Who is Maneka Gandhi मेनका गांधी का राजनीतिक करियर मेनका गांधी पति संजय गांधी के साथ राजनीतिक यात्राओं में रहती थीं। उनके अभियानों में काफी मदद की। 1977 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद पार्टी के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेनका को मॉडलिंग के साथ-साथ लेखन का भी शौक है। मेनका […]
मेनका गांधी पति संजय गांधी के साथ राजनीतिक यात्राओं में रहती थीं। उनके अभियानों में काफी मदद की। 1977 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद पार्टी के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेनका को मॉडलिंग के साथ-साथ लेखन का भी शौक है। मेनका एक राजनीतिक पत्रिका सूर्या की संस्थापक बनी, जिसमें इंदिरा गांधी का इंटरव्यू छपा। इससे कांग्रेस की छवि सुधारने में मदद मिली। संजय गांधी की मृत्यु ने मेनका को 1982 में राजनीति में प्रवेश कराया। इसके बाद मेनका ने परिवार से संबंध तोड़ लिए।
संजय विचार मंच से भाजपा और अब? (Who is Maneka Gandhi )
गांधी परिवार से अलग होने के बाद मेनका ने अपनी खुद की एक राजनीतिक पार्टी संजय विचार मंच के नाम से शुरू की। इस पार्टी का मुख्य फोकस युवाओं के रोजगार और सशक्तीकरण पर था। इस पार्टी ने आंध्रप्रदेश राज्य से चुनाव लड़ा और चार सीटों पर जीत हासिल की।
जनता दल
सन 1988 में संजय विचार मंच का जनता दल के साथ गठबंधन हो गया। मेनका गांधी को महासचिव बनाया। 1989 में अपना पहला चुनाव जीता। तब मेनका को पर्यावरण मंत्री बनाया। सन 1989 से सन 1991 तक वे इसमें रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पशु कल्याण के लिए विभाग बनाया. तभी देश के एतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा के लिए भी कानून बनाए।
Rare Pics of Maneka Gandhi (Who is Maneka Gandhi )
निर्दलीय नेता के रूप में
1996 में मेनका ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पीलीभीत से चुनाव जीता। वर्ष 1999 में मेनका ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया, हालांकि वे उस समय इसमें शामिल नहीं हुईं थी। किन्तु उस दौरान मेनका गांधी जी को सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री के रूप में नियुक्त किया था। इस दौरान मेनका ने ओएएसआईएस प्रोजेक्ट में कई सुधार करने शुरू किये। नया पेंशन सिस्टम आया जिसे सन 2004 में लागू किया था। मेनका ने गोद लेने के कानूनों को आसान बनाया और साथ ही सड़कों में रहने वाले बच्चों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया।
इसके बाद सन 2004 में मेनका गांधी पूरी भाजपा में शामिल हो गई। पीलीभीत से फिर से आम चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद ओनला से लोकसभा चुनाव जीता। सन 2014 में लोकसभा पीलीभीत से जीता।
Photos of Maneka Gandhi
मेनका गांधी पर्यावरण विद के रूप में (Who is Maneka Gandhi )
मेनका गांधी को पर्यावरण और जीवों के प्रति प्रेम रहा। वे अक्सर उनके कल्याण के लिए काम करतीं। उन्हें पर्यावरण विद के रूप में भी जाना जाता है। पशु अधिकारों के मुद्दे को सबसे आगे लाने में भूमिका निभाई। 1995 में वे जानवरों पर प्रयोगों के नियंत्रण और देखभाल के उद्देश्य से कमेटी की अध्यक्ष बनीं। मेनका ने उनके कल्याण के लिए पीपल फॉर एनिमल नाम की संस्था बनाई। इसके लिए टीवी पर हेड्स एंड टेल्स शो शुरू किया।
उनके राजनीति में कदम रखने के बाद पहली नियुक्ति 1988 में जनता दल के महासचिव के रूप में हुई।
एक साल बाद 9वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में इन्हें चुना गया था। उसी वर्ष वे राज्य की केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्री बनी।
1990 में मेनका गांधी जी को राज्य के केन्द्रीय कार्यक्रम लागू करने के लिए चुना गया था।
