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Punjab Congress Crisis दिल्ली बुलाए चन्नी, मंजूर हो सकता है सिद्धू का इस्तीफा

Vir Singh • LAST UPDATED : October 5, 2021, 1:51 pm IST

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :

Punjab Congress Crisis पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को मंगलवार को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि नवजोत सिद्धू की पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से छुट्टी हो सकती है। सांसद रवनीत बिट्टू या वर्किंग प्रधान कुलजीत नागरा को उनकी जगह प्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है, क्योंकि सूत्रों के अनुसार सीएम के बिट्टू व नागरा को भी हाईकमान ने बुलाया है। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार सिद्धू के जिद्दी रवैये से नाराज पार्टी हाईकमान यह फैसला ले सकता है। गौरतलब है कि सिद्धू ने एक हफ्ते पहले ही इस्तीफा दे दिया था, जिसे कांग्रेस हाईकमान अब मंजूर कर सकता है।

दरअसल चन्नी को मंगलवार शाम को Union Home Minister Amit Shah से मिलना था। इसके लिए वह मोहाली से हेलीकॉप्टर से निकल भी चुके थे, लेकिन इस बीच अचानक उन्होंने मोहाली में लैंड कर लिया और उसके बाद चार्टेड फ्लाइट से बिट्टू और नागरा को साथ लेकर सीएम चन्नी दिल्ली के लिए रवाना हुए। माना जा रहा है कि अचानक सीएम के लिए कांग्रेस हाईकमान का संदेश आया कि वह बिट्टू और नागरा को भी साथ लेकर आएं। तीनों की मुलाकात पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से हो सकती है। हालांकि अधिकारिक पुष्टि इस बैठक के बाद ही हो सकेगी।

Punjab Congress Crisis डीजीपी और एजी को हटाने पर अड़े हैं सिद्धू

गौरतलब है कि सिद्धू DGP और AG को हटाने की मांग पर अड़े हैं। सीएम चन्नी ने कहा था कि यूपीएससी से तीन अफसरों का पैनल आने के बाद फैसला कर लेंगे। वहीं, एडवोकेट जनरल से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के केस को लेकर स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर को दे दिए गए थे। इसके बावजूद सिद्धू की नाराजगी नहीं थमी।

वह संगठन और सरकार से अलग चल रहे हैं। Congress High Comman ने सिद्धू की जिद पूरी करते हुए सुनील जाखड़ को हटाकर सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बना दिया। उनकी जिद पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटा दिया। इसके बाद वह नए सीएम चन्नी से भी नाराज होकर सिद्धू घर बैठ गए। माना जा रहा है कि हाईकमान भी अब इस बात को लेकर खफा हो गया।

Punjab Congress Crisis संगठन बनाने की जगह सरकार से टक्कर ले रहे सिद्धू

नवजोत सिद्धू ने 22 जुलाई को पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान की कुर्सी संभाली थी। इसके बाद वह करीब ढ़ाई माह बीतने के बाद भी संगठन नहीं बना सके हैं। पंजाब में जनवरी 2020 से सभी राज्य और जिला स्तर की ईकाइयां भंग हैं। ऐसे में सिद्धू संगठन बनाने की जगह सरकार से टक्कर ले रहे हैं। पंजाब में 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा होने की उम्मीद है। ऐसे में बिना संगठन के कांग्रेस की मुश्किल बढ़ सकती है। यही बात हाईकमान को भी खल रही है। इसके अलावा सिद्धू अगले चुनाव में उन्हें उट चेहरा घोषित करने की मांग भी कर रहे हैं।

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