होम / Live Update / Importance of Malwa In Punjab Politics : जानिए पंजाब की राजनीति में "मालवा" क्षेत्र क्यों है खास?

Importance of Malwa In Punjab Politics : जानिए पंजाब की राजनीति में "मालवा" क्षेत्र क्यों है खास?

PUBLISHED BY: Suman Tiwari • LAST UPDATED : March 25, 2022, 12:29 pm IST
ADVERTISEMENT
Importance of Malwa In Punjab Politics : जानिए पंजाब की राजनीति में

Importance of Malwa In Punjab Politics

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Importance of Malwa In Punjab Politics: 2022 में पाच राज्यों में (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब) विधानसभा चुनाव हुए। इसमें चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) काबिज हुई और एक राज्य (पंजाब) में आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी पकड़ मजबूत की। (2022 Punjab Legislative Assembly election) पंजाब में जीत का ताज भगवंत मान के सिर पर सजा। मान ने अभी हाल ही में पंजाब के 18वें सीएम के रूप में शपथ भी ली।

बता दें कि भगवंत मान (Bhagwant Mann) का पंजाब के उसी मालवा क्षेत्र ताल्लुक है ( Malwa Punjab) जहां से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi), कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और प्रकाश सिंह बादल ( Parkash Singh Badal) का है।  ऐसे में सवाल ये उठता है कि पंजाब की राजनीति में आखिर मालवा क्षेत्र क्यों इतना अहम है। वो कौन से मुद्दे हैं जो पंजाब की राजनीति पर इतना असर डालते हैं। आइए जानते हैं।

मालवा से 1966 से लेकर अब तक पंजाब को कितने सीएम मिले?

  • आपको बता दें कि 1966 से लेकर अब तक मालवा ने पंजाब को 18 में से 16 सीएम दिए। मालवा की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि भगवंत मान कैबिनेट के 10 मंत्रियों में से पांच विधायक मालवा से आते हैं।मालवा ने 1966 से अब तक पंजाब को 83 फीसदी मुख्यमंत्री दिए हैं। इस बार 2022 में  आम आदमी पार्टी ने मालवा की 69 में से 66 सीटें जीतीं, जिसका नतीजा रहा कि पंजाब में आप की बहुमत वाली सरकार बनी।
  • Importance of Malwa In Punjab Politics
  • दरअसल, मालवा अपने भौगोलिक आकार और जनसंख्या दोनों के हिसाब से पंजाब का सबसे बड़ा क्षेत्र है। ये इलाका सतलुज नदी से राजस्थान बॉर्डर तक फैला है। इसमें पंजाब के कुल 23 में से 11 जिले आते हैं। पंजाब विधानसभा की 117 में से 69 सीटें, यानी 58 फीसदी सीटें इसी क्षेत्र में हैं। 2007 तक यहां 65 विधानसभा सीटें थीं। वहीं माझा में 25 और दोआबा में 23 सीटें हैं।
  • मालवा पंजाब की कॉटन बेल्ट भी है। इस क्षेत्र का एकमात्र औद्योगिक जिला लुधियाना, पंजाब का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जिला है। मालवा में बहुमत पाने वाली पार्टी ज्यादातर मौकों पर पंजाब की सिरमौर बनती आई है। सिर्फ 2007 में ही ऐसा हुआ था जब यहां की 65 में से 37 सीटें जीतने वाली कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के गठबंधन से पिछड़कर सरकार नहीं बना पाई थी। उस समय सूबे के मुख्यमंत्री बनने वाले प्रकाश सिंह बादल भी मालवा से ही थे।

राजनीति के अलावा और क्या खासियत है मालवा की?

