इंडिया न्यूज नई दिल्ली :
Mental Disorder ADHD : वैसे तो आप सब जानते ही हैं कि आज वर्तमान समय में लगातार बढ़ रहे मानसिक तनाव के कारण बहुत से विकार मनुष्य को अपनी चपेट में ले रहें हैं। जिससे बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। आपको बता दें कि ऐसा ही एक विकार अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर (ADHD) भी है जिससे अधिकांश बच्चे प्रभावित होते हैं, लेकिन कई मामलों में बड़े भी इसकी चपेट में आ जाते हैं।
यह एक ऐसा मानसिक विकार है जिसमें मरीजों के दिमाग का विकास सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा या तो काफी धीरे होने लगता है या फिर पूरी तरह से नहीं हो पाता।
समय पर करवानी होगी जांच Mental Disorder ADHD
(ADHD) इंस्टीट्यूट के एक शोध के मुताबिक दुनिया में 18 से 44 साल के 2.8 प्रतिशत लोग इस मानसिक विकार से ग्रस्त पाए गए हैं। वहीं यदि समय रहते ही इसकी जांच नहीं करवाई जाए तो इसके लक्षण उम्र के बढ़ने के साथ-साथ और अधिक गंभीर रूप ले सकते हैं।
बड़ों में ऐसे पहंचानें (ADHD) के लक्षण
- इस विकार से ग्रस्त लोगों में भूलने की समस्या सामान्य हो जाती है।
- ध्यान में न रहना- (ADHD) इस विकार का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि बार-बार मरीज का ध्यान काम से बाहर हो जाना और वह किसी भी जानकारी को भूल जाता है। अक्सर देखा जाता है कि ऐसे लोगों को बातचित के दौरान भी ध्यान लगाने में परेशानी होती है।
- पैरानायड की समस्या आना-इस विकार से ग्रस्त कुछ मरीज काम पर ज्यादा ही फोकस करने लग जाते हैं। उन्हें बार-बार यह डर सताने लग जाता है कि कहीं उनसे कुछ गलती न हो जाए, कोई आवश्यक कार्य या सूचना को भूल न जाएं।
- व्यवहार में बदलाव- अक्सर (ADHD) के मरीजों के व्यवहार में बदलाव हो जाता है। वे पहले की अपेक्षा असाधारन व्यवहार करने लग जाते हैं। जरूरत से ज्यादा टोकना और बोलना उनमें देखा जाता है। समाज में उनका यह व्यवहार खराब माना जाने लगता है। इससे उनके रिश्तों पर भी खराब असर पड़ सकता।
- नकारात्मकता का एहसास- इस विकार से ग्रस्त लोग खुद को नकारात्मक नजरिए से देखने लग जाते हैं। अन्य लोगों से खुद को कम और कमजोर आंकना भी व्यवहार में देखने को मिलता है। वहीं कार्यालय, परिवार के लोगों के समक्ष भी खुद को कमजोर और असहाय सा व्यवहार करते हुए देखा जा सकता है।
- कामकाज पर असर- मरीजों के कामकाज पर भी इस विकार का काफी असर पड़ता है। उनके काम करने की कार्य कुशलता में भी कमी आने लगती है। ऐसे लोग अपने ही घर या कार्यालय में वस्तुओं को रखकर भूल जाने लगाता है।
- समय से चूकना- (ADHD) का मरीज अपना टाइम ठीक से मैनेज नहीं कर पाता। किसी भी कार्य को दिए गए समय सीमा में पूरा कर पाने में असमर्थ हो जाता है। इसके अलावा किसी भी कार्य के करने के समय को भी भूल जाना जैसे रात में सोने की बजाया खेलना या योग-आसन करना आदि।
- तनाव में रहना- इस विकार की चपेट में आने के बाद से मरीज हमेशा तनाव में रहने लग जाता है। दिमाग कभी शांत नहीं हो पाता। जिसके कारण अक्सर चिड़चिड़ापन और गुस्से में रहना देखा जा सकता है।
- स्वास्थ्य खराब होना- विशेषज्ञों द्वारा साल 2013 में किए एक शोध में कहा गया है कि (ADHD) से ग्रस्त लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं। वे व्यायाम भी करना छोड़ देता है। अपने खानपान को भी संतुलित नहीं रख पाते।
- आदतें खराब होना- वर्ष 2014 में की गई एक रिसर्च के मुताबिक शराब, तंबाकू और ड्रग्स आदि किसी भी तरह के नशे करने से (ADHD) नहीं होता, बल्कि इस विकार की चपेट में आने के बाद ही मरीज इन गलत आदतों में फंस जाता है।
ऐसे करें बचाव या इलाज
- (ADHD) के लिए कागनिटिव बिहेविरियल थैरेपी का सहारा भी लिया जा सकता है।
- ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
- ध्यान और योग कर तनाव को कम कर सकते हैं।
- सभी पोषक तत्वों से परिपूर्ण भोजन का सेवन करें।
- सोन और सुबह समय पर उठने का प्रयास करें।
- रोजाना पूरी नींद लें। Mental Disorder ADHD
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