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जानें, भारत के 10 सबसे पवित्र शहरों के बारे में

इंडिया न्यूज़ (नई दिल्ली, 10 holy cities in India): भारत में कई खूबसूरत शहर है। लेकिन कई शहर ऐसे है जो सांस्कृतिक रूप से काफी अहम और पवित्र माने जाते है। हर हिन्दू और सनातन धर्म का उपासक अपनी ज़िन्दगी में एक बार इन शहरों की यात्रा जरूर करना चाहता है। तो आइये आपको बताते […]

BY: Roshan Kumar • UPDATED :
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इंडिया न्यूज़ (नई दिल्ली, 10 holy cities in India): भारत में कई खूबसूरत शहर है। लेकिन कई शहर ऐसे है जो सांस्कृतिक रूप से काफी अहम और पवित्र माने जाते है। हर हिन्दू और सनातन धर्म का उपासक अपनी ज़िन्दगी में एक बार इन शहरों की यात्रा जरूर करना चाहता है। तो आइये आपको बताते है इन शहरों के बारे में-

1. वाराणसी – वाराणसी संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। इसे ‘बनारस’ और ‘काशी’ भी कहते हैं। हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी, श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है।

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यह जगहें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है.

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वाराणसी की शाम (फोटो: बीबीसी).

वाराणसी को प्रायः ‘मंदिरों का शहर’, ‘भारत की धार्मिक राजधानी’, ‘भगवान शिव की नगरी’, ‘दीपों का शहर’, ‘ज्ञान नगरी’ आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। हाल ही में यहाँ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी बनाया गया है।

कई महान लोग यहाँ हुए

भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं। जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि शामिल हैं।

गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था।

यहाँ पर चार बड़े विश्वविद्यालय भी है जिनमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय है।

2. उज्जैन –  उज्जैन क्षिप्रा नदी के किनारे बसा मध्य प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक नगर है। यह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि लिए एक प्राचीन शहर है। उज्जैन महाराजा विक्रमादित्य के शासन काल में उनके राज्य की राजधानी थी। इसको कालिदास की नगरी भी कहा जाता है।

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शिप्रा नदी का किनारा.

उज्जैन में हर 12 वर्ष के बाद ‘सिंहस्थ कुंभ’ का मेला भी लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ‘महाकालेश्वर’ इसी नगरी में है। उज्जैन के अन्य प्राचीन प्रचलित नाम हैं- ‘अवन्तिका’, ‘उज्जैयनी’, ‘कनकश्रन्गा’ आदि। उज्जैन मन्दिरों का नगर है। यहाँ अनेक तीर्थ स्थल है।

3. हरिद्वार – पश्चात्कालीन हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब धन्वन्तरी उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। यह उन चार जगहों में से जहां महाकुम्भ का आयोजन किया जाता है।

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हरिद्वार का एक दृशय (फोटो: सोशल मीडिया).

3139 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस शहर में, अपने स्रोत गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से 253 किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को ‘गंगाद्वार’ के नाम से भी जाना जाता है।

यहाँ प्रमुख स्थानों में हर की पौड़ी, चण्डी देवी मन्दिर, मनसा देवी मन्दिर, माया देवी मन्दिर, वैष्णो देवी मन्दिर, भारतमाता मन्दिर, सप्तर्षि आश्रम/सप्त सरोवर, शान्तिकुंज/गायत्री शक्तिपीठ, कनखल, पारद शिवलिंग, दिव्य कल्पवृक्ष वन, आदि शामिल है।

4. अयोध्या– अयोध्या, सरयू नदी के तट पर बसी एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी है | यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है तथा अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत इस जनपद का नगरीय क्षेत्र समाहित है। अयोध्या का प्राचीन नाम साकेत है, तथा यह प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में हिन्दू धर्मावलम्बियों के आस्था का केंद्र है।

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अयोध्या का एक नज़ारा .