मालवा में सीटों की संख्या के अलावा यहां का आर्थिक समीकरण इसे पंजाब की राजनीति में खास बनाता है। यहां के ज्यादातर किसान खेती करते हैं। करीब 27.5 फीसदी किसानों के पास 10 एकड़ से ज्यादा जमीन है। मालवा की तुलना में दोआबा के 23 फीसदी और माझा के सिर्फ 17 फीसदी किसानों के पास ही 10 एकड़ से ज्यादा जमीन है।

माझा और दोआबा से क्यों पिछड़ा है मालवा?

  • दरअसल पंजाब को भौगोलिक दृष्टि से तीन भागों, मालवा, माझा और दोआबा में बांटा जाता है। (Malwa, Majha, Doaba) पंजाब की राजनीति में खास रोल होने के बाद भी मालवा काफी पिछड़ा इलाका है। पंजाब की तमाम सरकारी योजनाएं मालवा को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। फिर भी माझा और दोआबा से काफी पिछड़ा है मालवा।
  • कहते हैं कि मालवा में अमीर जमींदारों के अलावा बड़ी संख्या में छोटे किसान भी हैं। कृषि प्रमुख क्षेत्र होने के बावजूद यहां पानी की कमी है। जो भी उपलब्ध पानी है, उसका एक बड़ा हिस्सा खेती के लिए उपयोगी नहीं है। बताया जाता है कि मालवा कपास की खेती के लिए काफी प्रसिद्ध है, पर यहां फसल में लाल कीट लगने की समस्या भी है। इन कारणों से खेती में उत्पादन कम है और आर्थिक प्रगति धीमी है।
  • मालवा में शिक्षा की कमी भी किसानों के लिए एक चुनौती है। दोआबा (81.48 फीसदी) और माझा (75.9 फीसदी) की तुलना में मालवा (72.9 फीसदी) में साक्षरता दर कम है। ऐसे में शिक्षा नहीं होने की वजह से किसानों के पास रोजगार के ज्यादा मौके नहीं है। लिंगानुपात के मामले में भी दोआबा और माझा दोनों मालवा से आगे हैं।
  • पंजाब का इतना बड़ा भाग होने के बावजूद लुधियाना जिला ही मालवा का एकमात्र औद्योगिक केंद्र है। लुधियाना मालवा के अधिकतर जिलों से काफी दूर पड़ता है और रेल कनेक्टिविटी कोई अच्छी खासी नहीं है। इस वजह से वहां जाकर रोजगार के प्रयास करना बड़ी चुनौती है।

Also Read : Kejriwal Congratulates CM Bhagwant Mann: केजरीवाल ने ट्वीट कर सीएम भगवंत मान को दी बधाई

क्या मालवा का पानी केमिकल युक्त है?  (Importance of Malwa In Punjab Politics)

  • सूत्रों अनुसार मालवा देश के कैंसर बेल्ट के रूप में बदनाम है। इसकी मुख्य वजह है पीने का पानी केमिकल युक्त होना। मालवा में कृषि के लिए भारी मात्रा में कीटनाशकों और रसायन युक्त खाद का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस इलाके के ग्राउंड वाटर में यूरेनियम और मर्करी जैसे खतरनाक केमिकल आपस में घुल चुके हैं। इस वजह से लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
  • कहा जाता है कि कुछ सालों पहले तक मालवा के लोगों को कैंसर के इलाज के लिए बठिंडा से ट्रेन पकड़कर बीकानेर जाना पड़ता था। मरीजों की संख्या का आलम ये था कि उस ट्रेन को स्थानीय लोग कैंसर एक्सप्रेस के नाम से जानते थे। फिलहाल मालवा के संगरूर, फजिल्का, फरीदकोट और बठिंडा में कैंसर अस्पताल हैं जहां हजारों मरीज हैं। 2021 में ही यहां के चट्ठेवाला गांव में 12-15 लोगों की कैंसर से मौत हो गई थी। पानी में केमिकल होने से यहां के गांवों में बड़ी संख्या में अंगहीन बच्चे पैदा होने के मामले भी सामने आते रहते हैं।

क्या मालवा को दिखी आप से बदलाव की उम्मीद?

