ट्रपति के साइन होंगे।

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