इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हिंसक झड़प हुई। बातचीत से मामला शांत हुआ लेकिन अब खुद को मजबूत करने की बारी है। इसी क्रम में भारत ने भी सैनिकों और गोला-बारूद की तैनाती बढ़ा दी है। सीमा पर दुश्मन की पहुंच सीमित करने के लिए भारतीय सेना ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने की तैयारी में है। 150 से 500 किलोमीटर तक की रेंज वाली यह मिसाइल सॉलिड प्रॉपलेंट पर काम करती है और कई नई टेक्नोलॉजी से लैस है। अगले हफ्ते होने वाली बैठक में इसे कमीशन करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
प्रलय मिसाइल का परीक्षण पिछले साल ही हो चुका है। इसके दोनों टेस्ट सफल रहे हैं. भारतीय सेनाएं रॉकेट फोर्स बनाने की तैयारी में हैं, ऐसे में इस मिसाइल को शामिल किया जाना इसी की ओर एक अहम कदम साबित हो सकता है। हाल ही में नेवी चीफ एडमिरल हरि कुमार ने दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के बारे में कहा था कि वह देश में एक रॉकेट फोर्स तैयार करना चाहते थे जिससे दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके।
भारतीय सेनाओं की ओर से प्रलय को कमीशन करने का प्रस्ताव अडवांस स्टेज पर है। इसी हफ्ते होने वाली हाई लेवल मीटिंग में इसे पास किया जा सकता है. इस मिसाइल में स्वदेशी नैविगेशन सिस्टम लगा है। सतह से सतह पर हमला करने वाली यह मिसाइल इंटरसेप्टर को भी चकमा देकर दुश्मन को तबाह कर सकती है। इसके बारे में कहा जाता है कि एक तय रेंज के बाद यह मिसाइल अपना रास्ता भी बदल सकती है।
जानकारी दें, चीन के साथ LAC पर चल रहे तनाव को देखते हुए ऐसे हथियार भारत के लिए काफी अहम हैं। चीन ने सीमा के आसपास कई सैन्य ठिकाने और रिहायशी इलाके बनाए है। ऐसे में इस तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल करके उन्हें पलक झपकते ही मिट्टी में मिलाया जा सकता है।
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