Gujarat Cabinet Expansion
गुरुवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में सीएम भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था. यह कदम अचानक जरूर लगा, लेकिन पार्टी नेतृत्व के पास इसकी पहले से पूरी रूपरेखा तैयार थी. सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला संगठन के शीर्ष नेतृत्व BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय आलाकमान के निर्देश पर लिया गया, ताकि आगामी चुनाव से पहले टीम में नए चेहरे लाए जा सकें और सरकार में नई ऊर्जा का संचार हो.
मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित किया गया है. यहां राज्यपाल आचार्य देवव्रत नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. इस मौके पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे. माना जा रहा है कि बीजेपी इस कार्यक्रम के माध्यम से संगठनात्मक शक्ति और राजनीतिक संदेश दोनों देने की तैयारी में है.
भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में इस बार करीब 27 मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है. खास बात यह है कि सौराष्ट्र क्षेत्र को इस बार विशेष प्राथमिकता दी जा सकती है. इसका कारण है कि आम आदमी पार्टी (AAP) इस इलाके में धीरे-धीरे अपनी पकड़ बना रही है और बीजेपी इसे 2027 से पहले कमजोर नहीं होने देना चाहती.
हालांकि सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार 4 से 5 मौजूदा मंत्रियों को फिर से जगह मिल सकती है. इससे सरकार में निरंतरता बनी रहेगी और प्रशासनिक अनुभव भी बना रहेगा.
इस बार जिन नामों को लेकर चर्चा तेज है, उनमें पुराने और नए दोनों चेहरे शामिल हैं, इसमें जयेश रादडिया, शंकर चौधरी, उदय कांगड़, अमित ठाकर, अमित पोपटलाल शाह, हीरा सोलंकी, महेश कासवाला, कौशिक वेकारिया, रीवाबा जाडेजा और अर्जुन मोढवाडिया के नाम शामिल है. इनके अलावा कुछ दिग्गज नेताओं पर भी भरोसा जताए जाने की संभावना है. इनमें मांडवी-कच्छ से अनिरुद्ध दवे, चोर्यासी से संदीप देसाई, लिंबायत से संगीता पाटिल और नडियाद से पंकज देसाई शामिल हैं.
दिलचस्प बात यह है कि इस बार पार्टी कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है. इनमें अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल और सी जे चावड़ा जैसे नामों पर मुहर लग सकती है. इससे पार्टी विपक्ष के वोट बैंक में सेंध लगाने और 2027 के चुनाव से पहले व्यापक जनाधार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.
गुजरात बीजेपी संगठन इस मंत्रिमंडल विस्तार को सिर्फ प्रशासनिक फेरबदल नहीं, बल्कि 2027 की चुनावी रणनीति की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम मान रहा है. पार्टी चाहती है कि विभिन्न क्षेत्रों खासकर सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात से नए चेहरों को आगे लाकर सामाजिक समीकरणों को और मजबूत किया जाए.
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