Interview of Amritpal Singh, Chief of ‘Waris Punjab De’ Organization: अमृतपाल सिंह, ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का चीफ, अबतक तो इस नाम से आप वाकिफ हो चुकें होगें। नहीं हुए हैं तो हम आपको बताते हैं। दरअसल, पंजाब में हुई एक घटना के बाद पुलिस ने लवप्रीत सिंह तूफान नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन लाकर उससे पूछताछ शुरू की। पुलिस गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई कर रही थी कि इसके कुछ दिनोें बाद ही अजनाला पुलिस स्टेशन को लवप्रीत सिंह तूफान के समर्थकों ने घेर लिया।
पुलिस स्टेशन पहुंचे ज्यादातर समर्थकों के पास धारदार हथियार से लेकर लाठी- डंडे भी थे, उनलोगों ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए पुलिस बलों के साथ हाथापाई, मारपीट और हिंसा की, इसके बाद उनलोगों ने धमकाते हुए कहा कि रिहाई नहीं होने पर आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा। पुलिस ने इस हिंसा के अगले दिन सबूतों की कमी का हवाला देते हुए लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा कर दिया। कहा जाता है कि इस पूरे हिंसा को अंजाम अमृतपाल सिंह के आदेश के बाद दिया गया, जो खुद को खालिस्तानी समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का चीफ बताता है।
हाइलाइट्स:
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दरअसल, अजनाला हिंसा के बाद पंजाब पुलिस पर कई सवाल खड़े हुए। लोगों ने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस कार्रवाई करने से डर रही है। इन्ही सबके बीच दैनिक भास्कर ने अमृतपाल सिंह का इंटरव्यू लिया है। जिसमें अमृतपाल सिंह ने कई सवलों के जवाब दिया है, कुछ जवाब उसके हैरान करने वाले हैं।
सवाल हम और आप तो हिंदुस्तानी हैं न.. का जवाब देते हुए अमृतपाल सिंह ने जो कहा है वो हैरान करने वाले हैं। जवाब में सिंह ने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि, अमेरिका एक देश है, लेकिन साउथ अमेरिका के लोग भी अमेरिकन हैं, कनाडा के लोग भी अमेरिकन हैं। उस हिसाब से हम कहें कि हिंदुस्तानी हैं, तो जरूरी नहीं है कि हम एक ही मुल्क में रहेंगे। हिंद महासागर पर भारत, चीन समेत कई देशों का कंट्रोल हैं। डायवर्सिटी को स्वीकार नहीं किया जाता, वहीं से बात शुरू होती है। अगर ये ना कहा जाता कि सिख हिंदुओं का अंग है, तो बात यहां तक नहीं पहुंचती, न दरबार साहिब पर हमला होता, न आज संप्रभुता की बात आती।
सिंह ने आगे कहा कि, डेमोक्रेसी में डायलॉग को कभी नहीं दबाया जा सकता। अगर सिखों की खालिस्तान की मांग है, तो इसे दबाया नहीं जा सकता। अभी यहां कोई रेफरेंडम नहीं हुआ, इसलिए नहीं पता कि कितने सिख ये चाहते हैं। मैं रेफरेंडम की मांग नहीं करता। पहले हमें हमारा प्रचार करने दिया जाए। लोकतंत्र में हमें इसका अधिकार है। इस पर बात होनी चाहिए, तब शायद कोई हल निकल जाए। हो सकता है सरकार साबित कर दे कि हम गलत बात कर रहे हैं, तो हम मान जाएंगे।
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एक अन्य सवाल में अमृतपाल सिंह से पूछा गया आप इतने लाव-लश्कर के साथ चलते हैं, अभी भी चार लोग आगे-पीछे राइफल लेकर खड़े हैं। जबकि हमलोगों ऐसा करें तो पुलिस फौरन जेल भेज सकती है। सिंह ने जवाब में कहा, ‘ बंदूक और तलवारें सिख धर्म के कोड ऑफ कंडक्ट में है। बंदूकें हमारे सेल्फ डिफेंस के लिए हैं।
अमृतपाल ने खालिस्तान की मांगों के संबंध में भी बात की। उसने इस संबंध में कहा कि, सिखों के साथ जो अन्याय हुआ है, उसकी भरपाई करनी होगी। कई सिख जेल में बंद हैं, पानी, ड्रग, पलायन.. ये सारे मुद्दे हैं। जिस तरह से हिमाचल में कानून हैं कि वहां कोई जमीन नहीं खरीद सकता, इसी तरह पंजाब में भी कानून होना चाहिए। पंजाब में जो भी सरकारी नौकरियां हैं, उनमें 95% का कोटा बनाकर पंजाबियों को नौकरियां दी जानी चाहिए। पलायन को रोकने के लिए सख्त नीतियां लानी चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जो व्यक्ति पंजाब में पलायन कर रहा है, कहीं वो संस्कृति के लिए खतरा तो नहीं है।
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