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CG Election: भाजपा में उपजा टिकट का विवाद, विरोध में हजारों समर्थक पहुंचे राजधानी

India News (इंडिया न्यूज़), CG Election: प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में आगामी विधानसभा में प्रत्याशी चयन को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है, कई सीटों पर संभावित प्रत्याशी का विरोध हो रहा है, प्रदेश भाजपा कार्यालय में दावेदारों की भीड़ उमड़ रही है, नेताओ से मिलकर नाराजगी […]

BY: Deepak Vishwakarma • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज़), CG Election: प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में आगामी विधानसभा में प्रत्याशी चयन को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है, कई सीटों पर संभावित प्रत्याशी का विरोध हो रहा है, प्रदेश भाजपा कार्यालय में दावेदारों की भीड़ उमड़ रही है, नेताओ से मिलकर नाराजगी की खबरें भी आ रही हैं, इसी बीच सूची वायरल होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को दिल्ली तलब किया है, केंद्रीय नेतृत्व इस मसले पर कोई ठोस निर्णय ले सकता है, संभावित सूची पर विवाद को देखते हुए संभावना है कि कुछ सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।

4 हजार लोग पहुंचे प्रदेश भाजपा कार्यालय

फिलहाल दिन में प्रदेश भाजपा कार्यालय और रात में दावेदारों के साथ समर्थकों की भीड़ शीर्ष नेताओं के घरों में उमड़ रही है। ताजा मामले की बात करें तो आज लगभग 4 हजार की संख्या में आरंग विधानसभा से भाजपा समर्थक प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुचे हैं और दमदार प्रत्याशी उतारने की मांग कर रहे हैं। यह बताते चले कि भाजपा की संभावित सूची वायरल होते ही आरंग से खुशवंत साहेब का नाम उजागर होने के बाद भाजपा कार्यकर्ता विरोध में राजधानी पहुँचे। यही नही इसके एक दिन पहले बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र से भी सैकड़ो भाजपाइयों ने डॉ रमन सिंह के निवास में उनसे और अरुण साव से मुलाकात कर अपनी बात रखी हैं।

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भाजपा में उपजा टिकट का विवाद

साहू समाज उतरा विरोध में

संभावित सूची में कोरिया जिले की बैकुंठपुर सीट से भी विरोध मुखर हो गया है, पार्टी यहां से 5वीं बार पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े को मैदान में उतारने की तैयारी में है, 2 अक्टूबर को संभावित सूची वायरल होने के बाद यहां से टिकट की उम्मीद कर रहे साहू समाज के अनेक लोग विरोध प्रदर्शन करने भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे, इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के निवास पर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव व डॉ रमन से मुलाकात कर अपना विरोध जताया है, सूरजपुर व कोरिया जिले से दो दर्जन से भी अधिक संख्या में पहुंचे साहू समाज के लोगो ने बैकुंठपुर सीट से साहू समाज को टिकट देने की मांग की।

राजवाड़े समाज को दिया गया टिकट

उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष ने भी समाज को सरगुजा संभाग में एक टिकट देने का वादा किया था, लेकिन पूर्व में घोषित प्रेमनगर विधानसभा से भी टिकट नहीं दिया गया, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि समाज की बहुलता देखते हुए बैकुंठपुर से टिकट दिया जायेगा लेकिन संभावित सूची में फिर से भैयालाल राजवाड़े का नाम सामने आ रहा है। भटगांव विधानसभा से राजवाड़े समाज को टिकट दिया गया है और बैकुंठपुर सीट से भी इसी समाज को टिकट देने पर समाज विरोध की स्थिति में है और इसका असर सरगुजा संभाग की कई सीटों पर पड़ सकता है। सामाजिक जनों ने बैकुंठपुर सीट से समाज से या नए चेहरे को मौका दिए जाने की मांग की है।

कई समाज के लोग थे साथ

साहू समाज के द्वारा प्रदेश के भाजपा नेताओं के समक्ष जिस प्रकार विरोध किया गया है वैसी स्थिति में पूर्व मंत्री को टिकट दिए जाने पर पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है,विरोध के वक्त साहू समाज के अलावा बरगाह समाज, यादव समाज,जायसवाल समाज,कुम्हार समाज आदि कई समाज के सदस्य साथ थे सभी ने एक स्वर से पूर्व मंत्री का विरोध किया है। इन सभी समाज को साधना और पूर्व मंत्री के लिए वोट इकट्ठा करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनेगी।

