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India News (इंडिया न्यूज),S Jaishankar: भारत और चीन के रिश्ते को लेकर पूरी दुनिया में बातचीत हो रही है। वहीं इस मुद्दे पर अब भारतीय विदेश मंत्री एस जय शंकर ने चीन की चाल को लेकर कहा है कि, यह कभी भी आसान रिश्ता नहीं रहा है। इसमें हमेशा समस्याएं रही हैं। इसके साथ ही पिछले समय की याद दिलाते हुए कहा कि, 1975 के बाद से सीमा पर कभी भी कोई घातक सैन्य और युद्ध की घटना नहीं हुई। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत-चीन संबंध ”असामान्य स्थिति” में हैं और यह ”संभवत: मध्यम अवधि से अधिक लंबा मुद्दा” है। बता दें कि, केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर ने ये बातें अमेरिका के न्युयॉर्क में एक संबोधन के दौरान मंगलवार को कही।
(S Jaishankar)
इसके साथ ही जयशंकर ने कहा कि, भारत लगातार कहता रहा है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं है और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति समग्र द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा जयशंकर ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में भारत-चीन संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि, अगर दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच इस स्तर का तनाव है, तो इसका परिणाम के किसी के लिए बेहतर नहीं होगा।
(S Jaishankar)
आगे बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा कि, भारत के ऐतिहासिक और सफल चंद्र मिशन चंद्रयान-3 ने दुनिया को इस बात की झलक दिखाई है कि देश ने अमृतकाल में प्रवेश कर लिया है, जहां बड़ी प्रगति और परिवर्तन उसका इंतजार कर रहे हैं। 23 अगस्त को भारत ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग के साथ इतिहास रचा है। इसके साथ ही चंद्रमा पर रोवर उतारने वाले देशों के एक कुलीन और छोटे अंतरिक्ष क्लब में शामिल हो गया है। रूस, अमेरिका, चीन के बाद चांद की सतह पर उतरने वाला भारत चौथा देश है। हालांकि, दक्षिण ध्रुव पर अपने यान को उतारने वाला वह पहला देश है।
(S Jaishankar)
वहीं भारत के बारे में आगे बोलते हुए विदेश मंत्री एस जशंकर ने कहा कि, भारत ने अमृत काल में प्रवेश कर लिया है, जहां अधिक प्रगति और परिवर्तन हमारा इंतजार कर रहा है। हमें विश्वास है कि हमारी प्रतिभा और रचनात्मकता, जो अब इतनी स्पष्ट रूप से सामने आई है, हमें आगे बढ़ाएगी।’ जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र में आम चर्चा को संबोधित करते हुए कहा,’जब हमारा चंद्रयान-3 चांद पर उतरा तो दुनिया ने उसकी झलक देखी।
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