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India News (इंडिया न्यूज),Delhi News: दिल्ली में बिजली आपूर्ति से जुड़ी कंपनियां BSES और BPYL पर आर्थिक धांधली के गंभीर आरोप लगे हैं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद बांसुरी स्वराज ने प्रेस वार्ता में इन पावर डिस्कॉम पर सवाल उठाए हैं।
बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि राजधानी में तीन पावर डिस्कॉम- एनडीपीएल, बीएसईएस, और बीपीवाईएल एक जैसी दर पर बिजली बेचने के बावजूद अलग-अलग वित्तीय स्थिति में हैं, जहां एनडीपीएल लाभ में है, वहीं बीएसईएस और बीपीवाईएल घाटे में चल रही हैं। उन्होंने इसे अजीब बताते हुए सवाल उठाया कि तीनों कंपनियां एक समान नेटवर्क और स्रोतों से बिजली लेकर कैसे अलग-अलग मुनाफा और घाटा दिखा सकती हैं।
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बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और इन निजी कंपनियों की मिलीभगत से पावर डिस्कॉम दिवालियापन की कगार पर आ गई हैं। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार की 49% हिस्सेदारी होने के बावजूद इन कंपनियों में भारी आर्थिक अनियमितता चल रही है। बीजेपी का आरोप है कि यदि बीएसईएस और बीपीवाईएल लगातार घाटा दिखा रही हैं और लाइसेंस नियमों का पालन नहीं कर रही हैं तो फिर ये लाइसेंस सरेंडर क्यों नहीं करतीं, और दिल्ली सरकार इनका लाइसेंस रद्द क्यों नहीं करती।
सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि BSES और BPYL की बदहाली इनकी खराब आर्थिक प्रबंधन का परिणाम है और दिल्ली सरकार की सहमति के बिना ये घाटा नहीं दिखा सकतीं। उन्होंने कहा कि बीएसईएस लाभ में होने के बावजूद दिल्ली में इन पावर डिस्कॉम का घाटा दिखाना निजी कंपनी का चालाकी भरा कदम है। उन्होंने आरोप लगाया कि BSES ने 21 हजार करोड़ का रेगुलेटरी असैट बना रखा है, जो अब दिल्ली सरकार की पावर कंपनियों से 26 हजार करोड़ की देनदारी तक पहुंच गया है।
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