Importance of Malwa In Punjab Politics

  • आप ने विधानसभा चुनाव में पढ़े-लिखे युवा उम्मीदवार उतारे। चुनाव प्रत्याशियों ने घर-घर जाकर लोगों से ग्राउन्ड कनेक्ट किया। केजरीवाल ने पूरा चुनाव दिल्ली मॉडल पर लड़ा। उन्होंने नशा मुक्त राज्य, सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई, फ्री दवाओं और युवाओं को रोजगार के वादे किए, जिन पर जनता ने भरोसा दिखाया।
  • बताया जाता है कि मालवा में आम आदमी पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीती थीं। पंजाब के विधानसभा चुनाव में पार्टी की एंट्री 2017 में हुई। 2017 में ही मालवा के लोगों में ये विचार बनना शुरू हो चुका था कि उन्होंने अकाली दल और कांग्रेस दोनों को देख लिया है। उन्हें ऐसी पार्टी चाहिए थी जो पंजाब का हुलिया बदल सके।
  • हालांकि उस समय पंजाब में आम आदमी पार्टी का संगठन कमजोर था। अधिकतर ऐसे नेता थे जो दूसरी पार्टियों से आप में गए थे। इसलिए उसे राज्य में सिर्फ 20, और उसमें से मालवा में 18 सीटें ही मिलीं। 2022 में आप ने मालवा से संबंध रखने वाले भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री फेस बनाया। उनकी चुनौती मालवा के ही बाकी बड़े नेताओं से थी, पर आप को मुद्दों पर लड़ने का फायदा हुआ। मालवा में आम आदमी पार्टी कॉमेडियन से नेता बने भगवंत मान की लोकप्रियता भुनाने में भी कामयाब हुई।

Read More: Bhagwant Mann Cabinet Decision : पंजाब में भरे जाएंगे 25 हजार खाली पद

क्या आप से प्रभावित है मालवा की जनता?

  • पंजाब की राजनीति को सीधा प्रभावित करने वाला मालवा क्षेत्र राज्य के लिए परिवर्तन की भूमि माना जाता है। एक तरफ जहां दोआबा में दलित राजनीति और माझा में पंथिक (धार्मिक) राजनीति सत्ता को प्रभावित करते हैं, वहीं मालवा की राजनीति में जमीनी मुद्दे छाए रहते हैं। इसलिए पंजाब की राजनीति में नए वादों के साथ आने वाली पार्टियों की एंट्री भी मालवा से ही होती है, जैसा कि आप के साथ हुआ।
  • मालवा में हमेशा सत्ताधारी पार्टी के विपक्ष में वोट करने का ट्रेंड देखा गया है। सिर्फ एक बार 2012 में सत्ताधारी अकाली दल की कांग्रेस की 32 सीटों के मुकाबले एक सीट ज्यादा, 33 सीटें आई थीं। बदलाव की राह पर चलते हुए ही इस बार भी मालवा ने परिवर्तन के लिए वोट किया। आप को मालवा में 66 और पूरे पंजाब में 92 सीटों का बम्पर बहुमत मिला। भगवंत मान मालवा से आने वाले पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री बने और इस तरह मालवा ने एक बार फिर पूरे पंजाब की राजनीति पलटकर रख दी।

क्या किसान आंदोलन में थी मालवा के किसानों की भागीदारी?

