Over Parenting Is Harmful: क्यों नहीं करना चाहिए बच्चों पर ज्यादा रोक-टोक?
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Over Parenting Is Harmful: हर माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा और बेहतर भविष्य के लिए कंसर्न्ड रहते हैं। माता-पिता का ऐसा करना स्वाभाविक भी है। बदलती जेनरेशन के साथ माता-पिता का तौर-तरीका भी बदलना जरूरी है। साइंस कहता है कि दो बच्चों पर माता-पिता का एक ही तरीका काम नहीं आता। मगर कई बार माता-पिता यह बात भूल जाते हैं और अपने बच्चे को एक सांचे में ढालने की कोशिश करते हैं। माता-पिता कोशिश करते हैं कि उनके बच्चे गलती न करें और इसके लिए वो बच्चों पर अपने तरीके जरूरत से ज्यादा थोपने लगते हैं। जब माता-पिता अपने बच्चों की जिंदगी से जुड़े फैसले खुद ही लेने लगते हैं या ओवर प्रोटेक्टिव हो जाते हैं तो इसे ओवर पेरेंटिंग (परवरिश) कहते हैं। आइए जानते हैं इस लेख के जरिए की माता-पिता को बच्चों के साथ कैसे रहना चाहिए और कितने प्रकार की होती पेरेंटिंग।
कितने प्रकार की होती ओवर पेरेंटिंग?
- आधिकारिक: बच्चों के लिए नियम और सीमाएं निर्धारित होती हैं।
- सत्तावादी परवरिश शैली: यहां बच्चों के लिए बातचीत की जगह बहुत कम होती है और नियम व कानून सख्त होते हैं।
- लगाव वाली परवरिश: इसमें माता-पिता अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं और उन्हें दुलारते हैं। उनके साथ खाते-पीते और खलते हैं।
- अनुज्ञेय: सख्त सीमाएं निर्धारित नहीं की जाती और ना ही बच्चों को नियंत्रित किया जाता है।
- फ्री पेरेंटिंग: इसमें बच्चों के लिए आजादी, जिम्मेदारी, स्वतंत्रता और नियंत्रण, चारों ही चीजें शामिल होती हैं।
- हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग: इसमें माता-पिता प्यार और चिंता बहुत ज्यादा करते हैं। वे पूरी तरह से अपने बच्चों को गलतियों से बचाते हैं और उन्हें खुद से कुछ करने नहीं देते।
- उपेक्षित: इसमें माता-पिता अपने बच्चों पर ध्यान ही नहीं देते। ऐसे माता-पिता कई बार गैर-जिम्मेदार नजर आते हैं।
क्या है ओवर पेरेंटिंग? ( Over Parenting Is Harmful)
- बच्चों के हर काम को अपनी मर्जी के हिसाब से करवाने की कोशिश करना।
- बच्चों की जिंदगी से जुड़े हर फैसले खुद लेना।
- हर समय बच्चों को लेकर ओवर प्रोटेक्टिव रहना।
- बच्चों की लाइफ को अपने हिसाब से कंट्रोल करना।
- बच्चों को खराब अनुभवों, चोट लगने पर होने वाले दर्द से दूर रखना।
- बच्चों के किसी तरह के फेलियर या रिजेक्शन एक्सेप्ट नहीं करना।
- कुछ भी नया करने से बच्चों को रोक देना।
ओवर पेरेंटिंग के कारण क्यों होती हैं गलतियां?
- बच्चों से ज्यादा उम्मीद लगाना: हर माता-पिता अपने बच्चों से इतनी उम्मीदें लगा लेते हैं कि बच्चे के मन में डर हावी हो जाता है।
- करियर के फैसले खुद लेना: माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य या पढ़ाई के मामले में खुद ही फैसला लेना सही समझते हैं।
- दोस्तों के साथ घूमने में पाबंदी: कई माता-पिता डर के कारण बच्चों को बाहर या दोस्तों के साथ घूमने जाने का फैसला भी उन्हें नहीं लेने देते हैं।
- हर बात में रोक टोक: बच्चों से हमेशा अच्छे की उम्मीद में उन्हें खाने से लेकर कपड़े पहनने तक में रोकने टोकने लगते हैं।
- कंट्रोल करना: माता पिता ये मान लेते हैं कि उनका तरीका ही बेहतर है। वे अपने बच्चे की बात सुने बिना हर काम के लिए सिर्फ आर्डर देना ही बेहतर समझते हैं।
- दूसरों के नेचर को कंट्रोल करना: माता-पिता कोशिश करते हैं कि शिक्षक,दोस्त या रिश्तेदार उनके बच्चों के साथ उनके अनुसार व्यवहार करें।
ओवर पेरेंटिंग से क्या हैं नुकसान? ( Over Parenting Is Harmful)
- बच्चों के आत्मविश्वास में कमी आना।
- सीखने की ललक खत्म होना।
- मानसिक बीमारी का शिकार होना।
- आत्मसम्मान की कमी होना।
- दोस्तों में हंसी का पात्र बनना।
- निर्णय शक्ति कम होना आदि।
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