पटना (Madhepura DM And MLA): बिहार में जब नीतीश कुमार ने राजद के साथ सरकार बनाई तो कुछ दिनों में पटना में प्रर्दशन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ तब खबर आई की ऐसा करने वाले अधिकारी को उपमुख्यमंत्री तेस्जवी यादव ने फोन करके फटकार लगाई। कुछ दिनों के बाद मद्यनिषेध आबकारी और निबंधन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक एक बैठक में गाली देते नजर आए। फिर एक बार बिहार में एक अधिकारी की हरकत चर्चा में हैं।
देश के लगभग हर राज्य में विपक्षी दल यह आरोप लगाता है कि अफरशाही बेलगाम हो गई है। लेकिन बिहार में ऐसा नजारा देखने को मिल रखा है जहां सत्ता पक्ष के विधायक भी अधिकारियों से परेशान नजर आ रहे है। दरसअल, बिहार के मधेपुरा में महाशिवरात्रि के दिन सिंहेश्वर धाम में सिंहेश्वर मेले को उद्घाटन होना था। मधेपुरा के डीएम श्याम बिहारी मीणा ने मेले का उद्घाटन किया। वही सिंहेश्वर के विधायक चंद्रहास चौपाल मेले में लगे पीआरडी के स्टॉल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। विधायक जी ने इस दौरान जनता के दुख दर्द को अधिकारियों को बताया।
madepura incident
विधायक चंद्रहास चौपाल अधिकारियों से बात कर ही रहे थे की डीएम भी वहां पहुंचे। जब विधायक ने डीएम से बात करने की कोशिश की तो डीएम ने सुनना भी जरूर नहीं समझा और मुड़कर चले गए। विधायक ने कई बार डीएम साहब, डीएम साहब कहा लेकिन डीएम मौके से चले गए। इसके बाद विधायक ने डीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि डीएम हमारी बात नहीं सुनते, जब अधिकारी विधायक की बात सुनते तो हमारा क्या काम है?।
यह पहली बार नहीं है जब मधेपुरा के डीएम पर जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनने का आरोप लगा हो, सिंहेश्वर के विधायक चंद्रहास चौपाल के अलावा मधेपुरा सदर के राजद विधायक भी डीएम पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाते रहे है। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर भी डीएम पर कई बार फोन नहीं उठाना का आरोप लगा चुके है। मंत्री उनकी शिकायत बड़े अधिकारियों से भी कर चुके है।