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India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Ganesh Chaturthi: देशभर में आज गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जा रही है। गणेश मंदिरों में भगवान गणपति की विशेष पूजा-अर्चना शुरू होने जा रही है। इस अवसर पर राजस्थान के डीडवाना के दोजराज गणेश मंदिर में भगवान लंबोदर की 9 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। भगवान गणेश की यह प्रतिमा राजस्थान की सबसे बड़ी प्रतिमा है। अभी तक इससे बड़ी प्रतिमा सिर्फ इंदौर में ही है, जिसे बड़ा गणपति कहा जाता है।
इस मंदिर की महिमा की बात करें तो यहां कहा जाता है कि शादी का पहला निमंत्रण देने से हर काम बिना किसी बाधा के पूरा हो जाता है। इसीलिए यहां सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी आते हैं और भगवान गणेश को पहला कदम चढ़ाकर उन्हें अपनी शादी का निमंत्रण देते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग भी उन्हें अपनी शादी का निमंत्रण देते हैं। भगवान गणेश की इस प्रतिमा की ऊंचाई 9 फीट है। इस दौरान जब वे इस स्थान पर रुके थे तो डुंडराज नाम के एक साधु ने सोम मटकी, मुराद और मिट्टी से भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा बनाई थी।
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इस मूर्ति की एक और विशेषता यह है कि भगवान गणेश के ठीक बगल में नाग देवता स्थापित हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर दो शेरों की मूर्तियां स्थापित हैं और पास में तोते की मूर्तियां भी स्थापित हैं। डीडवाना में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें गणेशजी के साथ नाग, शेर और तोते की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
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मंदिर के पुजारी ने बताया कि दोजाराज गणेश मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां न केवल डीडवाना बल्कि आसपास के जिलों और देश के विभिन्न राज्यों से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में हर साल कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इनमें सबसे खास है गणेश चतुर्थी के मौके पर लगने वाला मेला, जिसमें डीडवाना के साथ-साथ दूर-दराज के इलाकों से भी हजारों श्रद्धालु आते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान को 200 किलो मोदक का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कई धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा मंदिर ट्रस्ट पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काम करता है। मंदिर ट्रस्ट नियमित रूप से लोगों को तुलसी सहित विभिन्न प्रकार के पौधे वितरित करता है और उन्हें अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।
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