इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
लोगों को सुबह उठते ही बेड टी की आदत होती है। कई लोग सुबह-सुबह दूध की चाय के शौकीन होते हैं, तो कुछ ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं। क्योंकि वजन घटाने में मदद करती है, शरीर में जमे फैट (वसा) को कम करती है और मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को बढ़ाने के लिए फायदेमंद है। लेकिन क्या आपको पता है ग्रीन टी के अगर फायदे हैं, तो कहीं ना कहीं नुकसान भी हैं।
दमकती त्वचा: अगर आप त्वचा संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं या फिर व्यस्त जीवन और प्रदूषण की वजह से त्वचा से परेशान हैं, तो ग्रीन-टी पिएं। इसमें कैलेंडुला और गुलाब की पंखुड़ियां मिलाकर पीने से शरीर में कोलेजन सिंथेसिस की मात्रा बढ़ती है। इससे एडिमा, काले धब्बे और त्वचा की रंगत से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं, जिससे त्वचा को कुदरती चमक और निखार मिलता है। साथ ही त्वचा अधिक सेहतमंद नजर आती है।
मानसिक सेहत में सुधार: आज के समय ज्यादातर लोगों को मानसिक तनाव के कारण बार-बार होने वाले सिरदर्द, माइग्रेन, थकान और नींद में अनियमितता की शिकायत रहती है। ग्रीन टी इस तनाव को दूर करने में मददगार है। एक कप ग्रीन-टी में कैमोमाइल, वेलेरियन रूट और लैवेंडर जैसे सुपरफूड मिलाकर पिएं। इससे मानसिक चिंता व तनाव को कम करने मदद मिलेगी। रात में नींद आरामदायक और गहरी आएगी। कैमोमाइल, वेलेरियन रूट और लैवेंडर को ग्रीन टी में मिला सकते हैं या ग्रीन टी में मिली हुई चाय खरीद भी सकते हैं।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाए: बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उनकी अंदरूनी ताकत ही अच्छी सेहत का सबसे बड़ा पैमाना है, जिसका सीधा संबंध मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता से है। ग्रीन-टी में आंवला, तुलसी, हल्दी, गिलोय और स्पिरुलिना जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को मिलाकर उसका सेवन करना फायदेमंद है।
Green Tea: में दूध और शक्कर मिलाकर पी सकते हैं। पर दूध में मौजूद प्रोटीन ग्रीन टी के लाभकारी पौधों के यौगिकों (फ्लेवोनॉइड्स) के साथ जुड़ जाता है जिससे शरीर के लिए फ्लेवोनॉइड को अवशोषित करना कठिन हो जाता है। यह वजन घटाने के लिए शरीर की क्षमता में बाधा डालता है। हालांकि ग्रीन टी में दूध और शक्कर मिलाकर पी सकते हैं बशर्ते लैक्टोज असहिष्णु न हों तो।
Green Tea कब नहीं पीना चाहिए?
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। दो साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल नहीं दें। जिन्हें गुर्दे की बीमारी, हृदय रोग और पेट के अल्सर की समस्या है उन्हें भी दूर रहना है। मनोवैज्ञानिक समस्याओं वालों को भी ग्रीन टी लेने से बचना चाहिए। ग्लूकोमा, लिवर की बीमारी, आस्टियोपोरोसिस, एनीमिया और मधुमेह पीड़ितों को इससे बचना चाहिए। इसे सुबह खाली पेट ना पिएं। दिन में केवल एक ही बार पिएं।
यदि आपको ग्रीन टी से एलर्जी है, तो आपको चाय पीते ही मुंह में झुनझुनी या खुजली की अनुभूति होगी। होंठ, गले, जीभ या चेहरे पर सूजन हो सकती है। अगर ग्रीन टी पीने के बाद पेट खराब होता है, तो हो सकता है कि आप इसे खाली पेट पी रहे हों। दो-तीन कप से अधिक ग्रीन टी पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। ज्यादा ग्रीन टी पीने से अधिक पेशाब जाना पड़ सकता है, जिससे पानी की कमी हो सकती है। त्वचा में खुजली, गले में सूखापन या उल्टी महसूस हो सकती है।
READ ALSO : Simple Home Remedies For Health : कुछ तरीकों से आपकी सेहत बिल्कुल ठीक रहे सकती हैं, जाने क्या है
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.