India News (इंडिया न्यूज), MP News: ग्वालियर के गिरवाई थाना क्षेत्र के सिकंदर कंपू स्थित राजपूत कॉलोनी में SAF (विशेष सशस्त्र बल) की 14वीं बटालियन के आरक्षक देवेंद्र सिंह ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। यह घटना कई सवाल खड़े कर रही है बताया जा रहा है कि देवेंद्र को विभागीय शिकायतों के कारण निलंबित किया गया था और वह लंबे समय से मानसिक तनाव में था।
क्यों हुआ था आरक्षक निलंबित
थाना प्रभारी सुरेंद्र नाथ सिंह के अनुसार, देवेंद्र सिंह को शराब की लत थी और वह अक्सर ड्यूटी से गैरहाजिर रहता था। इन्हीं कारणों से उसे निलंबित किया गया और विभागीय जांच जारी थी। बीती रात वह अपने घर लौटा और कमरे में चला गया। कुछ समय बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उपचार के दौरान आधी रात को उसकी मौत हो गई।
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तनाव ने ली जान या कुछ और?
परिजनों ने बताया कि निलंबन के बाद से देवेंद्र मानसिक तनाव में था। विभागीय अधिकारियों द्वारा बार-बार दी गई सख्त चेतावनियों ने उसकी परेशानी बढ़ा दी थी। सवाल यह उठता है कि क्या विभागीय कार्रवाई ने उसके मानसिक स्वास्थ्य को इतना प्रभावित किया कि उसने यह कठोर कदम उठाया? पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और देवेंद्र के सहकर्मियों और परिवार से पूछताछ कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या आत्महत्या के पीछे कोई और वजह है, या फिर यह पूरी तरह से मानसिक तनाव और निलंबन का परिणाम है।
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क्या विभागीय कार्रवाई ने ली आरक्षक की जान ?
देवेंद्र की आत्महत्या ने उसके सहकर्मियों और विभाग में गहरी हलचल पैदा कर दी है। सवाल यह भी है कि क्या विभागीय कार्रवाई का तरीका इतना कठोर था कि उसने देवेंद्र को इस हद तक मानसिक रूप से तोड़ दिया। घटना के बाद से परिवार सदमे में है और जवाब मांग रहा है। पुलिस और प्रशासन के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य और विभागीय प्रक्रिया के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।