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डॉ.श्रीकृष्ण शर्मा, इंडिया न्यूज:
World Weightlifting Championship 2021: टोक्यो ओलंपिक खेलों की रजत पदक विजेता भारतीय महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू 7 दिसंबर से ताशकंद में होने वाली विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप (World Weightlifting Championship 2021) में भाग नहीं लेंगी। इस स्तरीय तैयार के अभाव में उन्हें भाग लेने के लिए मना किया गया है।
जिस लेवल की तैयारी मीराबाई चानू को करनी चाहिए थी वह नहीं हो पाने के कारण इन चैंपियनशिप (World Weightlifting Championship 2021) में भाग न लेने का निर्णय लेने पर की बात करते हुए भारतीय भारोत्तोलन के मुख्य कोच विजय शर्मा ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद एक महीने का रेस्ट और फिर लगातार हो रहे कार्यक्रमों में भाग लेने की वजह से गहन प्रशिक्षण प्रभावित हुआ था।
उन्होंने कहा कि मुकाबलों में पदक की दावेदारी बरकरार रखनी हो तो पूरी तैयारी के साथ ही भाग लेना चाहिए, जो नहीं हो पाई है। मीराबाई चानू की चल रही ट्रेनिंग को इसके बाद होने वाले तमाम कम्पीटिशन के मुताबिक बताते हुए कहा कि सभी कमियों को दूर करके आगे बढ़ रहीं हैं।
आगामी राष्ट्रमंडल और खेलों एशियाई खेलों में भी भारोत्तोलक मीराबाई चानू का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा की बात करते हुए पूरे विश्वास के साथ मुख्य कोेच विजय शर्मा ने कहा कि यही ध्यान में रखते हुए सिंगापुर में होने वाले क्वालीफायर मुकाबलों पर फोकस किया जा रहा है जो फरवरी में होने हैं। साथ ही उन्होंने अगले साल सितंबर में होने वाले एशियाई खेलों को अपना तारगेट बताया।
मीराबाई चानू भारत की पहली महिला भारोत्तोलक हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीता है। यह एक बड़ी कामयाबी है जो भारतीय भारोत्तोलन के 21 साल के पदक के सूखे को खत्म कर गई। इससे पहले सिडनी ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीत कर भारत की भारोत्तोलन में जीत की शरूआत हुई थी जो कर्णम मल्लेश्वरी के बेहतरीन प्रदर्शन से संभव हो सकी थी।
मणिपुर निवासी 27 वषीर्या मीराबाई चानू दुनिया की ताकतवर भारोत्तोलक मानी जाती है जिन्होंने ओलंपिक खेलों की रजत पदक की जीत के अलावा विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्णिम सफलता हांसिल करके भारतीय महिला भारोत्तोलन को ऊंचाईयां दी हैं। पद्यश्री और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जो अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित मीराबाई चानू से देशवासियों को आगे भी बड़ी उम्मीदें हैं।
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