India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) बढ़ोतरी का इंतजार लंबा होता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, पिछले 8 महीनों से कर्मचारियों को 3% डीए और पेंशनरों को डीआर नहीं मिला है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में, कर्मचारियों का कहना है कि सरकार लाड़ली बहना योजना के तहत हर महीने 1,250 रुपये की सहायता राशि दे रही है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों की महंगाई से निपटने की जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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बता दें, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया कि प्रदेश में 12 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्हें डीए और डीआर नहीं मिलने से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बताया गया है कि, कर्मचारियों को हर महीने 465 से 4,230 रुपये तक का नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं, 8 महीनों में यह नुकसान 3,720 से 33,840 रुपये तक पहुंच गया है। इसके अलावा सरकार हर महीने 1,574 करोड़ रुपये लाड़ली बहना योजना पर खर्च कर रही है, लेकिन कर्मचारियों को उनका हक नहीं मिल रहा।
दूसरी तरफ,कर्मचारी संघ ने कहा कि सरकार की योजनाओं को लागू करने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारी खुद महंगाई से जूझ रहे हैं। उन्हें आने वाले समय में गेहूं और अन्य अनाज खरीदने, स्कूल-कॉलेजों की फीस और घर के खर्चे के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत है। ऐसे में इस संघ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील की है कि जुलाई 2024 से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत लागू की जाए, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके।
फिलहाल सवाल यह उठता है कि क्या सरकार जल्द ही कर्मचारियों की इस मांग को पूरा करेगी या फिर सरकारी कर्मचारियों को और इंतजार करना पड़ेगा? कर्मचारियों को उम्मीद है कि आगामी बजट में सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस फैसला लेगी।
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