Hindi News / Madhya Pradesh / Mp Crime Why Dont You Hang Me One Moment And Everything Will Be Over Why Did Satyam Who Was Preparing For Neet Say This

मुझे फांसी क्यों नहीं दे देते…एक पल और सब खत्म, नीट की तैयारी कर रहा सत्यम ने क्यों बोल गया ऐसा?

India News (इंडिया न्यूज), MP Crime: मध्य प्रदेश में 3 मार्च की रात ने सत्यम कटरे की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। नीट की तैयारी कर रहा यह छात्र एक ऐसी गलती कर बैठा, जिसने न सिर्फ उसके परिवार,

BY: Shagun Chaurasia • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), MP Crime: मध्य प्रदेश में 3 मार्च की रात ने सत्यम कटरे की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। नीट की तैयारी कर रहा यह छात्र एक ऐसी गलती कर बैठा, जिसने न सिर्फ उसके परिवार, बल्कि पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। मां की मौत, पिता की गंभीर हालत और खुद जेल की सलाखों के पीछे, यह सब कुछ बस पांच मिनट के गुस्से की वजह से हुआ। अब सत्यम वारासिवनी उप जेल में खामोश, गुमसुम और पूरी तरह टूट चुका है।

अकेलेपन से अंधेरे की ओर

सत्यम का बचपन सामान्य था, लेकिन कोरोना काल ने उसकी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला दिया। जब पूरी दुनिया घरों में बंद थी, तब वह अकेलेपन से जूझ रहा था। दोस्तों से दूरी, परिवार से संवादहीनता और खुद को व्यस्त रखने का कोई जरिया न होने के कारण मोबाइल ही उसका साथी बन गया। धीरे-धीरे वह अश्लील फिल्मों की लत में फंसता चला गया। यह लत एक आदत बनी और फिर गुस्से और आक्रोश का रूप लेती चली गई।

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एक पल और सब खत्म

सत्यम ने स्वीकार किया कि घटना पहले से तय नहीं थी। बस एक बहस शुरू हुई, गुस्सा बढ़ा और पांच मिनट के भीतर सब खत्म हो गया। अब उसकी आंखों में न डर है, न क्रोध सिर्फ पछतावा बचा है। सत्यम से पूछा गया तो वह पूरी तरह टूटा हुआ नजर आया। जब उससे पूछा “खाना कैसा मिलता है?” तो उसने बस इतना ही कहा, “बस जिंदा रहने लायक…”

जेल में भी खामोशी

वारासिवनी उप जेल के जेलर अभय वर्मा बताते हैं कि सत्यम बहुत संवेदनशील लड़का है। वह जेल में किसी से बात नहीं करता और बार-बार यही कहता है “मुझे फांसी क्यों नहीं दे देते?” जब जेलर ने उससे पूछा, “क्या तुम नीट की परीक्षा देना चाहोगे?” तो वह कुछ पल चुप रहा और फिर बस “पता नहीं, अब क्या होगा?” कहकर 106 कैदियों की भीड़ में कहीं खो गया।

एक गलत फैसला और सब बर्बाद

यह घटना गुस्से और मानसिक तनाव के खतरों को उजागर करती है।एक अनियंत्रित क्षण, एक गलत फैसला, और पूरी जिंदगी बर्बाद। अगर सत्यम को समय रहते सही मार्गदर्शन, परिवार का साथ और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान मिलता, तो शायद आज वह जेल में नहीं, बल्कि अपने भविष्य की ओर बढ़ रहा होता।

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