इंडिया न्यूज़ चंडीगढ़
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि लॉरेंस बिश्नोई ऐसे ही किसी से रंगदारी नहीं मांग लेता है। इसके लिए बकायदा वो इंटरनेट पर रिसर्च करता है। अपने गुर्गे भेजकर रेकी करता है। इसके बाद वो रंगदारी या फिर सुपारी मांगता है। धमकी देने के लिए वो हमेशा वॉट्सऐप कॉल करता है। जेल में चाहे कितना भी इंतजाम कर लिया जाए वो कब और कैसे मोबाइल फोन चला लेता है, ये अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया।
इसके निशाने पर ट्रेवल ऐजेंट, डायमंड कारोबारी, अस्पताल मालिक, गुटका कारोबारी, चरस और ड्रग्स के कारोबारी, शराब कारोबारी और बड़े रेस्टोरेंट मालिक होते हैं। इन्हें धमकी देकर ना सिर्फ रंगदारी लेता है बल्कि ये भी दावा करता है कि उसके अलावा देश का दूसरा कोई गैंगस्टर उसे परेशान नहीं कर सकता। अब मर्जी उस कारोबारी की. जिंदा रहने के लिए या तो पैसे दे या फिर बुलेट का शिकार बन जाए।
वो वॉट्सऐप पर लेता है सुपारी। जेल से ही कराता है मर्डर। और फेसबुक पर करता है कबूलनामा। ये तेवर है देश के एक ऐसे गैंगस्टर की। जो ख़ुद को भगत सिंह का भक्त बताता है। वो जेल की दीवारों पर भी भगत सिंह की पोस्टर लगाता है। और तो और जब कभी पुलिस कस्टडी में आता-जाता है तो मूंछ पर ताव देता है।
गूगल पर इसका नाम डालो तो एक नहीं 150 से ज्यादा फेसबुक अकाउंट मिल जाएंगे। सैकड़ों वीडियो और फोटो मिल जाएंगे। हजारों युवा फॉलोवर मिल जाएंगे। ना सिर्फ फॉलोवर बल्कि उसके एक मैसेज पर किसी का क़त्ल करने के लिए भी तैयार मिलेंगे। ये कहानी है कि देश के सबसे स्मार्ट गैंगस्टर में से एक की। जिसका नाम है लॉरेंस बिश्नोई।
जैसा लॉरेंस नाम वैसे ही चेहरे पर चमक। चाहे जेल में रहे, या फ़िर पुलिस कस्टडी में, जन्म 22 फरवरी 1992. शहर पंजाब का फजिल्लका। लॉरेंस विश्नोई नाम उसकी मां ने रखा था। इस नाम के पीछे एक वजह भी थी। क्योंकि वो पैदा होने पर बिल्कुल दूध की तरह सफेद चमक रहा था। लॉरेंस.. एक क्रिश्चियन नाम है. जिसका मतलब होता है सफेद चमकने वाला बचपन में जिस तरह से वो स्मार्ट और खेल में दिलचस्पी लेता था, उसे देखकर तो घरवाले यही सोचते थे कि एक ना दिन ये हमारा नाम ज़रूर रोशन करेगा।
लेकिन उन्हें क्या पता था कि नाम रोशन तो करेगा लेकिन खेल की दुनिया में नहीं, बल्कि जुर्म की दुनिया में। वो जुर्म जिसके ख़िलाफ कभी उसके पिता हुए करते थे। मां भी विरोध करती थी, क्योंकि पिता ख़ुद एक पुलिसवाले रहे, मां पढ़ी-लिखी, घर में करोड़ों की संपत्ति, लेकिन बेटा एक दिन भटककर जुर्म की दुनिया में एंट्री कर जाएगा। शायद ही मां-बाप ने कभी सोचा हो।
अब इसका जुर्म की दुनिया में सिर्फ़ नाम ही नहीं बल्कि सिक्का जम चुका है। ऐसा सिक्का जिसे हिलाना अब किसी के बस की बात नहीं। क्योंकि उसकी जुर्म की कहानी उसकी उम्र से कई गुना ज्यादा है। इस लॉरेंस बिश्नोई की उम्र तो सिर्फ़ 28 साल है लेकिन अपराध का ग्राफ 50 पार कर चुका है।
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