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'भरोसा नहीं तो कुछ नहीं', PM मोदी के दूत ने पाकिस्तान की धरती पर उसी को लगाई लताड़, ड्रैगन के अलावा इन तीन दुश्मनों का भी किया जिक्र!

Raunak Pandey • LAST UPDATED : October 16, 2024, 1:57 pm IST
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'भरोसा नहीं तो कुछ नहीं', PM मोदी के दूत ने पाकिस्तान की धरती पर उसी को लगाई लताड़, ड्रैगन के अलावा इन तीन दुश्मनों का भी किया जिक्र!

S Jaishankar In SCO Summit: PM मोदी के दूत ने पाकिस्तान की धरती पर उसी को लगाई लताड़

India News (इंडिया न्यूज), S Jaishankar In SCO Summit: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (16 अक्टूबर) को एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। विदेश मंत्री ने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद से बचना होगा। इस सम्मेलन में पाकिस्तान का नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि बेहतर रिश्ते के लिए भरोसा जरूरी है। अगर भरोसा नहीं तो कुछ नहीं। वहीं भारतीय विदेश मंत्री ने अपने एक्स हैंडल आप अपने भाषण के कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने लिखा कि आज सुबह इस्लामाबाद में SCO परिषद के शासनाध्यक्षों की बैठक में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य दिया गया। उन्होंने कहा कि एससीओ परिवर्तन की ताकतों का प्रतिनिधित्व करता है जिन पर दुनिया का अधिकांश हिस्सा बहुत भरोसा करता है। आइए हम उस जिम्मेदारी को निभाएं।

आतंकवाद-अलगाववाद पर साधा निशाना

एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद का मुकाबला करने का SCO का प्राथमिक लक्ष्य वर्तमान समय में और भी महत्वपूर्ण है। जिसके लिए ईमानदार बातचीत, विश्वास, अच्छे पड़ोसी और SCO चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि, SCO को तीन बुराइयों का मुकाबला करने में दृढ़ और समझौता न करने की आवश्यकता है। वहीं, वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन वर्तमान समय की वास्तविकताए हैं। SCO देशों को इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

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चीन को भी लगाई लताड़

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए और एकतरफा एजेंडे पर नहीं, बल्कि वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए। यदि हम वैश्विक प्रथाओं, विशेष रूप से व्यापार और पारगमन को चुनते हैं तो SCO प्रगति नहीं कर सकता है। साथ ही औद्योगिक सहयोग प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकता है और श्रम बाजारों का विस्तार कर सकता है। एमएसएमई सहयोग, सहयोगी संपर्क, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई संभव रास्ते हैं। चाहे स्वास्थ्य हो, भोजन हो या ऊर्जा सुरक्षा, हम स्पष्ट रूप से एक साथ काम करके बेहतर हैं।

इन मुद्दों पर भी की चर्चा

भारत का नेतृत्व करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि डीपीआई, महिला-नेतृत्व विकास, आईएसए, सीडीआरआई, मिशन लाइफ, जीबीए, योग, बाजरा, अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस आदि जैसी भारतीय पहल और प्रयास एससीओ के लिए मजबूत प्रासंगिकता रखते हैं। एससीओ को यह वकालत करते हुए नेतृत्व करना चाहिए कि वैश्विक संस्थानों को यूएनएससी को अधिक प्रतिनिधि, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने के लिए सुधारित बहुपक्षवाद के माध्यम से तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि एससीओ के उद्देश्यों को प्राप्त करने के अपने संकल्प को नवीनीकृत करने के लिए, यह आवश्यक है कि हम हितों की पारस्परिकता को ध्यान में रखें और चार्टर के क्या करें और क्या न करें का पालन करें।

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