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जब ग्रामीणों ने किया मतदान (election) का बहिष्कार, अधिकारियों के फूले हाथ-पांव

Kumar Anjesh • LAST UPDATED : February 27, 2022, 10:17 pm IST

इंडिया न्यूज़, प्रयागराज

पाठा में पानी इस बार भी चुनाव(election) में मुद्दा बना रहा। पंप कैनाल का निर्माण न कराए जाने से भड़के भोगन गांव के ग्रामीणों ने मतदान(election) का बहिष्कार कर दिया। सीडीओ शिपू गिरि को मोर्चा संभालना पड़ा। पांच घंटे की जद्दोजहद के बाद ग्रामीणों को मतदान (election) के लिए तैयार किया और दोपहर 12 बजे के बाद भोगन बूथ पर पहला वोट पड़ा।

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कोरांव विस क्षेत्र के भोगल गांव में वर्षों से पंप कैनाल के निर्माण की मांग की जा रही है। मध्य प्रदेश की सीमा से लगे डेढ़ हजार से अधिक आबादी वाले इस गांव में कोई कैनाल नहीं है। वहां पंप कैनाल का निर्माण प्रस्तावित है और कई बार इसके लिए निरीक्षण भी किया गया। ग्रामीणों को आश्वासन मिलता रहा कि जल्द ही पंप कैनाल का निर्माण शुरू होगा, लेकिन आश्वासन कागजों में ही सीमित रह गया।

रविवार सुबह सात बजे विस चुनाव के लिए मतदान (election) शुरू हुआ तो बूथ पर सन्नाटा पसरा था। मतदान कर्मी काफी देर तक वोटरों के पहुंचने का इंतजार कर रहे, लेकिन भोगन बूथ पूरी तरह से खाली पड़ा था। थोड़ी देर बाद कंट्रोल रूम के जरिये यह खबर प्रशासनिक अमले तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। ग्रामीणों से बातचीत की गई तो पता चला कि उन्होंने मतदान का बहिष्कार कर रखा है। मामला गंभीर था, सो सीडीओ वहां खुद पहुंचे और ग्रामीणों से मतदान (election) की अपील की। सीडीओ ने ग्रामीणों को बताया कि पंप कैनाल के निर्माण का प्रस्ताव तैयार है और निर्माण कराया जाएगा।

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हालांकि, इसके बाद भी ग्रामीण मतदान (election) के लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि वर्षों से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। नेता, अफसर यहां आते हैं और अश्वासन देकर चले जाते हैं। ग्रामीणों से कहा गया कि वे मतदान करें, इस बार शिकायत का मौका नहीं मिला। काफी देर तक जद्दोजहद होती रही और इसके बाद ग्रामीण मतदान (election) के लिए तैयार हुए। भोगन बूथ पर दोपहर 12 बजे के बाद पहला वोट पड़ा तो प्रशासिनक अफसरों ने राहत की सांस ली।

हंडिया में भी दो घंटे मतदान (election) का बहिष्कार
हंडिया विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल ढेड़ा मतदान (election) केंद्र पर वोटरों ने दो घंटे तक मतदान का बहिष्कार किया। उनकी शिकायत है कि निकासी की व्यवस्था न होने से हजारों एकड़ खेत हर साल जलमग्न हो जाते हैं और फसल बर्बाद हो जाती है। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी शिकायत दूर की जाएगी, जिसके बाद मतदान(election) शुरू कराया जा सका।

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