इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रविवार को लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई है। इस हत्या के मामले में राजस्थान की जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई का नाम सामने आ रहा है। लॉरेंस बहुत ही कम समय में नाम कमाया है। जानकारी के अनुसार, लॉरेंस जेल से ही अपनी गैंग को कंट्रोल कर रहा है। पुलिस को बड़े अधिकारियों को भी लॉरेंस के इस नेटवर्क के बारे में जानकारी है इसके बावजूद पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही है।
ऐसा कहा जाता है कि लॉरेंस व्हाट्सप्प के जरिये अपनी गैंग को निर्देश देता है। लॉरेंस पहले भी कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रहा है। लॉरेंस विश्नोई गैंग के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला पिछले साल मोहाली में हुई विक्की मिधुखेड़ा की मौत का जिम्मेदार था। जानकारी के अनुसार विक्की लॉरेंस गैंग का करीबी था।
लॉरेंस विश्नोई पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान पुलिस के लिए सिरदर्द है और कई जगहों पर मोस्ट वांटेड है। लॉरेंस अभी राजस्थान की अजमेर जेल में बंद है। लॉरेंस पंजाब के फाजिल्का जिले का रहने वाला है और फाजिल्का राजस्थान से बिलकुल सटा हुआ है। दोनों राज्यों की सीमा पास पास होने के चलते उसका नेटवर्क दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों में फैला हुआ है। अपने बड़े और मजबूत नेटवर्क के सहारे लॉरेंस जेल में बंद होते हुए भी व्यापारियों से रंगदारी वसूलने का कारोबार चलाता है।
5 जनवरी 2018 को लॉरेंस ने बॉलीवुड के भाई जान यानि अभिनेता सलमान खान को मारने की धमकी दी थी। जानकारों की माने तो, उसने ये धमकी इसलिए दी ताकि सलमान खान के विरोधी लोगों का दिल जीता जा सके। उसकी इस धमकी को राजस्थान में आनंदपाल गैंग का भी सपोर्ट मिला था। इसके पीछे उसकी सोच थी कि आनंदपाल की मौत के बाद उसकी गैंग का भी वो सरगना बने और राजस्थान में उसका नेटवर्क और मजबूत हो सके।
लॉरेंस का जन्म पंजाब के फाजिल्का में 22 फरवरी 1992 को हुआ था। उसका नाम उसकी मां ने रखा था। हालांकि, लॉरेंस एक क्रिश्चियन नाम है। जिसका मतलब होता है- दूध की तरह सफेद चमकने वाला। लॉरेंस के पिता का नाम लाविंदर सिंह है। वह पुलिस में नौकरी करते थे और उनके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति थी। जिसके चलते बचपन से ही लाडले बेटे की हर ख्वाहिश पूरी कि गई। लॉरेंस बचपन से ही खेल में अच्छा था। परिवार का मानना था कि एक दिन वो खेल जगत में परिवार का नाम रोशन करेगा।
पढ़ाई करने के लिए वह चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज गया। इसी कॉलेज से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। कॉलेज में चुनाव लड़ने के लिए दोस्तों ने उसे तैयार किया। लॉरेंस ने चुनाव से पहले एक संगठन बनाया और उसका नाम रखा- स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी यानी सोपू (SOPU)।
लॉरेंस ने चुनाव जीतने के लिए काफी मेहनत की लेकिन वो कॉलेज अध्यक्ष का चुनाव नहीं जीत पाया। जिससे गुस्से में आकर उसने रिवॉल्वर खरीद ली। फिर फरवरी 2011 में एक दिन विरोधी गुट से झगड़ा होने पर लॉरेंस ने गोलियां चला दी। मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने केस दर्ज किया। एफआईआर और जेल जाने से बचने के लिए लॉरेंस उस समय के कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरी की गैंग में शामिल हो गया। अपराध की दुनिया में जग्गू को लॉरेंस का गुरु भी कहा जाता है। पंजाब में भगवानपुर का रहने वाले जग्गू को देश का सबसे अमीर गैंगस्टर कहा जाता है। जग्गू इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
जग्गू को सीखे गुर का इस्तेमाल कर लॉरेंस ने संपत नेहरा के अलावा नरेश शेट्टी और सुक्खा जैसे गैंगस्टर को साथ में लेकर एक बड़े नेटवर्क को खड़ा किया। इस बड़े नेटवर्क की वजह से लॉरेंस आज भी भले ही जेल में बंद है लेकिन देश भर में आज भी उसके 600 से ज्यादा शार्प शूटर घूम रहे हैं। ये शार्प शूटर एक इशारे पर ही किसी भी वारदात को बिना डरे अंजाम दे देते है।
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