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Lok Sabha Election: क्या है पूर्णिया फतह करने का पप्पू प्लान? आरजेडी के खिलाफ चल रहे दांव कितना सटिक

Rajesh kumar • LAST UPDATED : April 5, 2024, 1:41 pm IST
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Lok Sabha Election: क्या है पूर्णिया फतह करने का पप्पू प्लान? आरजेडी के खिलाफ चल रहे दांव कितना सटिक

Lok Sabha Election: क्या है पूर्णिया फतह करने का पप्पू प्लान? आरजेडी के खिलाफ चल रहे दांव कितना सटिक

पूर्णिया बिहार की सबसे हॉट लोकसभा सीट बनी हुई है। अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने के बाद भी राजेश रंजन (पप्पू यादव) पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। भारत गठबंधन के तहत पूर्णिया सीट कांग्रेस के बजाय राजद के खाते में चली गयी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बीमा भारती को जदयू से टिकट देकर मैदान में उतारा है। ऐसे में पप्पू यादव के निर्दलीय मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है और वह राजद के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे हैं।

नामांकन दाखिल करने के साथ ही पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट पर राजद के खिलाफ राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है ताकि उनकी राजनीतिक राह आसान हो सके। यही वजह है कि नामांकन के बाद भाषण देते वक्त पप्पू यादव इतने भावुक हो गए कि मंच पर ही फूट-फूटकर रोने लगे। इस तरह उन्होंने पूर्णिया में सहानुभूति बटोरने का काम किया। इस दौरान उन्होंने एक तीर से कई निशाने साधे। शहाबुद्दीन, तारिक अनवर और तस्लीमुद्दीन का जिक्र कर मुसलमानों को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश की गई।

पप्पू यादव का कांग्रेस कनेक्शन

वहीं, पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव लड़ रहीं लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और मीसा भारती को अपनी बहनें बताकर और उनके लिए प्रचार कर राजद के कोर वोट बैंक यादव समुदाय को लुभाने की कोशिश की है। कांग्रेस भले ही राजद से पूर्णिया सीट नहीं छीन पाई हो, लेकिन जिस तरह से पप्पू यादव मरते दम तक कांग्रेस में रहने और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ काम करने की बात कर रहे हैं, उससे यह जताने की कोशिश है कि भले ही राजद ने टिकट दिया हो। पूर्णिया से बीमा भारती को, लेकिन भारत गठबंधन की उम्मीदवार वही हैं।

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भावनात्मक दांव खेल रहे हैं पप्पू यादव

पांच बार सांसद रहे पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से नामांकन के बाद टाउन हॉल में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान मंच पर रोते हुए पप्पू यादव ने इमोशनल कार्ड खेला और साथ ही लालू यादव और तेजस्वी यादव पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि आखिर मुझमें क्या कमी थी कि राजद ने मेरे खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर दिया जबकि अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने से पहले मैंने लालू यादव से भी मुलाकात की थी और कहा था कि मैं पूर्णिया से चुनाव लड़ूंगा। इसके बाद राजद ने पूर्णिया सीट से नामांकन दाखिल किया।

पप्पू यादव ने कहा कि मेरी राजनीतिक हत्या करने की कोशिश की गई। राजद ने पूर्णिया सीट से कभी चुनाव नहीं जीता, फिर भी उसने यह सीट ले ली ताकि मैं चुनाव नहीं लड़ सकूं। ऐसे में पप्पू यादव पूर्णिया की जनता के सामने भावनात्मक दांव खेल रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि मौजूदा समय में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतना आसान नहीं है। इसीलिए पप्पू यादव अब लोगों की सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके लिए वह लालू यादव को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। पप्पू यादव खुद को पूर्णिया का बेटा बता रहे हैं।

मुस्लिम वोटों को आकर्षित करने के लिए पप्पू यादव ने बड़ी सियासी चाल

पूर्णिया सीट पर 40 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, जो राजनीतिक तौर पर काफी अहम माने जाते हैं। राजद का कोर वोटबैंक यादव और मुस्लिम हैं। बीमा भारती पूर्णिया से राजद की उम्मीदवार हैं जबकि पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में दोनों की नजर यादव और मुस्लिम वोट बैंक पर है। पप्पू इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि उनकी जीत तभी हो सकती है जब यादव और मुस्लिम वोट उनके पक्ष में आएं। ऐसे में मुस्लिम वोटों को आकर्षित करने के लिए पप्पू यादव ने बड़ी सियासी चाल चली है। उन्होंने शहाबुद्दीन, तारिक अनवर और तस्लीमुद्दीन का जिक्र किया।

