Donald Trump Big Decision: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार, 27 नवंबर ने पोस्ट में आव्रजन प्रस्तावों (immigration reforms) की एकघोषणा की, जिसमें उन्होंने सभी तीसरी दुनिया के देशों से प्रवासन को स्थायी रूप से रोकने और संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यवस्था बहाल करने के लिए रिवर्स माइग्रेशन शुरू करने के प्रस्ताव रखा है. तीसरी दुनिया में अफगानिस्तान, पाकिस्तान , बांग्लादेश , भारत (India) समेत 40 से ज्यादा देश शामिल है. ट्रंप के इस फैसले का असर इन सभी देशों पर दिखने वाला है. हमारे देश भारत पर भी इसका गंभीर असर देखने को मिलेगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि “तकनीकी प्रगति के बावजूद आव्रजन नीतियों ने देश को कमज़ोर कर दिया है.” साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका को पूरी तरह से उबरने के लिए थोड़ा समया चाहिए. उन्होंने कहा कि “लाखों बाइडेन अवैध प्रवेशों” को रद्द कर देंगे, जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्हें उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन के “ऑटोपेन” के तहत मंज़ूरी दी थी, और उन्होंने उन सभी को हटाने का संकल्प लिया जिन्हें वह “संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए शुद्ध संपत्ति नहीं” या “हमारे देश से प्यार करने में असमर्थ” मानते हैं.“
ट्रंप ने आगे कहा कि “वह गैर-नागरिकों के लिए सभी संघीय लाभ समाप्त कर देंगे, घरेलू शांति को भंग करने वाले प्रवासियों को नागरिकता से वंचित कर देंगे और किसी भी विदेशी नागरिक को निर्वासित कर देंगे जिसे सार्वजनिक बोझ, सुरक्षा जोखिम या “पश्चिमी सभ्यता के अनुकूल नहीं” माना जाता. उन्होंने तर्क दिया कि केवल “रिवर्स माइग्रेशन” ही उस समस्या का समाधान कर सकता है जिसे उन्होंने अवैध और विघटनकारी जनसंख्या वृद्धि कहा था.“ उन्होंने पोस्ट के अंत में तीखा हमला करते हुए कहा कि “सभी को थैंक्सगिविंग की शुभकामनाएं, सिवाय उन लोगों के जो नफरत करते हैं, चोरी करते हैं, हत्या करते हैं और अमेरिका की हर उस चीज़ को नष्ट करते हैं जिसकी नींव रखी गई है. आप यहां ज़्यादा समय तक नहीं रहेंगे!”
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा. क्योंकि भारत यूएस का सबसे बड़े इमिग्रेंट ग्रुप्स का हिस्सा है. H-1B वीजा पर निर्भर भारतीय आईटी, इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स पर रोक लगा दी जाएगी. नए नियमों में इसकी फीस बढ़ाई जा सकती है. इसके साथ ही भारत से रेमिटेंस और US-इंडिया ट्रेड प्रभावित हो सकता है. भारतीय स्टूडेंट्स (F-1 वीजा) पर भी सख्ती दिखाई जाएगी. भारत सरकार की तरफ से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन ट्रंप का ये फैसला भारत-अमेरिका के रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है.
ग्रीन कार्ड होल्डर्स को तुरंत डिपोर्ट नहीं किया जाएगा, लेकिन अमेरिकी सरकार इसका सख्ती के साथ री-एग्जामिनेशन करेंगी. अगर किसी भी तरह की गड़बड़ पाई गई तो कार्ड रद्द कर दिया जाएगा. एक बार अमेरिका छोड़ने के बाद वापस वहां जाना मुश्किल हो जाएगा. अमेरिकी सरकार अपने इस फैसले पर किस तरह से काम करती है, यह देखना दिलचस्प होगा. ट्रंप ने यह फैसला White House के पास हुई गोलीबारी में शहीद दो जवानों के बाद लिया है.
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