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India News (इंडिया न्यूज),New Delhi: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए केजरीवाल सरकार एक्शन मोड में आ गई है। इंडिया न्यूज़ से बातचीत करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में ठंढ बढ़ने और हवा की गति कम होने के कारण दिल्ली में ए.क्यू.आई. 300 से ऊपर चला गया है।
इसे देखते हुए सी.ए.क्यू.एम. ने ग्रेप-2 लागू करने का आदेश दिया था। इसको दिल्ली में सुनिश्चित तरीके से कार्यान्वयन के लिए दिल्ली सचिवालय में संबंधित 28 विभागों की संयुक्त बैठक हुई है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि बैठक के बाद दिल्ली मैट्रो को आदेश दिया गया है कि वे अधिक भीड़ वाले रूटों पर ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाएं। जिन स्टेशनों पर मैट्रों की परिचलन का अंतराल 7 से 8 मिनट है उसे घटाकर 5 से 6 मिनट तथा जहां यह 5 से 6 मिनट हैं वहां पर 2-3 मिनट किया जाए।साथ ही डीटीसी को आदेश दिया गया है कि वे अपनी ज्यादा से ज्यादा बसों को सड़कों पर उतारे।
इंडिया न्यूज़ से बातचीत के दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 29 सितम्बर को विंटर एक्शन प्लान का ऐलान किया था। जिसके तहत आज दिल्ली में कई मोर्चो पर काम चल रहे हैं। 25 अक्टूबर को सभी डीसी,एमसीडी हॉटस्पाट का निरीक्षण करेंगे तथा ग्राउंड पर चल रहे प्रदूषण के विरूद्ध कार्य को और तेज करेंगे।
दिल्ली में पहले से मौजूद प्रदूषण के 13 हॉटस्पाट के अलावा 8 ऐसे प्वाईंट हैं जहां लोकल कारणों के वजह से ए.क्यू.आई. 300 के पार चला गया है। शादीपुर, आई.टी.ओ., मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, पड़पड़गंज, सोनिया विहार, ध्यानचंद स्टेडियम और मोतीबाग, ऐसे प्वाईट हैं जहां एम.सी.डी. के नोडल अफसर को निर्देश दिया गया है।
वें हॉट स्पॉट के अलावा इन 8 जगहों पर भी विशेष टीमें तैनात करें. विशेष टीमें और डीपीसीसी की टीम इन स्पॉटों पर प्रदूषण फैलाने वाले स्थानीय कारणों का पता लगाएगी और उसे दूर करने की रणनीति पर काम करेगी।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि अभी जो सड़कों पर एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव किया जा रहा है उसमें डस्ट सप्प्रेसेंट्स का छिड़काव किया जाएगा जिससें की धूल के कण ज्यादा समय तक जमीन पर रहेंगे। साथ ही दिल्ली में जो एंटी डस्ट कैंपेन चल रहा है उसे 25 अक्टूबर से और अधिक सघन किया जाएगा। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है एंटी डस्ट अभियान के तहत जो कार्रवाई चल रही है उसे फील्ड विजिट के माध्यम से और तेज किया जाए।
डी जी सेट के मानक का उल्लघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. रेलवे, रेलवे स्टेशनों, अस्पताल, जीवनरक्षक समान एवं दवाईयां बनाने वाली कंपनियों, मैट्रो तथा मैट्रो स्टेशनों, एयरपोर्ट तथा अंतर्राज्यीय बस स्टेशनों, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर पम्पिंग स्टेशन, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं महत्व से जुड़े प्रोजेक्ट तथा टेलीकम्युनिकेशन और डाटा सर्विसेज से जुड़े।
अत्यंतआवश्यक संस्थानों/संस्थाओं आदि को इस्तेमाल करने की अनुमति होगी लेकिन यह अनुमति 31 दिसंबर 2023 तक ही होगी। इसके बाद इन संस्थाओं को भी डीजी सेट के चलाने के जो मापदंड हैं उसका पालन करना पड़ेगा।
दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में जल रहे पराली से होने वाले प्रदूषण से जुड़े सवाल के जवाब में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पिछले दिनों केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के नेतृत्व में दिल्ली और इसके पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक हुई थी।
बैठक के दौरान सभी मंत्रियों ने यह भरोसा जताया था कि पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए उनकी सरकार प्रयास कर रही है। पंजाब सरकार भी किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरुक कर रही है और उनके बीच अत्याधुनिक मशीनों का वितरण कर रही है जिससे परली की समस्या का निदान हो सके।
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