बिहार में शराबबंदी के बाद भी तस्करों ने अपने नेटवर्क को सक्रिय रखा है, लेकिन अब पुलिस ने आवाजों को सुराग बनाकर कई मामलों का पर्दाफाश किया है। जानकारी के मुताबिक, इन आवाजों ने पुलिस को न केवल गुप्त स्थानों तक पहुंचाया, बल्कि अवैध शराब तस्करों को पकड़ने में भी बड़ी भूमिका निभाई।
बता दें, 31 दिसंबर को पटना के खुसरुपुर थाना क्षेत्र के किरोधपुर गांव में एक घर से आ रही संदिग्ध आवाजों ने लोगों का ध्यान खींचा। ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने उत्पाद विभाग को सूचना दी। ऐसे में, टीम ने जब जांच की, तो मकान के अंदर अवैध शराब बनाने का कारोबार चल रहा था। जांच के दौरान यह पता चला कि, कचरे से पहला सुराग हाथ लगा था। जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिले में नेशनल हाईवे-27 पर नरियार गांव के पास एक ढाबे के पास खड़े ट्रक में कचरे के नीचे छिपाकर शराब ले जाई जा रही थी। पुलिस ने जब ट्रक की गहराई से तलाशी ली, तो कचरे के नीचे से 265 कार्टन विदेशी शराब बरामद हुई। इस मामले में कांटी थाना क्षेत्र के दामोदरपुर गांव में एक ट्रक को पुलिस ने रोका। पहली नजर में ट्रक खाली लगा, लेकिन गहन जांच में पुष्पा फिल्म की तर्ज पर बनाए गए सीक्रेट चैंबर से शराब बरामद हुई।
Bihar Crime
ऐसे में, पटना के बीएन कॉलेज के हॉस्टल में गणतंत्र दिवस से पहले पुलिस ने छापेमारी की। हॉस्टल के एक कमरे से आ रही तेज आवाजों ने पुलिस का ध्यान खींचा। मौके पर पुलिस ने शराब पार्टी करते हुए पांच छात्रों को गिरफ्तार किया और शराब की बोतलें जब्त की गई। दूसरी ओर, बिहार पुलिस ने आवाजों को सुराग बनाकर शराब तस्करी के कई मामलों का खुलासा किया है। ये मुहिम न केवल तस्करों के लिए चुनौती बनी है, बल्कि शराबबंदी को सख्ती से लागू करने का प्रयास भी है।
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