पप्पू यादव ने कहा कि भारत गठबंधन को जिताने के लिए वह बिहार की सभी सीटों पर मदद करेंगे, लेकिन एक सीट छोड़कर। वह सीट है सीवान, जहां से शहाबुद्दीन की पत्नी हिना चुनाव लड़ रही हैं। शहाबुद्दीन ने राजद के लिए अपनी जान दे दी, लेकिन उनके परिवार को किनारे कर दिया गया। हम शहाबुद्दीन के परिवार को नहीं छोड़ सकते और हिना के लिए वोट मांगने सीवान भी जायेंगे। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि पूर्णिया की बगल की सीट कटियार से तारिक अनवर और किशनगंज से जावेद अली चुनाव लड़ रहे हैं। तेजस्वी यादव पूर्णिया में बीमा भारती के नामांकन के लिए आए, लेकिन कटियार और किशनगंज नहीं गए।

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पप्पू यादव ने यहां तक कहा कि राजद ने तारिक अनवर के खिलाफ अपने पूर्व राज्यसभा सदस्यों में से एक अशफाक करीम को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। ऐसे में राजद ने तारिक अनवर को हराने के लिए करीम को मैदान में उतारा है। उन्होंने पूर्णिया से सांसद रहे तस्लीमुद्दीन का भी जिक्र किया। इस तरह सीमांचल के प्रमुख मुस्लिम नेताओं का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने मुस्लिमों को लुभाने की चाल चली है।

यादव वोटों के लिए बिछी बिसात!

पूर्णिया लोकसभा सीट पर करीब सवा दो लाख यादव मतदाता हैं, जिन पर राजद और पप्पू यादव दोनों की नजर है। पप्पू यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा, लेकिन उनकी बेटियों के चुनाव लड़ने के प्रति पूरी सहानुभूति जताते दिखे। उन्होंने कहा कि रोहिणी आचार्य, मीसा भारती हमारी बहनें हैं, उनके लिए प्रचार करना होगा तो मैं जरूर जाऊंगी। इतना ही नहीं, पप्पू यादव ने यह भी कहा कि हमारी कोशिश कांग्रेस को मजबूत करने की है, लेकिन मैं 2025 में तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए भी पूरी ताकत से काम करूंगा।

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इस तरह पप्पू यादव ने यादव और राजद वोटरों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह राजद के खिलाफ नहीं हैं और न ही तेजस्वी की राह में कोई रोड़ा बनना चाहते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि भारत गठबंधन को जिताने के लिए वह सीवान छोड़कर बिहार की सभी सीटों पर प्रचार करने जायेंगे। इस तरह से पप्पू ने यह बताने की कोशिश की है कि वह राजद और हम के गठबंधन के खिलाफ नहीं हैं बल्कि उसके साथ हैं।

राहुल-प्रियंका के सहयोग से खेला गया दांव!

पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उन्हें सम्मान दिया है। वह कांग्रेस से कभी अलग नहीं होंगे, लेकिन कांग्रेस और राजद के कुछ नेता उनके खिलाफ खड़े हैं। इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ी, भले ही कांग्रेस राजद से पूर्णिया सीट नहीं ले सकी। वह यह भी कह रहे हैं कि बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए वह अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। ऐसे में पप्पू यादव खुद को कांग्रेसी बता रहे हैं ताकि वह खुद को राजद प्रत्याशी बीमा भारती के मुकाबले इंडिया अलायंस के उम्मीदवार के तौर पर खड़ा कर सकें।

हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने उनसे नामांकन वापस लेने को कहा है, लेकिन जिस तेवर में पप्पू दिख रहे हैं उससे साफ है कि वह किसी भी हालत में सीट नहीं छोड़ेंगे। वह खुद को गांधी परिवार का मजबूत सिपाही बताकर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा पप्पू यादव बेहद रणनीतिक तरीके से चुनाव मैदान में उतरे हैं और उसी अंदाज में अपनी सियासी चाल भी चल रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि पूर्णिया में राजद उनसे कैसे पार पाती है।

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