1996 में वे विज्ञान और प्रोद्योगिकी एवं पर्यावरण और वन संबंधी कमिटी के सदस्य के रूप में चुना गया था। इसकी सदस्य वे सन 1997 तक बनी रही।
सन 1998 में मेनका फिर से 12 वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं और उन्हें 1 साल तक राज्य की केंद्रीय समाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री बनाया गया।
सन 1999 में इन्हें 13 वीं लोकसभा में चुनने के बाद राज्य की सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री के पद के लिए फिर से नियुक्त किया गया।
सन 2001 में मेनका गांधी जी को राज्य के केन्द्रीय कार्यक्रम लागू करने और पशु देखभाल के अतिरिक्त चार्ज के साथ स्टेटिस्टिक्स के लिए चुना गया था।
सन 2002 में मेनका गांधी जी को विदेश मंत्रालय की समिति के सदस्य के रूप में चुन कर उन्हें इसमें शामिल किया गया. वे इसमें सन 2004 तक कार्यरत रहीं।
सन 2004 में मेनका ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया. और वे 14 वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं। इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति, सलाहकार समिति और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का सदस्य बनाया गया।
भाजपा के इस कार्यकाल के दौरान बाद में सन 2007 में मेनका गांधी जी केवल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति का सदस्य बनी हुई थी।
सन 2009 में अगस्त महीने में उन्हें रेलवे समिति का सदस्य बनाया गया और फिर इसी साल ये सितम्बर में सरकारी बीमा समिति की अध्यक्ष और अक्टूबर में जनरल पर्पस कमिटी की सदस्य चुनी गई।
इसके बाद सन 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तब मेनका गांधी जी उनकी केबिनेट में महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में नियुक्त हुई थी और तब से अब तक वे इस पद पर आसीन हैं।
ये रहीं उपलब्धियां
मेनका गांधी जी ने अपने अब तक के जीवन में निम्न अवार्ड एवं उपलब्धियां हासिल की हैं
मेनका ने सबसे पहले सुप्रीम मास्टर चिंग है इंटरनेशनल एसोसिएशन की ओर से 20,000 डॉलर के चेक के साथ शाइनिंग वर्ल्ड कम्पैशन अवार्ड जीता था।
इसके बाद सन 1992 में मेनका को अवार्ड मिला था, यह अवार्ड आरएसपीसीए की ओर से दिया गया लार्ड एर्स्किन अवार्ड था।
मेनका को सन 1994 में साल की पर्यावरणविद और शाकाहारी के रूप में पुरस्कार दिया गया था।
दो साल बाद यानि सन 1996 में मेनका गांधी जी को प्राणी मित्र पुरस्कार से नवाजा गया था। इसी साल महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ने उन्हें पर्यावरणीय काम के लिए सम्मानित भी किया था।
सन 1999 में मेनका ने वीनू मेनन एनिमल एलाइज फाउंडेशन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड पर जीत हासिल की थी।
भगवान महावीर फाउंडेशन के द्वारा उन्हें हिंसा और शाकाहार के क्षेत्र में बेहतरी के लिए सम्मानित किया गया और साथ ही डेवलिबेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने भी उन्हें सम्मानित किया।
मेनका ने सन 2001 में चेन्नई में अंतर्राष्ट्रीय महिला एसोसिएशन वुमन आफ द ईयर का अवार्ड भी अपने नाम किया।
पर्यावरण और पशु कल्याण क्षेत्र में मेनका गांधी जी के द्वारा किये गए कार्य के लिए उन्हें साल 2001 में दीनानाथ मंगेशकर आदिशक्ति पुरस्कार एवं रुक्मिणी देवी अरुंडेल एनिमल वेलफेयर अवार्ड प्रदान किया गया, फिर साल 2008 में इसी क्षेत्र में उन्हें एसीजी जयकार अवार्ड भी दिया गया।
ये विवाद भी जुड़ा
मेनका गांधी अक्सर अपने टिप्पणियों के कारण विवादों में पाई गई है। जून 2017 में एक फेसबुक लाइव सेशन के दौरान, उन्होंने एक टिप्पणी की थी कि पुरुष आत्महत्या नहीं करते हैं। इस टिप्पणी के चलते मेनका को काफी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली। इससे उन्हें कई सवालों में घेर दिया गया था। फिर उस दौरान लोगों की ओर से यह बोला गया कि भारत में आत्महत्या के 68% मामले पुरुषों के होते हैं।