  • आपकों बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन में मालवा के किसानों ने ही सबसे अधिक भागीदारी भी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आंदोलन के दौरान मारे गए 700 किसानों में से 80 फीसदी किसान मालवा क्षेत्र से थे।
  • बताया जाता है कि मालवा के किसानों के पास जमीन का मालिकाना हक पंजाब के बाकी दो क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा है। किसान हित के मुद्दे यहां हमेशा से बड़े जोर-शोर से उठाए जाते रहे हैं। आजादी के बाद भूमिहीन किसानों को जमीन का मालिकाना हक देने के लिए चलाया गया पेप्सू मुजारा आंदोलन भी यहां दशकों तक चला था। मालवा में भारतीय किसान यूनियन की जमीन भी काफी मजबूत है।
  • मालवा में किसानों की आत्महत्या बड़ा और संवेदनशील मुद्दा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1990 के बाद पंजाब में किसानों की आत्महत्या के 97 फीसदी मामले अकेले मालवा क्षेत्र से आए हैं। इसका एक बड़ा कारण कर्ज और खेती में कम कमाई का होना है।

Importance of Malwa In Punjab Politics

READ ALSO: Yogi Adityanath Oath Ceremony योगी आदित्यनाथ आज लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

गलत ट्रेन, गलत फैसला पीसीएस परीक्षा देने निकली युवती की रेल हादसे में…
गलत ट्रेन, गलत फैसला पीसीएस परीक्षा देने निकली युवती की रेल हादसे में…
इस आसान तरीके से बनाएं रोटियां, एक बार जान ली ये ट्रिक तो घर का एक-एक सदस्य करेगा तारीफ
इस आसान तरीके से बनाएं रोटियां, एक बार जान ली ये ट्रिक तो घर का एक-एक सदस्य करेगा तारीफ
Give Up Abhiyan:  सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Give Up Abhiyan: सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
सीरिया के बाद इस मुस्लिम देश में मची तबाही, मंजर देख कांप गए मुसलमान, मौत के आकड़े जान उड़ जाएगा होश
सीरिया के बाद इस मुस्लिम देश में मची तबाही, मंजर देख कांप गए मुसलमान, मौत के आकड़े जान उड़ जाएगा होश
कुवैत में पीएम मोदी को ऐसा क्या मिला जिससे दुश्मनों की उड़ी होश, 20वीं बार कर दिखाया ऐसा कारनामा..हर तरफ हो रही है चर्चा
कुवैत में पीएम मोदी को ऐसा क्या मिला जिससे दुश्मनों की उड़ी होश, 20वीं बार कर दिखाया ऐसा कारनामा..हर तरफ हो रही है चर्चा
अल्लू अर्जुन के घर पर हमला, जमकर मचाया उत्पाद, उस्मानिया यूनिवर्सिटी के 8 सदस्यों को पुलिस ने खदेड़कर पकड़ा, अब मिलेगी ऐसी सजा याद रखेंगी 7 पुश्तें
अल्लू अर्जुन के घर पर हमला, जमकर मचाया उत्पाद, उस्मानिया यूनिवर्सिटी के 8 सदस्यों को पुलिस ने खदेड़कर पकड़ा, अब मिलेगी ऐसी सजा याद रखेंगी 7 पुश्तें
CM योगी की बढ़ी लोकप्रियता, सीएम ऑफिस के ‘एक्स’ हैंडल पर 60 लाख फॉलोअर्स का आंकड़ा पार
CM योगी की बढ़ी लोकप्रियता, सीएम ऑफिस के ‘एक्स’ हैंडल पर 60 लाख फॉलोअर्स का आंकड़ा पार
Vinay Saxena Vs Atishi: आखिर ऐसा क्या हुआ! जो CM आतिशी ने LG को कहा धन्यवाद
Vinay Saxena Vs Atishi: आखिर ऐसा क्या हुआ! जो CM आतिशी ने LG को कहा धन्यवाद
बैंक की दीवार काटकर करोड़ों की चोरी, सुरक्षा पर उठे सवाल
बैंक की दीवार काटकर करोड़ों की चोरी, सुरक्षा पर उठे सवाल
Fake army officer: सेना का फर्जी अफसर बन विदेशी महिला के साथ कांड…फिर शर्मसार हुई ताज नगरी
Fake army officer: सेना का फर्जी अफसर बन विदेशी महिला के साथ कांड…फिर शर्मसार हुई ताज नगरी
ADVERTISEMENT