अयोध्या प्राचीन समय में कोसल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र थी। प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को मोक्षदायिनी एवं हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली के रूप में माना
जाता है।

यहाँ के प्रमुख स्थान 

यहाँ पर श्रीरामजन्मभूमि, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, राजद्वार मंदिर, दशरथमहल, श्रीलक्ष्मणकिला, कालेराम मन्दिर, मणिपर्वत, श्रीराम की पैड़ी, नागेश्वरनाथ, क्षीरेश्वरनाथ, श्री अनादि पञ्चमुखी महादेव मन्दिर, गुप्तार घाट समेत अनेक मन्दिर यहाँ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

बिरला मन्दिर , श्रीमणिरामदास जी की छावनी, श्रीरामवल्लभाकुञ्ज , श्रीलक्ष्मणकिला , श्रीसियारामकिला , उदासीन आश्रम रानोपाली तथा हनुमान बाग जैसे अनेक स्थान भी यहाँ है.

5. मथुरा-वृन्दावन : मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और भारत की परम प्राचीन तथा जगद्-विख्यात नगरी है। शूरसेन देश की यह राजधानी हुआ करती थी। पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है जैसे- शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी, मधुरा आदि। मथुरा यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है l

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प्रेम मंदिर वृन्दावन (photo: social media).

यहाँ के प्रमुख स्थानों में श्री कृष्ण जन्मभूमि, द्वारिकाधीश मन्दिर, बांके बिहारी मन्दिर, रंग नाथ जी मन्दिर, गोविन्द देव मन्दिर, इस्कॉन मन्दिर, मदन मोहन मन्दिर, दानघाटी मंदिर, मानसी गंगा, कुसुम सरोवर, जयगुरुदेव मन्दिर, राधा रानी मंदिर, नन्द जी मंदिर, गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर शामिल है।

मथुरा से 12 किलोमीटर दूर वृन्दावन

वृन्दावन मथुरा से 12 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पश्चिम में यमुना तट पर स्थित है। यह कृष्ण की लीलास्थली है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है।

मथुरा-वृन्दावन की होली, संगीत और मूर्ति कला दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

6. द्वारका – वर्त्तमान में यह शहर गुजरात राज्य में है। द्वारका गोमती नदी और अरब सागर के किनारे ओखामंडल प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर बसा हुआ है। द्वारका को “भगवान कृष्ण का घर” के रूप में जाना जाता है।

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द्वारकादीश मंदिर.

इसका अर्थ होता है मोक्ष का द्वार। द्वारका एकमात्र शहर चार धामों में से एक (चार प्रमुख पवित्र स्थान) है। यहाँ भगवन कृष्ण के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नागेश्वर धाम भी है। इसके अलावा यहाँ कई पवित्र मंदिर और महत्वपूर्ण स्थान है।

7. कांचीपुरम: कांचीपुरम उत्तरी तमिलनाडु में है। यह प्राचीन व मशहूर शहरों में से एक है। कांचीपुरम तीर्थपुरी दक्षिण की काशी मानी जाती है, जो मद्रास से 45 मील की दूरी पर दक्षिण–पश्चिम में स्थित है। कांचीपुरम को द गोल्डन सिटी ऑफ़ 1000 टेंपल भी कहा जाता है।

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कांचीपुरम मंदिर (फोटो: सोशल मीडिया).

कांची का अर्थ (ब्रह्मा), आंची का अर्थ (पूजा) और पुरम का अर्थ (शहर) होता है यानी ब्रह्मा को पूजने वाला पवित्र स्थान। शायद इसलिए यहाँ विष्णु के अनेक मंदिर स्थापित किए गये हैं, जिस कारण इसे यह नाम दिया गया है।

यहाँ के मंदिर देखने के लिए लोग पूरी दुनिया से आते है।

8. हम्पी : हम्पी, दक्षिणी भारत के एक पुराने शहर विजयनगर में स्थित एक छोटा सा गांव है। संस्कृत में, विजयनगर का मतलब “जीत का नगर” होता है. 1336 से 1565 तक, यह शहर विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था.

