होम / Kejriwal Arrest: विपक्ष गलत मोहरे पर लगा रहा है दांव, केजरीवाल होंगे अब कमज़ोर

Kejriwal Arrest: विपक्ष गलत मोहरे पर लगा रहा है दांव, केजरीवाल होंगे अब कमज़ोर

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : March 24, 2024, 7:50 pm IST
ADVERTISEMENT
Kejriwal Arrest: विपक्ष गलत मोहरे पर लगा रहा है दांव, केजरीवाल होंगे अब कमज़ोर

kejriwal arrest:

India News (इंडिया न्यूज़), Kejriwal Arrest, अजीत मेंदोला: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद विपक्ष जिस तरह से एक जुट हो केंद्र पर हमलावर हुआ उससे ऐसा लगता है कि उसे आम चुनाव में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।कांग्रेस से लेकर सपा,टीएमसी,वामदल, आरजेडी मतलब छोटे बड़े दलों ने एक स्वर में मोदी सरकार पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ा।केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरुद्ध चुनाव आयोग को बकायदा ज्ञापन भी सौंपा।सबसे ज्यादा सक्रियता दिखाई कांग्रेस ने। जो हैरानी करने वाली थी। क्योंकि कांग्रेस के बुरे दिनों के लिए केजरीवाल सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।अब सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल की गिरफ़्तारी का असर पूरे देश में होने जा रहा है?क्या केजरीवाल कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष की आम चुनाव में नैया पार लगा देंगे आदि?जबकि जानकार मानते हैं कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद थोड़ा सा भी ताकतवर हुए तो कांग्रेस को ही ज्यादा नुकसान होने वाला है।

Top News Lok Sabha Election 2024: ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी का समर्थन, ‘मोदी फॉर 2024’ अभियान की शुरुआत

  • पूरे देश में राज करने की महत्वकांक्षा
  • आंदोलन न हुआ तो पार्टी होगी कमज़ोर
  • प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना आसान नहीं
  • केजरीवाल की लोकप्रियता में भारी गिरावट आनी तय

पूरे देश में राज करने की महत्वकांक्षा

केजरीवाल कमजोर होंगे या ताकतवर इसका पता यूं तो दो चार दिन में लग जाएगा। क्योंकि आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली में केजरीवाल की गिरफ्तारी से लोगों में आक्रोश है। ।केजरीवाल की राजनीति में एंट्री आंदोलन से हुई है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन आंदोलन से नेता बनने और सत्ता पाने के बाद केजरीवाल ने सबसे पहले उन लोगों को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जिन्होंने आंदोलन को ताकत दे सत्ता तक पहुंचाया था। सत्ता मिलते ही केजरीवाल ने अपनी महत्वकांक्षा इतनी बढ़ा ली कि वह पूरे देश में राज करने की रणनीति बनाने लगे। और जैसा कहा जाता है कि उन्होंने भ्रष्टाचार का वह रास्ता चुन लिया जिसकी खिलाफत कर वह सत्ता तक पहुंचे थे। आखिरकार भ्रष्टाचार के चलते ही गिरफ्त में आ गए।

Fairness cream: फेयरनेस क्रीम से हो जाएँ सावधान, बन सकती है मौत का कारण

आंदोलन न हुआ तो पार्टी होगी कमज़ोर

अभी तो शराब घोटाले का मामला ही सामने आया है। मोहल्ला क्लिनिक, नकली दवाई, घर निर्माण ऐसे कई मामले हैं जिनकी जांच चल रही है। दरअसल, केजरीवाल ऐसी राजनीति करने लगे जिसमें उन्होंने मान लिया था कि उन्हें न तो कोई पकड़ सकता है और ना ही कोई कुछ बिगाड़ सकता है। इसलिए वह निश्चिंत हो अपने हिसाब से चल रहे थे। लेकिन अब गिरफ्तारी के बाद उनकी असली परीक्षा है। क्योंकि अब उनकी टीम में वे लोग नहीं हैं जिन्होंने आंदोलन कर उन्हें राजनीति की ऊंचाई पर पहुंचाया था। उनकी टीम में अब एक तरह से सिर्फ़ दरबारी रह गए हैं। देखना होगा कि आने वाले दो चार दिन में उनके यह नेता आंदोलन कितना लंबा खींच सकते हैं। इतना तय है कि अब जो भी भीड़ आयेगी, वह लानी पड़ेगी।अपनी मर्जी से कोई नहीं आने वाला है। आंदोलन अगर खड़ा नहीं हो पाया तो पार्टी वैसे ही कमजोर हो जाएगी।

Intermittent Fasting : इंटरमिटेंट फास्टिंग बन सकती हैं मौत का कारण, जाने क्या है साइड इफैक्ट्स

प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना आसान नहीं

अब सवाल उठ रहे हैं टाइमिंग पर। देखा जाए तो टाइमिंग बहुत सोच समझ कर चुनी गई है। लोकसभा चुनाव के बीच केजरीवाल की गिरफ़्तारी करा विपक्ष की रणनीति को गड़बड़ा दिया गया है। अयोध्या के राममंदिर में राम लला की मूर्ति की प्रतिष्ठा होने के बाद माहौल पूरी तरह से ध्रुवीकरण वाला बना दिया गया है। इस बीच राहुल गांधी ने शक्ति पर टिप्पणी कर बीजेपी को और मौका दे दिया। हालांकि बीजेपी ने अभी खुल कर चुनाव का एजेंडा सेट नहीं किया है, लेकिन तय है 2024 का चुनाव, अयोध्या के चलते हिंदुत्व पर ही लड़ा जाएगा। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की इमेज को चुनौती देना आसान नहीं होगा। दिल्ली में तो यूं भी विपक्ष एक भी सीट जीत पाएगा, ऐसा लगता नहीं है। लोकसभा में सातों सीट बीजेपी ने जीत ली तो 10 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव का एजेंडा अभी से सेट हो जाएगा। केजरीवाल से पहले गिरफ्तार हुए मनीष सिसोदिया, संजय सिंह जैसे नेता जिस हिसाब से अभी जेल में हैं, लगता नहीं है कि केजरीवाल लोकसभा चुनाव के बाद भी जेल से बाहर आ पाएंगे।

Arvind Kejriwal: सीएम हिंमत सरमा ने केजरीवाल पर साधा निशाना, जानें क्या कहा

केजरीवाल की लोकप्रियता में भारी गिरावट आनी तय

हालांकि केजरीवाल को 28 मार्च तक रिमांड मिली है। देखना होगा उसके बाद अदालत उन पर क्या फैसला करती है। इसलिए गिरफ़्तारी का समय राजनीतिक रूप से सही लगता है। विपक्ष की जो स्थिति है, लगता नहीं है कि लोकसभा चुनाव प्रभावित होंगे। 4 जून को लोकसभा के चुनाव परिणाम के बाद सारी स्थिति साफ हो जाएगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही है। दिल्ली में जरूर दोनों मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली की सात सीट में से एक भी सीट पर जीत मिलती है तो फिर माना जाएगा कि सहानुभूति मिली है। लेकिन इतना तय है, कि केजरीवाल के लिए अब राजनीति बहुत आसान नहीं रह जाएगी। जेल में लम्बे समय तक बंद रहे तो उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आनी तय है।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT