बढ़ते कोरोना के मामले ने चीन को एक बार फिर धराशायी कर दिया है। चीन में हालात इतनी खराब हो गई है कि लोगों को पेन किलर की गोली तक नहीं मिल रही है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद चीन में बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द को दूर में काम आने वाली आईबुप्रोफेन (ibuprofen) की मामूली गोली भी नहीं मिल रही है. ये वही गोली है जिसे भारत में आप बड़े आराम से दवा की दुकान में जाकर खरीदते हैं. लेकिन चीन में हालात ये कि अब Ibuprofen टैबलेट का कोटा फिक्स करना पड़ा है. एक व्यक्ति दवा दुकान में एक निश्चित सीमा से ज्यादा आईबुप्रोफेन के टैबलेट नहीं खरीद सकता है.
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार पूर्वी चीन के जियांग्सू राज्य की राजधानी नानजिंग में आईबुप्रोफेन की किल्लत दूर करने के लिए स्थानीय प्रशासन रोजाना 20 लाख गोलियां मार्केट में उतारने जा रहा है. ये दवा सोमवार से मिलनी शुरू हो गई है. लेकिन आईबुप्रोफेन टैबलेट की किल्लत को इसी बात से समझा जा सकता है कि यहां एक ग्राहक को इस दवा के 6 टैबलेट ही दिए जाएंगे.
बता दें कि इस वक्त चीन में कोरोना के केस रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रहे हैं. चीन में अभी कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट BA.5.2 और BF.7 तबाही मचा रहा है. कोरोना का ये वैरिएंट बेहद संक्रामक है और बड़ी तेजी से फैलता है. दुनिया के एक नामी महामारी विशेषज्ञ एरिक फिगल डिंग (Eric Feigl-Ding) ने चेतावनी दी है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना की चपेट में आने वाली है. लगभग 1.5 अरब की आबादी वाले चीन के लिए 60 फीसदी का ये आंकड़ा कितने लोगों को कोरोना की गिरफ्त में सकता है ये अनुमान लगााना ही डरावना है.