1986 में इस प्राचीन शहर को यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित कर दिया गया.

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हम्पी का एक दृशय (फोटो: सोशल मीडिया).

दूर-दूर तक फ़ैली वादी में बड़े-बड़े पत्थरों के साथ 1,600 से ज़्यादा मंदिरों, महलों और दूसरी पुरानी इमारतों के अवशेष पाए जाते हैं। विरुपाक्ष मंदिर की स्थापना 7वीं सदी में की गई थी। तभी से यह मंदिर, बिना किसी रुकावट के, एक पूजा की जगह के रूप में प्रसिद्ध रहा है।

खूबसूरत रथ

हम्पी की सबसे मशहूर जगह, पत्थर का बना एक बड़ा सा मंदिर है, जो देखने में एक रथ की तरह लगता है. यह मंदिर विष्णु भगवान के वाहन गरुड़ को समर्पित है।

वह पक्षियों के राजा माने जाते थे। कहा जाता है कि किसी समय में इस मंदिर के ऊपर गरुड़ की मूर्ती हुआ करती थी, जिनका रूप पक्षी जैसा था। यह भी कहा जाता है कि ग्रेनाइट के ये पहिये किसी समय में घूमा करते थे।

9. तिरुपति : तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर तिरुपति में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है। तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है।

माना जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 9वीं शताब्दी से प्रारंभ होता है, जब काँच‍ीपुरम के शासक वंश पल्लवों ने इस स्थान पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था। परंतु 15 सदी के विजयनगर वंश के शासन के पश्चात भी इस मंदिर की ख्याति सीमित रही है।

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तिरुपति बालाजी का मंदिर (फोटो: सोशल मीडिया).

यहाँ के मुख्य स्थल है श्री पद्मावती समोवर मंदिर,श्री गोविंदराजस्वामी मंदिर, श्री कोदंडरामस्वमी मंदिर, श्री कपिलेश्वरस्वामी मंदिर, श्री कल्याण वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर, श्री कल्याण वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर, श्री वेद नारायणस्वामी मंदिर, श्री वेणुगोपालस्वामी मंदिर शामिल है।

अन्य प्रमुख स्थलों में श्री प्रसन्ना वैंकटेश्वरस्वामी मंदिर, श्री चेन्नाकेशवस्वामी मंदिर, श्री करिया मणिक्यस्वामी मंदिर, श्री अन्नपूर्णा-काशी विश्वेश्वरस्वामी, स्वामी पुष्करिणी, आकाशगंगा जलप्रपात, श्री वराहस्वामी मंदिर, श्री बेदी अंजनेयस्वामी मंदिर, टीटीडी गार्डन,और ध्यान मंदिरम शामिल है।

10. पुरी: पुरी, पूर्वी उड़ीसा राज्य, पूर्वी भारत में पुरी ज़िले के प्रशासनिक मुख्यालय, बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। यह समुद्रतटीय शहर एक व्यापारिक केंद्र के साथ रेल टर्मिनल और पर्यटन स्थल भी है।

इसके पूर्व में चावल की खेती वाले जलोढ़ मैदान तथा पश्चिम में पूर्वी घाट से आच्छन्न वनाच्छादित पर्वतीय क्षेत्र हैं। इन जंगलों में बांस और साल के वृक्ष हैं।

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भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर (फोटो: सोशल मीडिया).

पुरी, भगवान जगन्नाथ (संपूर्ण विश्व के भगवान), सुभद्रा और बलभद्र की पवित्र नगरी है, हिंदुओं के पवित्र चार धामों में से एक पुरी संभवत: एक ऐसा स्थान है जहां समुद्र के आनंद के साथ-साथ यहां के धार्मिक तटों और ‘दर्शन’ की धार्मिक भावना के साथ कुछ धार्मिक स्थलों का आनंद भी लिया जा सकता है। यहाँ का जगन्नाथ मंदिर और यहाँ की रथ यात्रा दोनों विश्व प्रसिद्ध है।

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