World Gold Reserve
World Gold Reserve: सोना न केवल गहनों और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि इसे किसी देश की आर्थिक ताकत और वैश्विक विश्वसनीयता का भी एक महत्वपूर्ण सूचक माना जाता है. इसी वजह से वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) नियमित रूप से देशों के स्वर्ण भंडार की सूची जारी करता है. नवीनतम आंकड़ों (मई 2025 तक) के अनुसार, स्वर्ण भंडार के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है. इस बीच, भारत और यूएई भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. आइए देखें कि प्रत्येक देश के पास कितना सोना है और इसका उनकी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है.
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संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 8,133 टन सोना है, जो दुनिया में सबसे अधिक है. फोर्ट नॉक्स में जमा यह सोना वॉल स्ट्रीट और वाशिंगटन की आर्थिक रीढ़ की हड्डी माना जाता है. यह भंडार अमेरिकी डॉलर में विश्वास बनाए रखने और वैश्विक वित्तीय शक्ति दिखाने के लिए महत्वपूर्ण है. यह स्वर्ण भंडार न केवल अमेरिकी निवेशकों में विश्वास पैदा करता है, बल्कि देश को वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थिति में भी रखता है.
अमेरिका के बाद, जर्मनी के पास 3,351 टन सोना है, जो इसे दूसरे स्थान पर रखता है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से, जर्मनी अपनी ताकत के आधार के रूप में सोने पर निर्भर रहा है. यूरोज़ोन संकट के दौरान ग्रीस, पुर्तगाल और आइसलैंड जैसे देशों को समर्थन देने में इस भंडार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जर्मनी का स्वर्ण भंडार यूरोप में उसकी मजबूत स्थिति का प्रतीक है.
इटली 2,451 टन सोने के साथ तीसरे स्थान पर है. भारी राष्ट्रीय ऋण के बावजूद, इटली ने कभी भी अपना सोना बेचने का जोखिम नहीं उठाया. वित्तीय संकट के दौरान यह सोना एक सुरक्षा कवच का काम करता है. आर्थिक अस्थिरता के समय भी, यह भंडार इटली को अपनी वैश्विक विश्वसनीयता बनाए रखने में मदद करता है.
फ्रांस के पास 2,452 टन सोना है. यह न केवल यूरोपीय संघ में फ्रांस की स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि अमेरिकी डॉलर और IMF के प्रभुत्व का मुकाबला करने में भी मदद करता है। फ्रांस ने यूरो की ताकत और यूरोप की वित्तीय स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
रूस के पास 2,333 टन सोना है. पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद इस भंडार ने रूबल को स्थिर रखने में मदद की. इसके अलावा, रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया के साथ एक वैकल्पिक आर्थिक शक्ति समूह स्थापित करने का प्रयास कर रहा है.
2,292 टन सोने के साथ, चीन स्वर्ण भंडार के मामले में शीर्ष देशों में है. यह भंडार चीन की डॉलर के विकल्प के रूप में युआन को स्थापित करने की रणनीति का समर्थन करता है। यह गोल्ड रिजर्व चीन को आर्थिक झटकों से भी बचाता है.
स्विट्जरलैंड के पास 1,040 टन सोना है. इससे स्विस फ्रैंक दुनिया की सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक मानी जाती है. दुनिया भर के निवेशकों के लिए स्विस बैंकिंग सिस्टम हमेशा से सुरक्षित जगह माना जाता रहा है.
भारत के पास आधिकारिक तौर पर 880 टन सोना है, जिसे रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया मैनेज करता है. लेकिन, असली ताकत भारत के परिवारों के पास मौजूद लगभग 25,000 टन सोने में है. संकट की स्थिति में यह निजी रिजर्व भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा दे सकता है. रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व संकट जैसी स्थितियों में, विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रखने और ऊर्जा संकट से निपटने के लिए सोना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है.
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