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India News(इंडिया न्यूज़), Bihar: सतवास थाने में पुलिस कस्टडी के दौरान एक युवक की संदिग्ध मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस समेत विभिन्न संगठनों ने इस घटना को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया है। मामले में थाना प्रभारी आशीष राजपूत को पहले ही निलंबित किया जा चुका है लेकिन मृतक के परिजनों और कांग्रेस नेताओं ने पूरे थाना स्टाफ के निलंबन और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
कांग्रेस नेताओं का प्रदर्शन
रविवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कांग्रेस कार्यकर्ता सतवास पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और उनके साथ थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय संगठनों ने थाने के खिलाफ नारेबाजी की और अनशन पर बैठ गए। प्रदर्शन और तनावपूर्ण माहौल के चलते युवक का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी और जयस कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन में भाग लिया, जिससे स्थिति और गर्मा गई।
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कांग्रेस ने लगाए प्रशासन पर गंभीर आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने मांग की कि थाने के सभी पुलिसकर्मियों को तुरंत सस्पेंड किया जाए। उन्होंने मृतक के परिवार के अनाथ बच्चों के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की और इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बताया। पटवारी ने कहा, “सरकार की संवेदनहीनता का यह प्रमाण है कि 24 घंटे बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह मोहन सरकार की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है।”
स्थानीय संगठनों की भागीदारी
भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी और जयस कार्यकर्ताओं के शामिल होने से प्रदर्शन में और उग्रता आ गई है। इन संगठनों ने भी पुलिस कस्टडी में हुई मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। कांग्रेस और अन्य संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। इस घटना ने प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है और सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मामले की जांच जारी है, लेकिन जनता और मृतक के परिजन न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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