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India News (इंडिया न्यूज़), Border Movie Controversy, दिल्ली: बॉर्डर फिल्म की रिलीज से पहले फिल्म के डायरेक्टर जेपी दत्ता को जान से मारने की धमकी मिली थी। कुछ लोग उन्हें इस फिल्म को बनाने के वजह से ‘सबक’ सिखाना चाहते थे। जानें इसके बाद डायरेक्टर ने क्या कदम उठाया था। बॉलीवुड में देशभक्ति की फिल्में बनाने के लिए डायरेक्टर जेपी दत्ता मशहूर हैं।
13 जून 1997 में रिलीज हुई उनकी फिल्म बॉर्डर सुपरहिट साबित हुई, लेकिन इस फिल्म के साथ ही जेपी दत्ता की मुश्किलें बढ़ गईं। फिल्म बॉर्डर की रिलीज होने के बाद डायरेक्टर जेपी दत्ता को जान से मारने की धमकियां मिलने लगी थीं। घर-परिवार के लोग डर गए थे और ऐसी फिल्में नहीं बनाने के लिए दवाब बनाने लगे थे। हालांकि जेपी दत्ता ने ऐसी धमकियों की परवाह किए बिना ये बड़ा कदम उठाया था।
फिल्म बॉर्डर को बॉलीवुड की सबसे देशभक्ति से भरपूर फिल्मों में से एक माना जाता है। फिल्म रिलीज के बाद, डायरेक्टर जे पी दत्ता की जान पर खतरा मंडराने लगा था। एक इंटरव्यू में जेपी दत्ता ने बताया कि, बॉर्डर रिलीज होने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही थी। कुछ लोग उन्हें ‘सबक’ सीखना चाहते थे। इसकी वजह से निर्देशक जेपी दत्ता के सुरक्षा के लिए उन्हे 2 गार्ड्स दिए गए थे।
इस सबसे जेपी दत्ता ने हार नहीं मानी और अगली देशभक्ति की फिल्म ‘एलओसी: कारगिल’ बनाने की तैयारी कर ली थी। जेपी दत्ता का परिवार इससे बहुत डर गया था, लेकिन डायरेक्टर ने डर के आगे हार नहीं मानी और ‘एलओसी कारगिल’ बनाने का फैसला किया। डायरेक्टर ने कहा, “मैंने अपने परिवार से कहा कि हम सभी को किसी न किसी तरह मरना ही है। एक सैनिक बॉर्डर पर खड़ा हो सकता है और मेरे लिए मर सकता है, तो मैं उसके लिए क्यों नहीं मर सकता? मैं डर के बैठने वालों मे से नहीं हूं, मैं ये करूंगा और इतिहास दर्ज करूंगा।”
सिर्फ पैसे के लिए फिल्म नहीं बनाते थे जेपी दत्ता। उनका कहना है कि वो पैसा कमाने के लिए या फिर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिए फिल्में नहीं बनाते। जे पी दत्ता फिल्म से कोई काम्प्रमाइज़ नहीं चाहते थे। जेपी दत्ता ने अपने करियर में बॉर्डर, एल ओ सी कारगिल, बॉर्डर 2, रिफ्यूजी, पल्टन और बटवारा जैसी काफी अच्छी फिल्में की हैं।
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