भैयालाल के खिलाफ है अंदरूनी माहौल

भारतीय जनता पार्टी ने बैकुंठपुर सीट पर वर्ष 2003 से लगातार 4 बार भैयालाल राजवाड़े को टिकट दिया है,2003 और 2018 में उनकी हार हुई जबकि 2008 और 2013 में जीत हुई थी। 2018 के चुनाव के पहले साहू समाज से उठा विवाद अभी तक थमा नहीं है,साथ ही कई समाज हैं जो कि पूर्व मंत्री को पसंद नही करते,और इस बार के चुनाव के पहले ही उनका विरोध तेज हो गया है। श्री राजवाड़े के खिलाफ अंदरूनी माहौल है जिसे पार्टी भाप नही पा रही है।

नया प्रत्याशी जनता की पसंद

भाजपा यहां से लगातार 5वीं बार भैयालाल राजवाड़े को मैदान में उतार सकती है,लेकिन जनता उन्हें जीत दिलाए इस पर संशय है। बीते पांच वर्षो में टिकट की उम्मीद को लेकर कई नए चेहरों ने जमीनी स्तर पर मेहनत किया है,विभिन्न समाजों से मेल मुलाकात कर संबंध मजबूत किया है। क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ता भी नया उम्मीदवार चाह रहे हैं और यदि पार्टी गलत निर्णय लेती है तो शायद एकजुट होकर लोग विरोध में मतदान कर सकते हैं। बतलाया जाता है कि राजधानी रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात में समाज के लोगो ने स्पष्ट कह दिया की हमने 20 साल भैयालाल राजवाड़े को नेता माना है,एक बार फिर उन्हें मौका दिया गया तो फिर अगले बार उनकी बहू सामने आ जाएगी और फिर लगातार 4 दशक तक उन्ही की जयकार करनी होगी जो कतई मंजूर नहीं है।

विरोध की स्थिति में पूर्व मंत्री की जीत पर संशय

अभी संभावित सूची सामने आने के बाद पहले चरण में ही जिस प्रकार से पूर्व मंत्री राजवाड़े के खिलाफ कई समाज की एकजुटता देखने को मिल रही है उससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में विरोध की लहर और तेज होगी,बतलाया जाता है कि राजवाड़े समाज को छोड़कर बाकी अन्य समाज के मतदाता की संख्या इस क्षेत्र में 1 लाख 50 हजार के करीब है,और यदि विरोध शुरू हुआ तो पूर्व मंत्री को जीत हासिल करने में काफी कठिनाई होगी। उनके गृह क्षेत्र शिवपुर चरचा से लेकर बैकुंठपुर,पटना, बचरापोड़ी क्षेत्र में भी अब पूर्व मंत्री के खिलाफ विरोध की स्थिति है,भाजपा के कई बड़े चेहरे उनसे अलग हो चुके हैं।

भरतपुर से केंद्रीय मंत्री का विरोध शुरू

भाजपा की संभावित सूची ने कई विधानसभा क्षेत्र में विरोध की आग लगा दी है, इससे प्रदेश का विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 भरतपुर सोनहत भी अछूता नहीं है, यहां से सरगुजा सांसद व केंद्रीय मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह का नाम सामने आया है जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ता ही सार्वजनिक रूप से विरोध कर रहे हैं, पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह ने भी इस विधानसभा का दौरा किया उनके सामने ही बाहरी को प्रत्याशी न बनाए जाने की मांग किया है, उल्लेखनीय है कि इस सीट पर जिला पंचायत सदस्य रविशंकर भी एक मजबूत दावेदार हैं, जो कि लगातार तीसरी बार जिला पंचायत सदस्य बने हैं।

सरगुजा पर करना होगा विशेष फोकस

पिछले कई सालों से उनकी तैयारी विधानसभा को लेकर है, रेणुका सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने की स्थिति में बाहरी के मुद्दे पर वर्तमान कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो एक बार फिर यहां से जीत हासिल कर सकते हैं। बहरहाल विरोध की आग को देखते हुए पार्टी नेतृत्व को बैकुंठपुर व भरतपुर सीट पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। सरगुजा संभाग की प्रत्येक सीट से विधानसभा में जीत का रास्ता खुलता है और यदि पार्टी को सरकार बनानी है तो सरगुजा पर विशेष फोकस करनी होगी। खैर संभावित सूची पर विवाद को देखते हुए संभावना है कि कुछ सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।

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