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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): साल 2017 में हुए डोकलाम संकट के बाद भारत ने चीन सीमा पर बुनियादी ढांचा तेजी से विकसित किया है। पिछले पांच वर्षों में भारत ने चीन सीमा पर 3,500 किलोमीटर से ज्यादा की सड़क बनाई है। इस काम को पूरा करने का जिम्मा सीमा सड़क संगठन के पास है। वर्तमान में भारत, चीन सीमा पर 177 सड़क परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिसके तहत 10,023 किलोमीटर की सड़क का निर्माण होना है.
भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण की परियोजना को भारत-चीन बॉर्डर रोड परियोजना (आईसीबीआर) के नाम से भी जाना जाता है। इसके पहले चरण की मंजूरी साल 2005 में दी गई थी तब 3,323 किलोमीटर की 77 परियोजनाओं को मंजूरी मिली थी, साल 2020 में आईसीबीआर के दूसरे चरण को मंजूरी दी गई थी, इसके तहत 6,700 किलोमीटर से अधिक की 104 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी.
सीमा सुरक्षा संगठन के अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग भी चीन सीमा पर सड़क बनाने का काम देखती है। आईसीबीआर के पहले चरण की मंजूरी साल 2005 में मिली थी, जिसे 2012 तक पूरा होना था, लेकिन फिर यह समय-सीमा बढ़ा कर 2018 कर दी गई थी, आज पहले चरण में मंजूर 3,323 किलोमीटर में से 3,205 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हो चूका है। जबकि बचे 108 किलोमीटर का निर्माण जारी है.
भारत-चीन की सीमा, 3488 किलोमीटर लंबी है जो जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणचल प्रदेश से गुजरती है.
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