IndiGo Flight Cancellations: गुरुवार को इंडिगो की 300 से ज़्यादा फ़्लाइट्स कैंसिल कर दी गईं, जिसके बाद पूरे भारत के बड़े एयरपोर्ट पर अफ़रा-तफ़री जारी रही और एयरलाइन को क्रू रोस्टरिंग के नए कड़े नियमों को अपनाने में मुश्किल हो रही थी. बुधवार को, एयरलाइन ने कम से कम 150 फ़्लाइट्स कैंसिल कर दीं और बताया कि उसने अगले 48 घंटों के लिए अपने शेड्यूल में “कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट” शुरू कर दिए हैं. ऐसे में आइए जानें कि यह पूरा मामला क्या है और इसका प्रभाव किन-किन शहरों पर पड़ा हैं.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, Federation of Indian Pilots (FIP) ने सीधे तौर पर IndiGo पर आरोप लगाया कि एयरलाइन ने पिछले दो साल में पायलटों की कमी को नजरअंदाज़ किया. जबकि नए FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियम लागू होने से पहले एयरलाइन को खुद पता था कि उन्हें ज़्यादा पायलटों की जरूरत पड़ेगी, फिर भी कंपनी ने Hiring Freeze लगा दिया. इसका मतलब यह हुआ कि पुरानी टीम ही इतने बड़े नेटवर्क को संभाल रही थी, जबकि उड़ानों की संख्या बढ़ती जा रही थी.
इन शहरों पर पड़ा इसका प्रभाव
सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) बुधवार को एक दिन पहले के 35% से घटकर 19.7% हो गया. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को दिल्ली से 33, हैदराबाद से 68, मुंबई से 85 और बेंगलुरु से 73 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गईं. बुधवार को, दिल्ली एयरपोर्ट पर कम से कम 67 फ्लाइट्स (37 डिपार्चर और 30 अराइवल), बेंगलुरु में 42, हैदराबाद में 40 (19 डिपार्चर और 21 अराइवल), और मुंबई में 33 (17 डिपार्चर और 16 अराइवल) कैंसिल कर दी गईं.
DGCA की कड़ी निगरानी
DGCA ने इंडिगो को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें पूरी जानकारी और भविष्य में ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा गया है. FIP ने सुझाव दिया है कि अगर इंडिगो के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है, तो उसके स्लॉट दूसरी एयरलाइनों को दे दिए जाने चाहिए. अगर DGCA इस सुझाव को लागू करता है, तो इंडिगो को काफी नुकसान हो सकता है.