India News (इंडिया न्यूज़), Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग से कोड की मांग की है जिसे सारना कोड कहा जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर यह कहा है कि आदिवासी संस्कृति हिंदू संस्कृति से अलग है जिसे वह सरना धर्म कहते हैं और इसीलिए आने वाली जनगणना में उनका अलग कोड हो ताकि यह पता लग सके कि कितने सारना धर्मावलंबी हैं।
राजनीति से इतर राज्य के मुख्यमंत्री ने झारखंडी हितों को देखते हुए यहां के निर्वासित आदिवासियों के लिए पहल करते हुए अपने कार्यकाल में झारखंड विधानसभा से विगत दिनों बिल को पास कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है एवं इसे लेकर अपने शासनकाल में राज्य स्तरीय प्रयास लगातार जारी होता दिख रहा है इसे आदिवासी समुदाय एवं राज्यहित के लिए झारखंड सरकार की सराहनीय कदम के रूप में भी देखा जा सकता है
राजधानी रांची के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट मोराबादी रांची के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री ने सरना धर्मकोड को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भेजे जाने के संबंध में काफी सहजता और सरल स्वभाव में कहा कि मांग है तो प्रयास जारी है वैसे भी आदिवासी दलित और पिछड़ों को अधिकार बहुत मुश्किल से जदोजहद के बाद मिलता है लेकिन संघर्ष जारी है।
सरना धर्म कोड पर राजनीति भी देखी जा रही है एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यह मानते हैं कि आदिवासी का धर्म हिंदू धर्म से अलग है कई बार उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी इस बात का जिक्र किया है कि आदिवासी हिंदू नहीं लेकिन मुख्यमंत्री खुद आदिवासी समुदाय से हैं और उन्हें हिंदू देवी देवताओं के मंदिरों में मत्था टेकते देखे गए हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर अगर देखे तो मुख्यमंत्री का यह बयान कि आदिवासी हिंदू नहीं है इसको राज्य का ईसाई धर्मावलंबियों का पूरा समर्थन है।
राज्य में धर्मपरिवर्तन भी सबसे ज्यादा आदिवासी ही कर रहे हैं ऐसे में अगर उनको अलग कोड दिया जाता है तो टेक्निकल तौर पर आदिवासियों का धर्मपरिवर्तन कराने में दिक्कत नही आएगी ,इसलिए ईसाई समुदाय इसका समर्थन कर रहा है ।
वहीं सनातन धर्मावलंबी का मानना है कि आदिवासी हिंदू है तो फिर इनके लिए अलग से जनगणना में कोड क्यों? हिंदू संगठनों का मानना है कि दरअसल भोले भाले आदिवासियों को ईसाई बनाने की कोशिश के तौर पर जनगणना में अलग कोड देना होगा।
सरना धर्म कोड को लेकर हेमंत सोरेन एक बार प्रतिनिधि मंडल लेकर भी दिल्ली गए थे ।जहां उन्होंने गृहमंत्री से मुलाकात भी की थी।लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। एक भर फिर चुनाव नजदीक आते देख मुख्यमंत्री ने सरना कोड का पासा फेका है देखना है आगे क्या क्या गुल खिलाता है।
ये भी पढ़ें-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.